डे केयर सेंटर पर मना विश्व सिकलसेल दिवस, समाजसेवी गोविंद काकानी पहुंचे ते पल भर में दूर हो गईं समस्याएं, खिल उठे बच्चों के चेहरे
समाजसेवी गोविंद काकानी सिकलसेल और थैलेसिमिया पीड़ित बच्चों के चेहरे की मुस्कान का कारण बन गए। उन्होंने डे केयर सेंटर की समस्याओं का समाधान कराया तो बच्चों और उनके परिजन ने उनका धन्यवाद ज्ञापित किया।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । विश्व सिकलसेल दिवस डे केयर सेंटर की समस्याओं के निराकरण के नाम रहा। यह संभव हुआ जिला रोगी कल्याण समिति एवं काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी के कारण। वे सिकलसेल थैलेसीमिया वार्ड पहुंचे तो पीने के पानी, हीमोग्लोबिन की जांच और मनोरंजन के लिए उपलब्ध टीवी के बंद होने जैसी समस्यें पल भर में दूर हो गईं।
विश्व सिकलसेल दिवस पर जिला मुख्यालय के डे केयर सेंटर का 10 बेड वाला वार्ड पूरी तरह फुल था। एक भी बेड ऐसा नहीं था जहां सिकलसेल एवं थैलेसीमिया से ग्रसित बच्चा भर्ती न हो। समाजसेवी काकानी यहां पहुंचे तो पीने मरीजों के परिजन ने पीने के पानी और टीवी बंद होने की समस्या बताई। बच्चों रक्त चढ़ाने से पहले हीमोग्लोबिन की जांच की समस्या भी सामने आई।
काकानी ने समस्याओं को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे से बात की। उन्होंने सक्रियता दिखाते हुए स्टोर प्रभारी के माध्यम से हीमोग्लोबिन का स्तर बताने वाले उपकरण के साथ ही 200 स्ट्रिप भी उपलब्ध कराई। इस दौरान शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. अखंड प्रताप सिंह, डॉ. आर. सी. डामोर, डॉ. सोनू कुशवाह एवं तेज कुमार देवड़ा, नर्सिंग स्टाफ सिस्टर अलका टाटावत, राजूबाला एवं ट्रेनी नर्सें मौजूद रहीं।
अब नहीं होगी बार-बार सुई की चुभन
वरिष्ठ टेक्नीशियन दुष्यंत राजपुरोहित ने उपकरण के उपयोग की पूरी प्रक्रिया का वीडियो बनाकर दिया। इसके माध्यम से नर्सें बच्चों का वार्ड में ही सैंपल लेकर हीमोग्लोबिन जांच कर सकेंगी और यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि बच्चे को कितना रक्त चढ़ाने की आवश्यकता है। एक ही सैंपल का शेष रक्त क्रॉसमैच के लिए ब्लड बैंक को भेजा जा सकेगा। इससे बच्चों को बार-बार सुई की चुभन नहीं होगी। इसके साथ ही अब एक ही बार में काउंटर पर ओपीडी पर्ची, भर्ती पर्ची एवं रक्त चढ़ाने की पर्ची बनवाने की व्यवस्था भी शुरू की गई है। इससे बच्चों के परिजन को बार-बार काउंटर पर जाना या लाइन नहीं लगाना पड़ेगी।
वरदान साबित हो रहा डे केयर सेंटर
डॉ. सिंह एवं डॉ. डामोर ने बताया कि जिला चिकित्सालय में सिकल सेल के 19 बच्चे एवं थैलेसिमिया के लगभग 180 बच्चे रतलाम जिले के अलावा आसपास के 6~7 जिलों के रक्त चढ़वाने आ रहे हैं। प्रदेश शासन की मंशा अनुरूप जिला चिकित्सालय में इन गंभीर बीमारियों को रोकने के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे बच्चों के लिए डे केयर सेंटर वरदान साबित हो रहा है।
बच्चों और परिजन ने ज्ञापित किया धन्यवाद
समाजसेवी काकानी ने बताया कि वार्ड में जाने पर जब मालूम हुआ कि टीवी बंद है तो मित्र अंकित व्यास के माध्यम से तत्काल मैकेनिक जगदीश पंवार को बुलवाया। उन्होंने टीवी चालू किया तो बच्चों के चेहरे पर रौनक आ गई। इलाज करवा रहे बच्चे देवराज पिता रघुवीर सिंह, जगदीश पिता रामचंद्र, राज पिता बबलू, दिक्षा पिता मधुसूदन, प्रियांशी पिता नरसिंह एवं परिवारजन ने प्रदेश शासन, जिला प्रशासन, अस्पताल प्रशासन, स्वयंसेवी संस्था, डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ का हृदय से धन्यवाद प्रकट किया।