आपदा ! इंडियन ऑइल डिपो के हाई स्पीड डीजल पाइप में रिसाव से कई कर्मचारी आए चपेट में, NDRF ने प्रभावितों को सुरक्षित बाहर निकाल

इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन के हाई स्पीड डीजल पाइप में रिसाव से प्रभावित हुए कर्मचारियों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ की टीमों को बुलाना पड़ा जिन्होंने सूझबूझ का परिचय देकर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला।

आपदा ! इंडियन ऑइल डिपो के हाई स्पीड डीजल पाइप में रिसाव से कई कर्मचारी आए चपेट में, NDRF ने प्रभावितों को सुरक्षित बाहर निकाल
रतलाम के इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के डिपो में मॉक ड्रिल करती एनडीआरएफ व अन्य बचाव दल।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिला मुख्यालय स्थित इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के डिपो में उस समय हड़कंप मच गया जब यहां हाई स्पीड डीजल पाइप में रिसाव हो गया। इससे डिपो में कार्यरत कई कर्मचारी प्रभावित हो गए। स्थति नियंत्रित करने और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बुलाना पड़ीं। उन्होंने सबसे पहले रिसाव के स्रोत को सील किया और सभी प्रभावितों को सुरक्षित बाहर निकाला। राहत और बचाव कार्य की मॉनीटरिंग कलेक्टर राजेश बाथम स्वयं कर रहे थे।

चौंकिए नहीं, ऐसा सच में नहीं हुआ बल्कि यह इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन लिमिटेड में आपदा प्रबंधन को लेकर हुई मॉक ड्रिल थी। इसका उद्देश्य आपदा के समय अलर्ट रहने और समय रहते राहत और बचाव कार्य शुरू करने कर नुकसान को न्यून करने के लिए प्रशिक्षत करना था। आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन योजना के तहत उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशन में 11 एनडीआरएफ वाराणसी और आरआरसी भोपाल की टीम द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था। यह सीबीआरएन (केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडिओलॉजिकल और न्यूक्लियर) आपदा पर संयुक्त अभ्यास था।

तैयार किया रिसाव का परिदृश्य

निरीक्षक श्रीनिवास मीना की देख-रेख में एनडीआरएफ ने प्लांट के साथ कर्मचारी, एसडीईआरएफ, ज़िला प्रशासन, दमकल विभाग और विभिन्न हितधारकों के साथ केमिकल इमरजेंसी पर अभ्यास किया। इस दौरान प्लांट में हाई स्पीड डीजल पाइप लाइन के रिसाव का परिदृश्य तैयार किया गया था। इसमें कुछ कर्मचारी उसके सम्पर्क में आने से प्रभावित हो गए। क्षद्म हादसा होते ही आपातकालीन अलार्म गूंज उठा और अभ्यास शुरू हो गया। प्रशासन को जानकारी मिलते ही प्रभावित पीड़ितों को बचाने के लिए एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया।

इनकी देख-रेख में हुआ अभ्यास

एनडीआरएफ की टीम ने जानकारी जुटाकर स्थिति का आकलन किया। इसके साथ ही ऑपरेशन बेस, मेडिकल पोस्ट और कम्युनिकेशन पोस्ट तैयार किया। इसके बाद टीम ने खतरे की जांच कर ऑपरेशन शुरू किया। एनडीआरएफ ने केमिकल रिसाव के स्रोत को सील कर दिया। बचाव दल ने सीबीआरएन सूट की मदद से प्रभावित पीड़ितों को सुरक्षित बाहर निकाला। उसके बाद पीड़ितों और बचावकर्ताओं की परिशोधन प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। पूरा अभ्यास कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट राजेश बाथम के निर्देशन में एवं तहसीलदार पिंकी साठे, डीजीएम जयदीप डे, जैन कुरैशी (सुरक्षा अधिकारी), ज़िला प्रशासन, अग्निशमन विभाग और प्लांट के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मौजूदगी में किया गया।

यह है मॉक ड्रिल का उद्देश्य

मॉक अभ्यास का उद्देश्य सभी हितधारकों के बीच समन्वय बनाना, उपचारात्मक उपाय करना, संसाधनों की दक्षता की जांच करना और प्रतिकूल स्थिति में बचाव कार्यवाही को परखना था। इससे किसी भी सीबीआरएन आपदा के दौरान कार्यवाही करते हुए बहुमूल्य मानव जीवन को बचाया जा सकेगा।