महापौर और निगम अध्यक्ष काम की धुरी हैं, इस नगर निगम परिषद का कार्यकाल ऐसा हो कि जनता याद करे- विधायक काश्यप

रतलाम नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा ने शनिवार को अपने नए कक्ष में पदभार ग्रहण किया। इस दौरान आयोजित समारोह में नई परिषद से ऐसे कार्य करने का आह्वान किया जिसे जनता याद रखे।

महापौर और निगम अध्यक्ष काम की धुरी हैं, इस नगर निगम परिषद का कार्यकाल ऐसा हो कि जनता याद करे- विधायक काश्यप
नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा के पदभार ग्रहण समारोह को संबोधित करते विधायक चेतन्य काश्यप।

नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा ने पदभार ग्रहण किया, महापौर व विधायक ने दी बधाई

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों का रतलाम नगर निगम में लम्बा कार्यकाल रहा है। भाजपा की रीति-नीति अनुसार सभी कार्यकालों में जनहित के कार्य किए गए हैं। पिछले 3-4 वर्षों में कोरोना काल और कांग्रेस शासन काल के दौरान नगर विकास के कार्य प्रभावित हुए थे, इस दौरान निगम में प्रशासनिक अधिकारियों का कार्यकाल रहा। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के कार्य के तरीके अलग-अलग होते हैं, इसलिए निगम संचालन के लिए वर्तमान जनप्रतिनिधियों को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। महापौर और निगम अध्यक्ष काम की धुरी होते हैं। अतः मौजूद नगर निगम परिषद ऐसा काम करे कि जनता याद करे।

यह बात रतलाम विधायक चेतन्य काश्यप ने शनिवार को नगर निगम में आयोजित समारोह में कही। वे नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा के पदभार ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान महापौर प्रहलाद पटेल, जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय, पूर्व जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित, पूर्व जिला महामंत्री मनोहर पोरवाल एवं नगर निगम आयुक्त अभिषेक गेहलोत मंचासीन रहे।

विधानसभा व लोकसभा चुनाव में होगी निगम की महत्वपूर्ण भूमिका

विधायक काश्यप ने कहा कि- सभी जनप्रतिनिधि भाजपा कार्यकर्ता होने के नाते अपने दायित्व को समझें और जनहित में प्रभावी भूमिका निभाएं। अगले साल विधानसभा और उसके 6 माह बाद लोकसभा के चुनाव हैं। इनमें नगर निगम की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। इसलिए निगम से जुड़ी व्यवस्थाओं का अध्ययन कर उन्हें सुचारु रूप से संचालित करना आवश्यक है। पार्षद वार्ड की समस्या को नोट करें और फिर सिर्फ अधिकारियों को बताकर जिम्मेदारीपूर्ण होना नहीं समझें। हर कार्य का निरंतर पर्यवेक्षण करते रहें।

सबसे अच्छे निगम अध्यक्ष विष्णु त्रिपाठी रहे

काश्यप ने अब तक रहे निगम अध्यक्षों में से सबसे अच्छा कार्यकाल दिवंगत विष्णु त्रिपाठी का बताया। उन्होंने कहा त्रिपाठी पूरे समय नगर निगम में बैठते थे और हर काम की मॉनिटरिंग करते थे। नई अध्यक्ष मनीषा शर्मा दो बार पार्षद और एमआईसी सदस्य रही हैं। अतः उनसे भी ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद है।

अफसरों और राजनीति पर किया कटाक्ष

रतलाम विधायक काश्यप ने संबोधन के दौरान नगर निगम के अफसरों, कर्मचारियों और राजनीति पर कटाक्ष भी किया। उनका कहना था कि नामांतरण को लेकर लोग परेशान थे। अफसरों ने बताया कि सिर्फ आदर्श चुनाव आचार संहिता के समय के ही प्रकरण लंबित हैं। बाद में पता चला कि दो-तीन साल तक के प्रकरण लंबिंत हैं। इस मामले में बड़े अधिकारियों तक ने झूठ बोला, जो उचित नहीं है। उन्होंने भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मौजूदा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा कही गई बात का उल्लेख करते हुए राजनीति में लोगों के असंतुष्ट रहने को लेकर कटाक्ष भी किया। उन्होंने कहा एमआईसी सदस्यों के कक्ष तैयार हो रहे हैं। अभी कहीं पढ़ने को मिला था कि कक्ष को लेकर कुछ सदस्य आगे-पीछे हो रहे हैं। दरअसल असंतोष राजनीति की इच्छा है।

