मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना महत्वपूर्ण, युवाओं को मिलेगा रोजगार, उद्योगों को स्किल्ड युवा मिलेंगे- कलेक्टर सूर्यवंशी

प्रदेश में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना संचालित की जा रही है। इसकी जानकारी देने के लिए रतलाम कलेक्टर द्वारा उद्योगपतियों की बैठक आयोजित की गई।

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना महत्वपूर्ण, युवाओं को मिलेगा रोजगार, उद्योगों को स्किल्ड युवा मिलेंगे- कलेक्टर सूर्यवंशी
उद्योगपतियों को संबोधित करते कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम  मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना अंतर्गत महत्वपूर्ण बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में गुरुवार दोपहर संपन्न हुई। इसमें जिले के उद्यमियों, उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने उद्यमियों को योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस योजना के क्रियान्वयन से उद्योगपतियों को स्किल्ड युवा मिलेंगे और युवाओं को रोजगार मिलेगा। जिले में योजना के सफल क्रियान्वयन की नियोजित ढंग से तैयारियां की जा रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की मंशानुसार अधिकाधिक युवाओं को रोजगार देना हमारा लक्ष्य है।

बैठक में सीईओ जिला पंचायत जमुना भिड़े, अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, महाप्रबंधक उद्योग मुकेश शर्मा, आईटीआई प्राचार्य यू. पी. अहिरवार एवं रतलाम तथा आसपास के उद्योगपति और युवा उद्यमी मौजूद थे। इनमें रतलाम औद्योगिक क्षेत्र के एमएसएमई योजना से लाभान्वित उद्यमियों के अलावा करमदी नमकीन क्लस्टर के व्यवसाई भी शामिल हुए। कलेक्टर ने उन्हें बताया कि योजना के पोर्टल एमएमएसकेवाई डॉट जीओवी डाट इन पर 15 जून से युवाओं के पंजीयन प्रारंभ हो जाएंगे परंतु इस पोर्टल पर औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए पंजीयन 7 जून को प्रारंभ होगा।

आठ से दस हजार रुपए तक स्टायफंड मिलेगा

बैठक में उपस्थिति उद्यमियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का समाधान कलेक्टर द्वारा किया गया। कलेक्टर ने उद्यमियों की जिज्ञासाओं को संतुष्टिपूर्वक शांत किया। उन्होंने बताया कि योजना अंतर्गत युवाओं के लिए अवसरों का नया आसमान खुला है, इसमें ट्रेनिंग के दौरान 12वीं उत्तीर्ण युवाओं को 8000 रुपए, आईटीआई उत्तीर्ण युवाओं को 8500 रुपए, डिप्लोमा उत्तीर्ण युवाओं को 9000 रुपए तथा स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले युवाओं को 10,000 रुपए प्रति माह स्टायफंड दिया जाएगा। 75 प्रतिशत राशि शासन चुकाएगा। योजना का लाभ लेने वाले युवाओं की आयु 18 से 29 वर्ष होना चाहिए, वह मध्य प्रदेश के स्थानीय निवासी एवं 12वीं अथवा आईटीआई उत्तीर्ण या इससे भी उच्च कक्षा उत्तीर्ण हो।

ऐसे होगा स्टायफंड का भुगतान

कलेक्टर ने बताया कि युवाओं को लाभ के साथ-साथ प्रतिष्ठानों को भी विशेष रूप से योजना अंतर्गत लाभ मिलेगा, वह अपने कुल कार्यबल जिनमें नियमित एवं संविदात्मक कर्मचारी शामिल होंगे, के 15 प्रतिशत की संख्या तक युवाओं को प्रशिक्षण दे सकते हैं। प्रतिष्ठानों को निर्धारित न्यूनतम स्टायफंड की 25 प्रतिशत राशि युवाओं के बैंक खाते में जमा करना होगी। प्रतिष्ठान उसके लिए निर्धारित राशि से अधिक राशि देने के लिए स्वतंत्र होगा। प्रतिष्ठान द्वारा राशि जमा करने के बाद ही निर्धारित स्टाईफंड का 75 प्रतिशत राज्य शासन की ओर से युवाओं को डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। योजना अंतर्गत प्रशिक्षण की निर्धारित अवधि तक स्टायफंड दिया जाएगा।