नाली की गंदगी दिखाई तो वाट्सएप ग्रुप से रिमूव कर दिया, कलेक्टर ने नाले में गंदगी का अंबार दिखाया तो क्या उन्हें जिले से बाहर करेंगे ?

  स्वच्छता अभियान के बाद भी शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर हैं। नाले भी गंदगी से पटे पड़े हैं। लगभग सभी नालों पर कब्जे और निर्माण हैं। यह सब देख कर कलेक्टर अपने गुस्से पर काबू नहीं कर पाए और नगर निगम अमले को सख्त हिदायत दी। उन्होंने सफाई की गति धीमी होने पर सख्त नाराजगी जताई।

नाली की गंदगी दिखाई तो वाट्सएप ग्रुप से रिमूव कर दिया, कलेक्टर ने नाले में गंदगी का अंबार दिखाया तो क्या उन्हें जिले से बाहर करेंगे ?
शहर और नालों का निरीक्षण करने के दौरान कलेक्टर सूर्यवंशी को को जानकारी देते नगर निगम आयुक्त झारिया।

* कलेक्टर ने शहर में जिधर घुमाई नजर वहीं दिखा गंदगी का अंबार, नालों में पानी की जगह दिखा अतिक्रमण और कचरा

* जगह-जगह पसरी गंदगी देख भड़के कलेक्टर, बोले- नालों पर किसने दी निर्माण की अनुमति, लीज के डॉक्यूमेंट भी मांगे

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । नगर निगम प्रशासन द्वारा स्वच्छता के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। इन दावे की पोल कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी दो दिन से लगातार उजागर कर रहे हैं। एक दिन पूर्व उन्होंने शहर में जैसी सफाई दिखनी नहीं चाहिए उतनी नहीं होने की बात कही। बुधवार को शहर के निरीक्षण पर निकले तो रहे सहे दावों की भी हवा निकल गई। उन्होंने साथ मौजूद रहे नगर निगम के अमले को न सिर्फ नालों पर गंदगी का अंबार दिखाया बल्कि अतिक्रमण भी दिखाए। उन्होंने सख्त लहजे में सफाई अभियान तेज करने और नालों से अतिक्रमण हटाने की हिदायत दी। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि चार दिन पहले एक कॉलोनी की गंदगी से पटी नाली का फोटो शेयर करने वाले को नगर निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया ने वाट्सएप ग्रुप से रिमूव कर दिया था तो क्या अब वे गंदगी व अतिक्रमण से पटे नाले दिखाने वाले कलेक्टर को जिले से ही रिमूव करेंगे। 

बुधवार दोपहर को कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी शहर के विभिन्न स्थानों का आकस्मिक निरीक्षण किया। करने निकले। इस दौरान नगर निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया, कार्यपालन यंत्री सुरेश चंद्र व्यास, जी. के. जायसवाल, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी ए. पी. सिंह सहित अऩ्य भी साथ थे। कलेक्टर जिस भी इलाके से गुजरे गंदगी पसरी नजर आई। कचरे के ढेर देख वे गुस्सा रोक नहीं पाए। उन्होंने सख्त लहजे में निगमायुक्त को गंदगी के विरुद्ध अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान उन नालों को भी देखा जहां लोगों अतिक्रमण कर लिया है। वे नालों में गंदगी का ढेर देख कर चौंक ही गए। उनकी यह प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी क्योंकि बारिश आने वाली है ऐसे में यह गंदगी कभी भी शहर में परेशानी का सबब बन सकते हैं।

