आरडीए अध्यक्ष अशोक पोरवाल ने ग्रहण किया पदभार, पीएम और सीएम की मंशानुसार लोगों को सस्ते प्लॉट उपलब्ध कराना प्राथमिकता रहेगी, देखें वीडियो...
रतलाम विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष अशोक पोरवाल ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पदभार ग्रहण कर लिया। इस मौके पर विधायक आकाश कैलाश विजयवर्गीय विशेष रूप से रतलाम आए और वाहन रैली में भी शामिल हुए।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम विकास प्राधिकरण (आरडीए) के नवनियुक्त अध्यक्ष अशोक पोरवाल ने मंगलवार शाम वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में आरडीए कार्यालय पहुंच कर पदभार ग्रहण किया। इस मौके पर वाहन रैली भी निकाली गई। पोरवाल ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मंशानुसार लोगों को सस्ते प्लॉट उपलब्ध कराने के प्रयास करना अपनी प्राथमिकता बताई।
आरडीए अध्यक्ष पोरवाल मंगलवार शाम 5:25 बजे आरडीए कार्यालय पहुंचे। उन्होंने शहर विधायक चेतन्य काश्यप, ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना, भाजपा जिला प्रभारी प्रदीप पांडेय आदि की मौजूदगी में पदभार ग्रहण किया। शहर एसडीएम एवं आरडीए सीईओ संजीव केशव पांडेय ने नवनियुक्त अध्यक्ष पोरवाल सहित अन्य अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।
मध्यम वर्ग को सस्ते प्लॉट उपलब्ध कराना प्राथमिकता : पोरवाल
पदभार ग्रहण समारोह के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए अध्यक्ष पोरवाल ने कहा कि आरडीए के माध्यम से सभी को साथ लेकर शहर का विकास करना उनकी प्राथमिकता रहेगी। मध्यमवर्गीय और गरीबों को सस्ते प्लॉट उपलब्ध कराना भी उनकी प्राथमिकता में शामिल रहेगा। श्री पोरवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भावना के अनुसार सभी को छत उपलब्ध कराना उनका प्रयास रहेगा।
वाहन रैली निकाल कर किया सेलिब्रेशन
भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा इस मौके पर वाहन रैली निकाली गई। आंडबेडकर मांगलिक भवन परिसर से रैली शुरू हुई। रैली में विधायक आकाश विजयवर्गीय भी शामिल हुए। यह रैली दो बत्ती, दिलबहार चौराहा, फ्रीगंज, न्यू रोड, शहर सराय सहित शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई छोटू भाई की बगीची पहुंच कर विसर्जित हुई। जगह-जगह आरडीए अध्यक्ष पोरवाल का स्वागत किया गया।
महापौर अनुपस्थिति रही चर्चा का विषय
आरडीए अध्यक्ष का पदभार ग्रहण समारोह में महापौर प्रहलाद पटेल की अनुपस्थिति राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी रही। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि महापौर के नहीं आने की वजह क्या रही। हालांकि राजनीति से जुड़े लोगों का मानना है कि पोरवाल महापौर पद के दावेदार थे लेकिन उनके स्थान पर पटेल को टिकट दे दिया गया। वे जीत तो गए लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी को मिले वोटों की तुलना में पटेल को मिले वोटों का प्रतिशत बहुत ज्यादा नहीं रहा। जबकि इससे पहले हुए महापौर के चुनाव में जीत का अंतर काफी रहा था। चर्चा है कि यह टीस मौजूदा महापौर को अब भी साल रही है। बताते हैं कि वे इसके लिए महापौर पद के दावेदार रहे तमाम नेताओं को मान रहे हैं।