नीबू काटते ही निकलने लगा खून और नारियल में पानी से लग गई आग... यह जादू नहीं, विज्ञान है
अंधविश्वासों से उबारने और विज्ञान के सिद्धांतों को समझाने के उद्देश्य से शिक्षकों के लिए ऑनलान प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें जिले के 173 स्कूलों के शिक्षकों ने भाग लिया।
नवाचार : 10वीं बोर्ड के सैद्धान्तिक और प्रायोगिक सिलेबस से जुड़े प्रयोग भी सिखाए
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जैसे ही चाकू से नींबू को काटा उसमें से खून निकलने लगा। बात यहीं खत्म नहीं हुई। अब नारियल में पानी से आग लगाने की बारी थी तो वह भी आसानी से हो गई। बिना माचिस और पत्थर रगड़े स्वतः ही आग जल गई। विज्ञान के ऐसे ही चमत्कार दिखाकर लोग दूसरों को भ्रमित करते हैं और अंधविश्वास फैलाते हैं। यह जादू नहीं, विज्ञान है यह बताने के लिए हाईस्कूल में विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए जिला स्तरीय ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण 'जिला स्तरीय जादू नहीं विज्ञान - समझना और समझाना आसान है' अभियान के तहत किया। इसमें विशेषज्ञों ने वैज्ञानिक सिद्धांतों की व्याख्या की। प्रयोग कर के यह भी बताया कि जादू नहीं विज्ञान है। कार्यक्रम समन्वयक जितेंद्र जोशी ने बताया ऑनलाइन दो घण्टे चली गतिविधि से जिले के 186 में से 173 हाई स्कूल के विज्ञान शिक्षक जुड़े।
एडीपीसी रमसा अशोक लोढ़ा ने बताया कि जिला विज्ञान अधिकारी गजेंद्र सिंह राठौर के नेतृत्व में प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान राज्य स्तर से प्राप्त गतिविधि पुस्तिका के आधार पर चमत्कारिक ढंग से स्वागत सामग्री प्रकट की गई। इसमें नीबू से खून निकलना, नारियल में पानी से आग लगना, अपने आप आग प्रकट होना, रसायन से रंग बदलना, गैसों का चमत्कारिक तरीके से निकलने के वैज्ञानिक आधार बताए।
कक्षा 10वीं के सिलेबस के प्रयोग भी बताए
प्रशिक्षक अनिल मिश्रा और गिरीश लहवासिये ने इन चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या की। साथ विस्थापन अभिक्रिया, संयोजन अभिक्रिया, द्विविस्थापन, लिटमस टेस्ट,धातुओं के गुणों से सम्बंधित चमत्कारिक प्रयोग भी दिखाए जिनकी व्याख्या प्राचार्य संध्या वोरा ने की।
स्कूल से लेकर जिलास्तर तक होगी प्रतियोगिता
जिला शिक्षा अधिकारी के. सी. शर्मा ने बताया आयुक्त लोक शिक्षण के निर्देशानुसार ये गतिविधि विद्यालय स्तर पर हाइस्कूल के समस्त बच्चों के बीच सम्पन्न होगी। इससे उन्हें न सिर्फ चमत्कारों के पीछे छिपे विज्ञान की जानकारी होगी, बल्कि आगामी परीक्षा की तैयारी में भी मदद मिलेगी। चयनित बच्चे ब्लॉक और जिला स्तर पर भाग लेंगे। ऑनलाइन प्रशिक्षण के आयोजन में जिला विज्ञान अधिकारी गजेंद्र सिंह राठौर और व्याख्याता आर सी मईड़ा ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया।