गुजारिश : रेल किराये में वरिष्ठ नागरिकों और पत्रकारों को मिलने वाली रियायत फिर से हो शुरू, ZRUCC सदस्य मनीष शर्मा ने रेलमंत्री को लिखा पत्र

वरिष्ठ नागरिकों और अधिमान्य पत्रकारों को पूर्व में मिलने वाले रेल किराये में छूट पुनः शुरू करने की मांग पश्चिम रेलवे की जोनल रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति के सदस्य मनीष शर्मा ने रेलमंत्री से की है।

गुजारिश : रेल किराये में वरिष्ठ नागरिकों और पत्रकारों को मिलने वाली रियायत फिर से हो शुरू, ZRUCC सदस्य मनीष शर्मा ने रेलमंत्री को लिखा पत्र
जोनल रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति सदस्य मनीष शर्मा ने रेलमंत्री अश्वन वैष्णव को पत्र लिख कर रेल किराये में छूट पुनः शुरू करने की मांग की।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । पश्चिम रेलवे की जोनल रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति (ZRUCC) के सदस्य मनीष शर्मा ने रेल मंत्री अश्विन वैष्णव को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कोविड के पूर्व की तरह वरिष्ठ नागरिकों और पत्रकारों को रेल किराये में दी जाने वाली रियायत पुनः प्रारंभ करने की मांग की है।

परामर्शदात्री समिति सदस्य मनीष शर्मा ने रेल मंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि रेलवे ने कोविड महामारी के दौरान तीन कैटेगरी को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के किराए में दी जाने वाली रियायत बंद कर दी थी। इसमें इनमें वरिष्ठ नागरिक और अधिमान्य पत्रकार भी शामिल हैं। कोरोना से पहले 60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों को 50 फीसदी छूट मिलती थी। अब कोविड-19 का खतरा कम होने और देश में दूसरी सभी तरह की गतिविधियों के सामान्य होने के बाद भी वरिष्ठ नागरिकों को राहत नहीं मिल रही है। किराए में रियायत नहीं मिलने पर ट्रेन के जनरल कोच में सफर करना मुश्किल होता है।

सिर्फ कुछ लोगों को मिल रही सुविधा

शर्मा ने अधिमान्य पत्रकारों को भी रेल के किराये में मिलने वाली छूट को बहाल करने की गुजारिश की है। उन्होंने बताया है कि अधिमान्य पत्रकारों को पेशेवर कार्य के लिए यात्रा के दौरान मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों में आना-जाना लगा रहता है। उन्हें पूर्व में अलग-अलग श्रेणियों में 25 से 50 फीसदी तक की छूट किराये में मिलती थी। राजधानी, शताब्दी या जन शताब्दी के किराये में 50 फीसदी की छूट मिलती रही है। रेलवे की तरफ से सिर्फ स्पेशल कैटगरी वाले लोगों के लिए ही किराये में छूट की सुविधा दोबारा शुरू की गई। इसमें चार कैटेगरी के दिव्यांग, 11 कैटगरी के मरीज और छात्र शामिल हैं। बुजुर्गों और अधिमान्य पत्रकारों पर ध्यान नहीं दिया गया है।