सरकार की नई गाइडालइन : वयस्क कोविड-19 रोगियों के लिए हाई रिस्क वाली बीमारियों में अब TB भी शामिल, रेमडेसिविर के उपयोग के लिए दी यह सलाह
कोविड-19 मरीजों के मामले में पूर्व में हाईरिस्क घोषित की गईं बीमारियों में अब एक्टिव ट्यूबरकुलोसिस (TB) को भी शामिल कर लिया गया है। भारत सरकार ने कोविड मरीजों को रेमडेसिविर के उपयोग को लेकर भी गाइडलाइन जारी की है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी किए नए दिशा-निर्देश, हाईरिस्क वाली बीमारियों व परिस्थितियों में किया इजाफा
एसीएन टाइम्स @ नई दिल्ली । स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नए कोविड-19 (COVID-19) को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार अब एक्टिव ट्यूबरकुलोसिस (TB) भी कोविड-19 के रोगियों के लिए हाई रिस्क वाली मानी गईं बीमारियों में शामिल की गई है। इसके अलावा मंत्रालय ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग को लेकर भी हिदायत जारी की है।
देश में कोविड के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे सरकार अलर्ट मोड पर है। भारत सरकार के स्वास्थ्य और वरिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी दिशा-निर्देश के अनुसार सक्रिय तपेदिक (TB) को भी वयस्क COVID-19 संक्रमितों के लिए एक उच्च जोखिम (high-risk) वाली बीमारियों ( disease) में जोड़ा गया है। इससे पहले 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, एचआईवी, पुराने फेफड़े, गुर्दे, यकृत रोग, सेरेब्रोवास्कुलर रोग और मोटापा वाले लोगों को ही उच्च जोखिम वाली कैटेगरी में रखा गया था। अब इसमें TB के रूप में एक बीमारा का इजाफा हो गया है।
नए निर्देशों में कहा गया है कि स्टेरॉयड जैसे अतिसंवेदनशील अथवा या इम्यूनोमॉड्यूलेटरी थेरेपी से दूसरे प्रकार का संक्रमण बढ़ाने का खतरा और बढ़ सकता है। इसमें वैसा ही खतरा हो सकता है जैसा कि इन्वेसिव (आक्रामक) म्यूकोर्मिकोसिस जब बहुत जल्दी अथवा ज्यादा मात्रा में या फिर अधिक समय तक देने से होता है।
ऑक्सीजन सपोर्ट न हो या घर में हो रहा हो इलाज तो न दें रेमडेसिविर
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सलाह दी है कि रेमडेसिविर का उपयोग भी उन रोगियों में नहीं किया जाना चाहिए जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं हैं अथवा घर में रहकर इलाज करवा रहे हैं। इसमें कहा गया है कि रेमेडिसविर के बारे में केवल उन्हीं रोगियों के संदर्भ में विचार किया जा सकता है जिन्हें मध्यम से गंभीर कोविड-19 रोग है, जिन्हें पूरक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। मंत्रालय ने यह भी सलाह दी है कि कोविड-19 का प्रभाव तेजी से बढ़ने पर यदि ऑक्सीजन की पूरकता की आवश्यकता हो तो टोसीलिज़ुमैब पर विचार किया जा सकता है।