एक और अच्छी खबर ! अब रतलाम के शासकीय मेडिकल कॉलेज में हो सकेगा कॉर्निया ट्रांसप्लांट, दृष्टि खो चुके लोगों के जीवन में होगा उजियारा
रतलाम के शासकीय मेडिकल कॉलेज में अब कॉर्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू हो गई है। इसके लिए अब लोगों को बड़े शहर नहीं जाना पड़ेगा।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा होने की और अच्छी खबर है। यह खबर डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय शासकीय मेडिकल कॉलेज से आई है। कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप के प्रयासों से अब यहां कॉर्निया ट्रांसप्लांट की निःशुल्क सुविधा शुरू हो गई है। यानी अब रतलाम व आसपास के जिले के दृष्टि खो चुके लोगों को जीवन रोशन करने के लिए बड़े शहर नहीं जाना पड़ेगा और हजारों-लाखों रुपए भी खर्च नहीं करने होंगे।
शासकीय मेडिकल कॉलेज की अंगदान प्रत्यारोपण समिति के सदस्य एवं काकाणी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव समाजसेवी गोविंद काकानी ने बताया कि डॉ. लक्ष्मीनारायण शासकीय मेडिकल कॉलेज में लगातार सुविधाओं का इजाफा हो रहा है। यहां कॉर्निया ट्रांसप्लांट शुरू करने को लेकर भी प्रयास किए जा रहे थे। कैबिनेट मंत्री काश्यप की सक्रियता और प्रयासों से यह सुविधा भी अब यहां शुरू हो गई है। डीन डॉ. अनीता मूथा के निर्देशन में नेत्र विभाग के प्रभारी डॉ. डॉ. रशेंद्र सिंह सिसौदिया और उनकी टीम के द्वारा कॉर्निया का निःशुल्क ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा। अच्छी बात यह है कि यहां पीजी के लिए भी डॉक्टर आ रहे हैं जिनकी सेवाएं भी इस कार्य में मिल सकेंगी।
इनसे संपर्क कर सकते हैं
कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए व्यक्ति रतलाम शहर में नेत्रम् संस्था, काकाणी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के कीसी भी सदस्य से संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा सीधे मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग में भी संपर्क कर इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है। जानकारों के अनुसार ऐसे लोगों का कॉर्निया ट्रांसप्लांट करना ज्यादा आसान और लाभप्रद होगा जो हाल के दिनों में किसी हादसे या बीमारी के कारण क्षतिग्रस्त हुआ हो। ज्यादा समय पूर्व क्षतिग्रस्त हुए कॉर्निया के ट्रांसप्लांट की सफलता दर अपेक्षाकृत कम रहती है।
इन्हें भी मिलेगा लाभ
समाजसेवी काकाणी ने बताया कि दिव्यांगता परीक्षण से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जिले में वर्तमान में लगभग 270 लोग और बच्चे ऐसे हैं जिनका कॉर्निया किसी कारण क्षतिग्रस्त है। ऐसे लोगों के दिव्यांगता कार्ड बने हुए हैं जिसकी सूची भी उपलब्ध है। इनमें से 10-10 लोगों को बुला-बुला कर जांच की जाएगी और यह देखा जाएगा कि उनका कॉर्निया किस कारण क्षतिग्रस्त हुआ और क्या वह बदला जा सकता है। जिनके भी कॉर्निया बदले जा सकते हैं उन्हें प्रतीक्षा सूची में दर्ज किया जाएगा और जैसे-जैसे कॉर्निया प्राप्त होंगे वैसे-वैसे ट्रांसप्लांट होता जाएगा। काकाणी के अनुसार रतलाम जिले के बाहर के लोग भी कॉर्निया ट्रांसप्लांट को लेकर संपर्क कर रहे हैं।
पुणे जाकर देखेंगे कार्यप्रणाली
काकाणी ने बताया कि महाराष्ट्र के पुणे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा जन कल्याण रक्त पेढ़ी और जन कल्याण नेत्र पेढ़ी के नाम से प्रकल्प चलते हैं। वहां भी कॉर्निया ट्रांसप्लांट से जुड़ी गतिविधां होती हैं। आवश्यकता पड़ने पर रतलाम से टीम पुणे जाकर वहां की संस्थाओं की कार्यप्रणाली का भी अवलोकन करेगी। बता दें कि, रक्तदान, नेत्रदान और देहदान के मामले में रतलाम में काफी उल्लेखनीय कार्य हो रहा है। यहां की कई संस्थाएं इस कार्य में निःस्वार्स्थ भाव से सेवाएं दे रही हैं।