रतलाम में बने नए स्वीमिंग पूल और ईको पार्क का भूमि पूजन आज ही कुछ मिनट बाद ! समय अभाव के कारण सोशल मीडिया पर बंटा आमंत्रण पत्र, देखें प्रोजेक्ट का वीडियो...

शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने सोशल मीडिया पर आमंत्रण पत्र बांटे हैं। ये आमंत्रण पत्र महाविद्यालय परिसर में ईको पार्क और स्वीमिंग पूल के भूमि पूजन को लेकर है। आमंत्रण पत्र के अनुसार भूमि पूजन 24 जून 2023 को सुबह 10,30 बजे होना है।

रतलाम में बने नए स्वीमिंग पूल और ईको पार्क का भूमि पूजन आज ही कुछ मिनट बाद ! समय अभाव के कारण सोशल मीडिया पर बंटा आमंत्रण पत्र, देखें प्रोजेक्ट का वीडियो...
कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा तैयार किया गया आमंत्रण पत्र।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । आप रतलाम में रहते हैं और लगातार हो रही पेड़ों की कटाई से चिंतित हैं और नगर निगम के कुशाभाऊ ठाकरे तरणताल में गोते लगाने का मजा नहीं ले पाए हैं तो आप बिल्कुल भी परेशान न हों। आपकी चिंता और परेशानी जिला मुख्यालय पर स्थित कला एवं विज्ञान महाविद्यालय में बने ईको पार्क और स्वीमिंग पूल को देख कर काफूर हो जाएगी। इसका भूमिपूजन महज कुछ ही मिनटों बाद होने वाला है यानि कि 24 जून, 2023 (शनिवार) को सुबह 10.30 बजे। समयाभाव के कारण इसके आमंत्रण पत्र सोशल मीडिया पर ही बांटे गए हैं। 

चौंकिए नहीं, ऐसी हैरान करने वाली घटनाएं रतलाम में होती रहती हैं, आगे भी कभी भी हो सकती हैं। यहां जिस ईको पार्क और स्वीमिंग पूल के भूमिपूजन की बात हो रही है उसका आमंत्रण पत्र कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के कुछ विद्यार्थियों ने तैयार करवाया है महाविद्यालय की अव्यवस्थाओं और अनदेखी पर करारा व्यंग्य है। पम्फलेट में को ठीक उसी तरह तैयार किया गया है जैसे किसी बड़ी योजना के भूमपूजन, शिलान्यास आदि के लिए तैयार किया जाता है।

दरअसल, विद्यार्थी महाविद्यालय के खेल मैदान में पानी भरने की समस्या से परेशान हैं। शहर में उपलब्ध गिनती के मैदानों में यह प्रमुख है जहां महाविद्यालय के अलावा शहरभर के खिलाड़ी खेलने आते हैं। उचित रखरखाव नहीं होने और किसी भी आयोजन के लिए इसे बेतरतीब ढंग से खोद दिए जाने से इसकी हालत प्रायः बदतर ही रहती है। वर्तमान में यहां भरा पानी किसी स्वीमिंग पूल जैसा ही आभास दे रहा है। इस समस्या की ओर जिम्मेदारों का ध्यान आकर्षित करने के बाद भी कोई सुनवाई और समाधान नहीं होने से विद्यार्थियों ने इस ओर ध्यान आकृष्ट करने का यह अनूठा तरीका निकाला है।

संवेदनशीलता पर उठ रहे सवाल

विद्यार्थियों के इस पम्फलेट से जिम्मेदारों की संवेदनशीलता पर सवाल उठ रहे हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि वैसे ही शहर में खेल मैदानों का अभाव है, जो हैं उन्हें भी किसी न किसी कारण से बर्बाद कर दिया जाता है। काम निकलने के बाद जिम्मेदार पलटकर भी नहीं देखते। ऐसे में प्रादेशिक, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में मेडल लाना तो दूर, स्थानीय प्रतियोगिता में भागीदारी का केवल प्रशस्ति-पत्र भी प्राप्त नहीं किया जा सकता है।