रतलाम में कोरोना का मरीज ! स्वास्थ्य अमले ने जिला अस्पताल के फीवर क्लीनिक पहुंचाया, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ ने भी दिखाई ऐसी मुस्तैदी

मंगलवार को रतलाम जिला अस्पताल में उस समय मरीज सकते में आ गए जब पीपीई किट पहने स्वास्थ्य अमला एक युवक को लेकर फीवर क्लीनिक पहुंचा। उसे देखते ही अस्पताल का अमला भी बिजली की फुर्ती की तरह हरकत में आ गया।

रतलाम में कोरोना का मरीज ! स्वास्थ्य अमले ने जिला अस्पताल के फीवर क्लीनिक पहुंचाया, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ ने भी दिखाई ऐसी मुस्तैदी
रतलाम । कोरोना के संभावित मरीज को जिला अस्पताल के फीवर क्लीनिक ले जाते स्वास्थ्यकर्मी। (मॉकड्रिल)

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सायरन बजाती हुई एक एम्बुलेंस मंगलवार सुबह करीब 10 बजे जिला अस्पताल के फीवर क्लीनिक के सामने जा कर रुकी। यहां पीपीई किट पहने और मास्क लगाए डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ पहले से ही अलर्ट था। एम्बुलेंस के आते ही उसका दरवाजा खुला तो पीपीई किट पहने अमले ने उसमें मौजूद एक युवक को उतारा और क्लीनिक के अंदर ले जाकर बैठा दिया। डॉक्टर भी उसका परीक्षण किया जहां कोरोना के लक्षण की पुष्टि नहीं होने पर उसे जाने दिया।

मीडिया में कोरोना को लेकर आ रही खबरों और केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जा रहे अलर्ट के बीच अचानक इस तरह का नजारा देख जिला अस्पताल में मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। सभी की जुबान पर एक ही बात थी कि रतलाम में भी कोरोना आ गया है। तभी उन्हें बताया गया कि आप घबराएं नहीं, यह मॉकड्रिल है जो कोरोना से लड़ने की व्यवस्थाओं को जांचने के लिए की गई है। तब जाकर अस्पताल में मौजूद लोगों की जान में जान आई।

दरअसल अस्पताल की कोरोना मरीजों के उपचार और इससे लड़ने को लेकर व्यवस्थाएं कितनी पुख्ता और चाकचौबंद हैं यह जांचने के लिए पूरे देश में मंगलवार को मॉकड्रिल का आयोजन किया गया है। इसी तारतम्य में रतलाम में भी मॉकड्रिल की गई। 

इन व्यवस्थाओं को परखा

केंद्र और राज्य सरकार के साथ ही रतलाम जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का अमला भी अलर्ट मोड पर है। मंगलवार को हुई मॉकड्रिल में जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं। इस दरान अधिकारियों ने ऑक्सीजन की उपलब्धता, उत्पादन और इसकी ऑनलाइन मॉटिरिंग का भी जायजा लिया। कोविड केयर वार्ड की व्यवस्थाएं भी जांची। वेंटीलेटर और बाइपेप मशीन अधिकारियों ने अपनी मौजूदगी में चालू कर के देखी।

ये रहे मौजूद

कोरोना मरीजों अथवा संभावितों की जांच के लिए जिला अस्पाल में फीवर क्लीनिक को पुनः सक्रिय कर दिया गया है। पूर्व की लहर के दौरान भी यह फीवर क्लीनिक संचालित था। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अमले का फोकस यह है कि फीवर क्लीनिक तक एम्बुलेंस आसानी से पहुंच सके और उससे मरीज को बिना बाधा फीवर क्लीनिक की ओपीडी और उसके बाद कोविड केयर वार्ड तक पहुंचाया जा सके। मॉकड्रिल के दौरान प्रभारी सीएमओचओ डॉ. वर्षा कुरील, सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर, आरएमओ डॉ. रवि दिवेकर, डॉ. कृपालसिंह राठौर, डॉ. जीआर गौड़, डॉ. प्रमोद प्रजापति सहित अन्य मुस्तैद रहे।

स्वास्थ्य केंद्रों की व्यवस्थाएं भी जांच

जिला मुख्यालय पर जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्र भी पहुंचे और कोरोना की जांच और इलाज के लिए जरूरी व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान अधिकारियों ने स्वास्त्य अमले को पूरी एहतियात बरतने तथा हर वक्त अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने वहां मौजूद मरीजों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, सेनिटाइजर और मास्क का उपयोग करने की सलाह भी दी।