इंदौर कोर्ट फैसला : घाटाबिल्लोद गोलीकांड मामले में पूर्व विधायक बालमुकुंदसिंह गौतम, दो भाइयों व भतीजे सहित 6 को 7 साल की सजा
इंदौर के न्यायालय ने धार के पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता बालमुकुंद सिंह गौतम सहित छह लोगों को सात-सात साल की सजा सुनाई है। मामला 6 साल पूर्व घाटाबिल्लोद में हुए गोलीकांड का है।

6 साल पहले कांग्रेस के दो गुटों में हुई थी वर्चस्व की लड़ाई, दूसरे पक्ष के आरोपी हुए बरी
एसीएन टाइम्स @ इंदौर । वर्चस्व की लड़ाई में 6 साल पहले घाटाबिल्लौद में हुए हुए गोलीकांड के मामले में इंदौर की कोर्ट ने अहम् फैसला सुनाया है। मामले में धार के पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता बालमुकुंद सिंह गौतम, उनके दो भाइयों और भतीजे सहित 6 लोगों को सात-सात की सजा सुनाई गई है। दूसरे पक्ष के आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया।
जानकारी के अनुसार चंदन सिंह की एक रिपोर्ट पर दर्ज प्रकरण में पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता बालमुकुंद सिंह गौतम, धार जिला पंचायत के सदस्य मनोज सिंह गौतम, राकेश गौतम, पंकज गौतम, विरेंद्र गौतम व राजेश पटेल को 7 साल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा गोलीकांड के दौरान राहगीर को गोली लगने के मामले में भी 7 साल की सजा से इन सभी को दंडित किया गया है। प्रकरण में आरोपी जितेंद्र, पिंटू जायसवाल और चंद्रभूषण को बरी किया गया है। मामले में कांग्रेस नेता बालमुकुंद सिंह गौतम की ओर से दर्ज कराए गए मामले में न्यायालय ने चंदन सिंह सहित अन्य सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट में बड़ी संख्या में दोनों के समर्थक मौजूद थे। इसके चलते एहतियात के तौर पर यहां अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया था।
ये थी विवाद की वजह
बताते हैं कि कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक बालमुकुंद सिंह गौतम एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य चंदन सिंह सुनेर के बीच फैक्ट्रियों में यूनियनबाजी को लेकर विवाद रहा है। वर्चस्व स्थापित करने को लेकर दोनों में टकराव होता रहा है। राजनीतिक वर्चस्व के लिए भी इनके बीच विवाद आम बात रही है। इसी के चलते 2 जून, 2017 को धार और इंदौर जिले की सीमा पर स्थित घाटाबिल्लोद में दोनों पक्षों में विवाद हो गया था।
गौतम की शिकायत पर दर्ज हुआ था पहला केस
इसमें तत्कालीन कांग्रेस जिला अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि बेटमा में मान के एक कार्यक्रम से वे लौट रह थे। इसी दौरान पेट्रोल पम्म के पास आरोपी चंदन पिता देवीसिंह आए और विवाद करने लगे। आरोपी ने 5-6 गोलियां भी दांगी। दो गोलियां पिंटू जायसवाल और बबलू चौधरी को लगीं। इनमें से गौतम के समर्थक माने जाने वाले और कांग्रेस के टिकट पर धार से पार्षद का चुनाव लड़ चुके बबलू की बाद में मौत हो गई थी। गौतम की रिपोर्ट पर पुलिस ने तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य इंदौर चंदन सिंह, समंदर, घनश्याम, महेंद्र, राहुल, रघुनाथ, अर्जुन आदि के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया था। बबलू की मौत के बाद मामले में हत्या की धारा भी बढ़ गई थी।
दूसरा केस चंदनसिंह की ओर से दर्ज कराया गया था
मामले में पीथमपुर थाने में चंदन सिंह ने भी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि रात करीब पौने दस बजे आरोपी कांग्रेस नेता बालमुकुंद सिंह गौतम समर्थकों को लेकर उनके पास आए और विवाद कर गोली चलाई। एक गोली चंदन सिंह के भांजे और एक राहगीर को भी लगी। इससे दोनों ही घायल हो गए। घटना वाले दिन दोनों घायलों को अस्पताल भेजा गया था। चंदन सिंह कि रिपोर्ट पर पुलिस ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम, उनके भाई राकेश गौतम, जिला पंचायत के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज गौतम, पंकज पिता रामप्रताप गौतम, पप्पू पिता जगत नारायण गौतम और युवा कांग्रेस नेता राजेश पिता अजब सिंह पटेल के विरुद्ध हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था।
घटना के समय कांग्रेस में थे अब भाजपा में हैं
जब विवाद हुआ था तब गोलीकांड में घायल हुए पिंटू जायसवाल बालमुकुंद गौतम के समर्थक माने जाते थे और वे कांग्रेस में थे। वर्तमान में वे भाजपा में बताए जाते हैं। बताते हैं कि उनकी भाजपा में आमद उक्त प्रकरण में बयान बदलने की शर्त पर हुआ था। हालांकि एसीएन टाइम्स इसकी पुष्टि नहीं करता।
कौन हैं बालमुकुंदसिंह गौतम
घाटाबिल्लोद निवासी बालमुकुंद सिंह गौतम धार जिला अध्यक्ष रहने के साथ ही यहीं से विधानसभा से दो बार चुनाव भी लड़ चुके हैं। एक बार उनकी पत्नी ने भी चुनाव लड़ा था लेकिन वे जीत नहीं पाईं। वे पुनः विधानसभा के लिए दावेदारी कर रहे हैं। उनकी दावेदारी बदनावर विधानसभा से है। छोटे भाई और जिला पंचायत सदस्य मनोज सिंह की धार विधानसभा से दावेदारी है।