नाले पर मल्टी देख बोले- कलेक्टर लीज व निर्माण अनुमति के मंगाओ दस्तावेज

कलेक्टर सूर्यवंशी ने शास्त्री नगर कॉलोनी के नाले की स्थिति पर असंतोष जताया। निगम आयुक्त ने बताया कि सड़क के साथ ही पुलिया का निर्माण भी किया जा रहा है। निर्माण पूरा होने के बाद गंदगी का निपटारा आसानी से हो जाएगा। कुछ ही दूरी पर नाले के ऊपर मल्टी बनी देख कलेक्टर ने एक के बाद एक सवाल दाग दिए। पूछा- नाले पर निर्माण की अनुमति कैसे जारी हो गई ? नक्शा कैसे पास हो गया ? कॉलोनी की रहवासी एक महिला ने कलेक्टर को उनके मकान के पास भी गंदगी की शिकायत की जो मंडी की दीवार के पास स्थित है। नाले के समीपस्थ मकानों के सामने भी कचरे का ढेर दिखा। कलेक्टर ने ऐसा करने वाले रहवासियों पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया। न्यू रोड के नाले पर स्थित निर्माण हटाकर अन्य स्थानों पर विस्थापित करने की योजना बाने के लिए कहा। उन्होंने नालों के ऊपर निर्माण के लिए पूर्व में दी गई लीज के दस्तावेज उनके समक्ष प्रस्तुत करने व नालों का सीमांकन करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अजंता पैलेस होटल रोड के पास नाला भी देखा जहां लगा कचरे का ढेर साफ करने की हिदायत दी।

आबकारी चौराहे से त्रिपोलिया गेट तक बन रहा फोरलेन- झारिया

इसके पश्चात कलेक्टर नगर निगम से होते हुए मुख्य बाजार एवं चांदनीचौक से होते हुए त्रिपोलिया गेट एवं अमृतसागर तालाब पर पहुंचे। इस दौरान शहर में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए कलेक्टर ने मुख्य मार्गों एवं बाजार का निरीक्षण किया। साथ मौजूद निगमायुक्त झारिया ने बताया कि आबकारी चौराहे से लेकर चांदनीचौक, त्रिपोलिया गेट तक फोरलेन निर्माण की योजना है डीपीआर तैयार की जा रही है।

जलकुंभी की सफाई की धीमी गति पर जताई नाराजगी, इंजीनियरों का वेतन रोकने के दिए निर्देश

कलेक्टर सूर्यवंशी ने अमृत सागर तालाब पहुंचकर झील संरक्षण योजना के तहत किए जा रहे कार्य का निरीक्षण किया। हार्वेस्टर मशीन द्वारा जलकुंभी सफाई की धीमी गति से सख्त नाराज हुए। तालाब से कचरा, जलकुंभी, गाद निकाली जाकर सड़क के दूसरी ओर एकत्रित की जा रही है, कचरे के ढेर को देखकर कलेक्टर नाराज हो गए। सफाई अधिकारी सहित तालाब पर तैनात तीन इंजीनियर्स के प्रति सख्त नाराजगी व्यक्त की गई। उनका वेतन तब तक आहरित नहीं करने के निर्देश दिए जब तक कि कचरे के ढेर को अन्यत्र स्थानांतरित करने का काम शत-प्रतिशत नहीं हो जाए। तालाब के अलावा शहर में अन्य सभी स्थानों पर जहां बिल्डिंग मटेरियल अनाधिकृत रूप से रखा हुआ है उसे हटाने के लिए अभियान के निर्देश कलेक्टर ने दिए। तालाब के वेस्ट वियर का कार्य भी धीमी गति से होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए वर्षा के पूर्व कार्य संपूर्ण करने के निर्देश दिए। ठेकेदार पर सख्त नाराजगी जताई। अमृत सागर तालाब में किनारों से लोगों द्वारा कचरा फेंका जा रहा है यह देखकर कलेक्टर द्वारा किनारों पर जाली लगाने के निर्देश दिए गए। 

जरूरत हो तो पोकलेन मशीन किराए पर लें लेकिन काम में धीमी गति बर्दाश्त नहीं

कलेक्टर ने हाट रोड पर भी मौजूद नाले का निरीक्षण किया। यहां भी गंदगी व्यापक रूप से पाई गई जिस पर स्वास्थ्य अधिकारी को कड़े रूप से निर्देशित किया गया। कलेक्टर ने कहा कि निगम को अतिरिक्त पोकलेन मशीनों की आवश्यकता है तो किराए पर ले सकता है, परंतु कार्य में धीमी गति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सफाई के बाद मलबा उठाने का कार्य त्वरित गति से किया जाए। इस संबंध में नागरिकों द्वारा कलेक्टर से शिकायत भी की गई। इसके अलावा रोडवेज बस स्टैंड के समीप बंद पड़ी पुरानी पुलिस चौकी परिसर में भी गंदगी देखकर कलेक्टर ने वाहन रोका और साथ मौजूद निगमायुक्त को गंदगी हटाने के निर्देश दिए।