विधायक के मार्गदर्शन में रतलाम बनेगा महानगर- पटेल

महापौर प्रहलाद पटेल ने भी संबोधित किया। उन्होंने निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा को शुभकामनाएं दीं। पटेल ने कहा कि विधायक काश्यप के मार्गदर्शन में नगर निगम रतलाम को नगर से महानगर बनाने का संकल्प पूरा करेगा। इसके बाद अध्यक्ष शर्मा ने अपने नवशृंगारित कक्ष में पहुंच कर पदभार ग्रहण किया।

इन्होंने किया अतिथियों का स्वागत

आरंभ में अतिथियों का स्वागत मेयर इन कौंसिल के सदस्य भगतसिंह, पप्पू, धर्मेन्द्र, अक्षय, दिलीप गांधी, विशाल शर्मा, अनीता कटारा, सपना त्रिपाठी, रामलाल डाबी, राजू सोनी, सांसद प्रतिनिधि राजेन्द्र एवं निगमायुक्त गेहलोत आदि ने किया। संचालन शैलेन्द्र गोठवाल ने किया। आभार सिटी इंजीनियर सुरेशचंद्र व्यास ने माना।

ये रहे मौजूद- भाजपा जिला उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा, जिला मंत्री सोना शर्मा, जिला मीडिया प्रभारी अरुण त्रिपाठी, प्रभारी विनोद यादव, पूर्व एमआईसी सदस्य पवन सोमानी सहित पार्षद, पार्टी, मोर्चा, प्रकोष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।

भाजपा का आयोजन बनकर रह गया पदग्रहण समारोह

अव्वल तो समारोह करीब एक घंटे की देरी से शुरू हुआ। फिर समारोह का स्वरूप देखकर लोगों को यह भाजपा का निजी समारोह प्रतीत हुआ न कि निगम के किसी जनप्रतिनिधि का शपथग्रहण समारोह। आने के लिए पार्टी पदाधिकारियों और पार्षदों ने सोशल मीडिया पर बुलावे के खूब मैसेज किए गए लेकिन उनके बैठने की व्यवस्था नहीं हुई। यहां तक कि आयुक्त गेहलोत और सांसद प्रतिनिधि राजेंद्र तक के बैठने का प्रबंधन नहीं था। दोनों के लिए दूसरों को उठाकर कुर्सी मुहैया कराई गई। इस बारे में निगम के जिम्मेदार से आपत्ति दर्ज कराई गई लेकिन वे ठीक से जवाब तक नहीं दे पाए।

आप यूं ही खड़े रहिए, क्योंकि- आपको बैठा सकें इसके लिए हमारे पास न तो कुर्सी हैं और न ही जगह, फिर हमें तो यह भी नहीं पता कि आपको बुलाया किसने है !

इन तस्वीरों की तरह ही समारोह में बुलाए गए या आए लोग पूरे समय खड़े रहे। इनमें पार्षद, पार्षदों के रिश्तेदार, समर्थक, भाजपा के पदाधिकारी सहित अन्य शामिल हैं। निगम अध्यक्ष के वार्ड के कुछ लोग भी पहले तो काफी देर तक इंतजार करते रहे और बाद में पूरे कार्यक्रम के दौरान खड़े रहे तथा निगम अध्यक्ष सहित अन्य को कोसते रहे। जितने हाल के अंदर खड़े थे उतने या उससे ज्यादा हाल के बाहर खड़े रह कर आयोजन के समापन की प्रतीक्षा कर रहे थे। यह नजारा देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानों नगर निगम के जिम्मेदार कह रहे हों, कि- "आप कौन हैं? आपको यहां किसने बुलाया है? यदि आप यह सोचकर आए हैं कि आप अतिथि हैं और आपका मान-सम्मान होगा, तो यह भूल जाइए। नगर निगम के शब्दकोश में अतिथि या अतिथि देवो भवः या अतिथि सम्मान जैसे शब्द नहीं हैं। इसलिए, इसी तरह खड़े रहिए, क्योंकि हमारे पास आप को बैठाने के लिए न तो कुर्सी है और न ही जगह।"

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