शहर को रोज 47 एमएलडी पानी चाहिए, मिल रहा सिर्फ 31 एमएलडी, इसलिए कलेक्टर को आया गुस्सा और कही इतनी बड़ी बात

रतलाम कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने शहर की पेयजल आपूर्ति पर असंतोष जताया है। उन्होंने इसके लिए नगर निगम की प्लानिंग को जिम्मेदार ठहराते हुए जिम्मेदारों को तत्काल सुधार की हिदायत दी है।

शहर को रोज 47 एमएलडी पानी चाहिए, मिल रहा सिर्फ 31 एमएलडी, इसलिए कलेक्टर को आया गुस्सा और कही इतनी बड़ी बात
रतलाम कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी।

कलेक्टर सूर्यवंशी ने की शहर में जलापूर्ति की समीक्षा, पानी की पर्याप्त उपलब्धता के बाद भी जलसंकट व्याप्त होने पर जताई नाराजगी

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम शहर को रोज करीब 47 एमएलडी पानी की आवश्यकता है। इसके एवज में नगर निगम महज 31 एमएलडी (million liters per day) पानी ही उपलब्ध करा पा रहा है। यानी जरूरत से 16 एमएलडी कम। प्रतिशत में बात करें तो लोगों को सिर्फ करीब 66 फीसदी पानी ही मिल पा रहा है। इसकी वजह हमारे जलस्रोतों में पानी की कमी नहीं बल्कि नगर निगम के जलप्रदाय विभाग के अक्षमता है, प्लानिंग की कमी है।

यह बात नवागत कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा गुरुवार को की गई शहर की जलप्रदाय की समीक्षा के दौरान उभर कर सामने आई। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई इस समीक्षा बैठक में नगर निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया, एसडीएम संजीव पांडेय के अलावा निगम के कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री और उपयंत्री भी मौजूद थे। आए दिन जलसंकट को लेकर हो रही शिकायतों के मद्देनजर कलेक्टर सूर्यवंशी ने प्राथमिकता से जलप्रदाय व्यवस्था की समीक्षा के लिए बैठक कॉल की थी। इसमें उन्हें धोलावड़ जलाशय, ट्यूबवेल और हैंडपंपों की की स्थिति और पानी की उपलब्धता की जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि शहर को 47 एमएलडी पानी की जरूरत है और निगम सिर्फ 31 एमएलडी ही सप्लाई कर पा रहा है। इससे वे असंतुष्ट नजर आए।

जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर ने पाया कि शहर में पानी की उपलब्धता की कोई समस्या नहीं है, कमी है तो नगर निगम की प्लानिंग की जिसके कारण लोगों को जलसंकट झेलना पड़ रहा है। खासकर शहर के बाहरी इलाकों (इसमें सैलाना रोड, करमदी रोड सहित अन्य) में जलसंकट ज्यादा है। कारण स्पष्ट होने पर कलेक्टर ने निगम के जिम्मेदारों को सख्त हिदायत दी कि किसी भी स्थिति में किसी भी इलाके में जलसंकट हीं होना चाहिए। हर व्यक्ति को पर्याप्त पानी उपलब्ध होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने निगम के कार्यपालन यंत्री एस. सी. व्यास, एच.एस. शेख सहित अन्य यंत्रियों को तत्काल नए सिरे से प्लानिंग करने की ताकीद की।

जिस क्षेत्र में होगा जलसंकट वहां के वार्ड प्रभारी पर होगी कार्रवाई 

कलेक्टर ने कहा है कि जिस भी क्षेत्र में जलसंकट की शिकायत मिलेगी उस वार्ड के वार्ड के प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि वार्डवार पानी की उपलब्धता और सप्लाई का आकलन करें। संकटग्रस्त हिस्सों में टैंकरों से पानी की सप्लाई बढ़ाएं। उन्होंने फील्ड की मॉनीटरिंग खुद करने की बात भी कही।

लीटर के हिसाब से समझें कितना कम मिल रहा पानी

पानी की आपूर्ति को एमएलडी  (million liters per day) के हिसाब से मापा जाता है। 1 एमएलडी का मतलब है 10,00,000 (10 लाख लीटर प्रतिदिन) लीटर पानी। रतलाम की रोज की आवश्यकता 47 एमएलडी यानी 4,70,00,000 (4 करोड़ 70 लाख) लीटर पानी प्रतिदिन आवश्यकता है जबकि मिल रहा है मात्र 3,10,00,000 (3 करोड़ 10 लाख) लीटर सप्लाई हो रहा है। 1,60,00,000 (1 करोड़ 60 लाख) लीटर कम पानी मिल रहा है।