रतलाम की इस कॉलोनी में चल पड़ी मतदान के बहिष्कार की चर्चा, क्योंकि यहां की अव्यवस्थाओं के कारण कोई मर भी जाए तो किसी को फिक्र नहीं

रतलाम शहर की गंगासागर कॉलोनी में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। इससे त्रस्त रहवासियों में आगामी चुनाव में मतदान के बहिष्कार करने जैसी चर्चा भी चल पड़ी है।

रतलाम की इस कॉलोनी में चल पड़ी मतदान के बहिष्कार की चर्चा, क्योंकि यहां की अव्यवस्थाओं के कारण कोई मर भी जाए तो किसी को फिक्र नहीं
गंगासागर कॉलोनी में सड़क और नालियों के हाल।

- कुत्ते रहवासियों को दौड़ा रहे, गाजरघास और झाड़ियों में छिपे सांप कब डस लें कोई कह नहीं सकता

- हस्तांतरण के वक्त डेढ़ करोड़ से ज्यादा जमा कराने के बाद भी न सफाई होती है, न नलियां सुधर रहीं

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । गाजर घास और झाड़ियों के फैलने के कारण संकरी होती जा रही उखड़ी सड़कें, ध्वस्त ड्रेनेज सिस्टम, ज्यादातर स्ट्रीट लाइट भी बंद, बच्चों और लोगों पर घात लगाकर लपकते कुत्ते, कभी भी डस लेने को तैयार सांप और रॉयल रतलामी स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखाती जहां-तहां पड़ी गंदगी और मेन गेट पर तांडव करती मौत...।

ये किसी झुग्गी-झोपड़ी की तस्वीर नहीं, रतलाम की गंगासागर कॉलोनी की कहानी है। यह कॉलोनी भी अन्य इलाकों की तरह रहवासी बस्ती हैं लेकिन शायद नगर निगम के जिम्मेदारों को यहां के रहवासियों के इंसान होने पर संदेह है। इसलिए कॉलोनी लावारिस है, उपेक्षित है। यहां कोई मर भी जाए तो उनकी बला से। नतीजतन समस्याओं से रोज रूबरू हो रहे रहवासियों में आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार करने जैसा कड़ा फैसला लिए जाने की चर्चा चल पड़ी है।

आर्थिक भार उठाया कॉलोनीवालों ने, मौज औरों की

कॉलोनी का अंदरूनी विकास हो या फिर इसकी मुख्य सड़क, सारा पैसा मप्र हाउसिंग बोर्ड द्वारा कॉलोनी में मकान और प्लॉट खरीदने वालों से वसूला गया। जबकि सड़क से लेकर तमाम सुविधाओं का लाभ निजी स्कूल प्रबंधन उठा रहा है। जल्दी ही कॉलोनी के मुख्य द्वार के पास विकसित प्रधानमंत्री आवास (कॉलोनी) में बसने वाले भी लाभ उठाएंगे।

अधिकतर नौकरी पेशा लोग

गंगासागर कॉलोनी में रहने वाला लगभग हर व्यक्ति नियमित टैक्स चुकाता है। ऐसा इसलिए कि यहां ज्यादातर नौकरीपेशा लोग (जिनमें डॉक्टर, इंजीनियर, बैंककर्मी, रेलकर्मी, प्रोफेसर व अन्य शासकीय कर्मचारी) ही रहते हैं। इसके बाद भी नगर निगम के अमले को यहां झांकने की फुर्सत नहीं है।

ये समस्याएं तो सिर्फ बानगी है

  • कॉलोनी के गेट से बाहर निकलाना कभी भी जानलेवा हो सकता है। वजह यह कि गेट के एक तरफ सिटी फोरलेन खत्म होता है और सैलाना की ओर जाने वाला टू-लेन शुरू। इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही इतनी ज्यादा है कि सड़क क्रॉस कर कॉलोनी में जाना हो या फिर वहां से सड़क की दूसरी तरफ जाना हो तो काफी देर इंतजार करना पड़ता है। इस समस्या का वीडियो और फोटो 8 से 9 माह पूर्व जिम्मेदारों को भेजा गया था। तब स्पीड ब्रेकर बनाने के लिए आश्वस्त किया गया था जो आज तक नहीं बना।
  • गेट के बाद कॉलोनी की मुख्य सड़क समतल नहीं होने से बारिश होने पर पानी भरा रहता है। कॉलोनी बनने के बाद खराब हुई सड़क रहवासियों की काफी मशक्कत के बाद थोड़ी सुधरी थी लेकिन प्रधानमंत्री आवास बनाने के दौरान बड़े वाहनों की आवाजाही से वह फिर चौपट हो गई।
  • कॉलोनी में पानी निकासी के लिए पक्की नालियां बनीं थी जिन्हें लोहे की जालियों से ढंका गया था। ये सभी जालियां टूट चुकी हैं, कुछ तो नालियों में ही समा गई हैं। रही सही कसर लोगों ने नालियों में बोल्डर, मिट्टी और रेत ठूंस कर पूरी कर दी।
  • रतलाम को स्वच्छता में रैंक दिलाने में सहयोग को लेकर नगर निगम द्वारा खूब ठोल पीटे जा रहे हैं लेकिन गंगासागर कॉलोनी की गंदगी और गाजर घास व झाड़ियां अभियान और सारे दावों की पोल खोल रही हैं। सफाईकर्मी तो कभी नजर ही नहीं आते।
  • स्ट्रीट लाइट के हाल भी बेहाल ही हैं। गेट के बाद कॉलोनी के मुख्य मार्ग की स्ट्रीट लाइट कभी भी बंद हो जाती है और दो-तीन दिन तक बंद ही रहती है। कॉलोनी के अंदर भी लगभग हर सेक्टर में कोई न कोई लाइट बंद है।
  • माली के अभाव में बगीचों का हाल बेहाल है। वातावरण में गरमाहट होने से बगीचों और झाड़ियों में से कभी भी सांप निकल आते हैं। इससे लोग मॉर्निंग वॉक और शाम के बाद की चहलकदमी तक से डरते हैं। गनीमत है कि अभी तक किसी सांप ने किसी बच्चे या बड़े पर कोई कृपा नहीं की है।
  • कॉलोनी में कुत्तों की भरमार और आतंक है। कुत्ते लगभग रोज ही लोगों पर लपक रहे हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों पर। पूर्व में बच्चों को काट भी चुके हैं। इसकी जानकारी नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
  • कॉलोनी परिसर में स्थित निजी स्कूल संचालक ने अपने हिसाब से ही नाले को मोड़ लिया और ऊपर खेल मैदान भी बना लिया। पिछले दिनों नियमों को ठेंगा दिखाते हुए अमानक स्पीड ब्रेकर भी बना दिए गए। 

समस्याओं की जानकारी मिली है, आज कॉलोनी आ रहा हूं- पुरोहित

नागरिकों से कॉलोनी की समस्याओं की जानकारी मिली है। आज कॉलोनी आ रहा हूं। पूर्व में बगीचे में जिम स्थापित करने की संभावना तलाशने भी कॉलोनी आया था। तब बताया गया था कि ज्यादातर लोग नौकरी पेशा हैं और शाम को ही मिलते हैं। जो भी समस्याएं हैं उनका समाधान करवाया जाएगा।

पप्पू पुरोहित, पार्षद- वार्ड क्रमांक 8