राष्ट्रीय एकता संगोष्ठी सिर्फ एक आयोजन नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय भावना है और रतलाम भारत का लघु रूप- विनय पत्राले

भारत भारती द्वारा रतलाम में राष्ट्रीय एकता संगोष्ठी 20245 का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने विविधता की चुनौतियों का सामना कर रहे देशे के बारे में बताया।

राष्ट्रीय एकता संगोष्ठी सिर्फ एक आयोजन नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय भावना है और रतलाम भारत का लघु रूप- विनय पत्राले
संगोष्ठी को संबोधित करते अतिथि।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । “यह संगोष्ठी केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भावना है। हम रतलाम को भारत का लघु रूप मानते हैं, जहाँ पंजाब का उत्साह, बंगाल की संवेदनशीलता, राजस्थान की सांस्कृतिक गरिमा और दक्षिण भारत की व्यावहारिकता एक साथ साकार हो रही हैं। भारत-भारती इसी भावना को सुदृढ़ करने का माध्यम है।”

यह बात भारत भारती संस्था के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विनय पत्राले ने राष्ट्रीय एकता संगोष्ठी 2025 में कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता को केवल राजनैतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और मानवीय स्तर पर सशक्त करने की आवश्यकता है। बता दें कि पत्राले आयोजन समिति के अध्यक्ष भी हैं। उनके मार्गदर्शन में हुई संगोष्ठी में देश के विभिन्न प्रांतों से रतलाम में बसे नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। आयोजन ने विविधता में एकता के सजीव दर्शन कराए और एक नए सामाजिक संवाद की शुरुआत की।

संगोष्ठी संवाद, सहिष्णुता और सशक्तिकरण का मंत्र है- अंकलेसरिया

विशेष अतिथि एवं सामाजसेवी गुस्ताद अंकलेसरिया ने कहा कि “आज जब देश विविधता की चुनौतियों का सामना कर रहा है, ऐसे समय में यह एकता संगोष्ठी समाज में संवाद, सहिष्णुता और सशक्तिकरण का मंत्र लेकर आई है। हमें अपनी भाषा, वेशभूषा और परंपराओं को साझा करना चाहिए, ताकि हमारी जड़ें मजबूत हों और शाखाएँ विश्व में फैल सकें।” अध्यक्ष कमल वसले ने भी विचार व्यक्त किए।

एडवोकेट दवेसर बनीं रतलाम संयोजक

संगोष्ठी के दौरान भारत-भारती संस्था की रतलाम संयोजक का दायित्व एडवोकेट एवं समाजसेवी अदिति दवेसर को दिया गया। सह संयोजक प्रवीण रामावत बनाए गए। आयोजन समिति में विक्रम चौधरी, राकेश यादव, राहुल सक्सेना, विम्पी छाबड़ा, डॉ. प्रवीणा दवेसर, डॉ. हितेश पाठक, किरण दीक्षित, विशाल चतुर्वेदी, मीनाक्षी मलिक सहित अन्य शामिल रहे। संचालन डॉ. रविन्द्र उपाध्याय ने किया। आभार प्रदर्शन रतलाम की नवनियुक्ति संयोजक अदिति दवेसर ने किया। उन्होंने भारत भारती, उसके उद्देश्य और संगोष्ठी पर भी प्रकाश डाला।