पावन हुई रत्नपुरी : देव आह्वान के साथ शुरू हुआ 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गूंजा गायत्री मंत्र

रतलाम में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ वैदिक मंत्रों और गायत्री मंत्रों के उद्घोष के बीच शुरू हुआ। इस मौके पर गायत्री चालीसा का वितरण किया गया।

पावन हुई रत्नपुरी : देव आह्वान के साथ शुरू हुआ 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गूंजा गायत्री मंत्र
24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में शामिल यजमान।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में विराट 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ की शुरूआत शुक्रवार को हो गई। महायज्ञ स्थली पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शांतिकुंज हरिद्वार से आई यज्ञाचार्यों ने सबसे पहले देव पूजा के साथ पांच तत्व वायु, जल, आकाश, पृथ्वी एवं अग्नि के प्रतीकों का पूजन कर सप्त ऋषियों का आह्वान किया। गायत्री मंत्र का उच्चारण और यज्ञशाला में आहुति देने के साथ ही रत्नपुरी का वातावरण धर्ममय हो गया।  

युग ऋषि पंडित श्री राम शर्मा आचार्य की प्रेरणा से संगीता प्रकाश प्रभु राठौड़ ने लगातार दो साल से 24, 24  हजार के गायत्री मंत्र जाप के 24 महापुश्चरण 24 महीने में अभिनव साधना की। पूज्य गुरूदेव एवं मां गायत्री की असीम अनुकम्पा से संपन्न हुई साधना की महापूर्णाहुति विराट 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ हो रही है। राजीव गांधी सिविक सेंटर स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पास बनाई गई गायत्री महायज्ञ शाला में आयोजन हो रहे हैं। यज्ञ शाला के चार कोनों में चार तत्व वेदियां बनाई गई हैं। मध्य में सर्वतोभद्र मंडल और चार कोनों में वायु तत्व, वरुण तत्व, अग्नि तत्व एवं पृथ्वी तत्व बनाए गए हैं।

यज्ञ की शुरुआत के पहले वैदिक मंत्र, मध्यम स्वर, विलंबित गति के निर्देश के साथ मंत्रोच्चार कर देव शक्तियों का आह्वान किया गया। देव पूजा संगीता प्रकाश प्रभु राठौड़, दिनेश चौहान, नवीन दुबे, दयानंद राठौड़, अजय राठौड़, हेमांग, हर्षद राठौड़, विजय सोनी, गोपाल राठौड़, अनिल पाटील ने सपत्नीक ने की। शांतिकुंज हरिद्वार के यज्ञाचार्य पं. जितेंद्र मिश्रा, सहायक बसंतीलाल सोलंकी, युग गायक प्रेमनाथ ध्रुव, युग वादक श्रवण कुमार, सारथी विवेकसिंह का स्वागत गायत्री परिवार के रतलाम नगर के मुख्य ट्रस्टी पातीराम शर्मा, मुख्य यजमान जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश प्रभु राठौड़, अर्जुनसिंह चौहान, सुरेंद्रसिंह ठाकुर, गोपालसिंह तोमर, डॉ. आईपी त्रिवेदी, विवेक चौधरी, एमएस साहू, ऋषिराज धाकड़ आदि ने किया। देव मंच की व्यवस्था शिवपाल छप्री व रजनी छप्री ने संभाली।

गंगाजल और गायत्री चालीसा का किया वितरण

यज्ञ स्थल पर राठौड़ परिवार द्वारा गंगाजल व गायत्री चालीसा का वितरण किया गया। शनिवार को सिद्ध रुद्राक्ष वितरित किए जाएंगे। शांतिकुंज से पधारी यज्ञाचार्यों की टोली ने यज्ञ स्थल पर लगाए गए युग ऋषि पंडित श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा रचित युग साहित्य पुस्तक मेले का अवलोकन किया। मध्यजोन प्रभारी राजेश दवे पटेल ने रतलाम एवं मालवांचल के अन्य क्षेत्रों में लगाए जा रहे पुस्तक मेले के बारे में जानकारी दी।

जीवन जीने की कला सिखाती है प्रज्ञा पुराण कथा- पं. संतोष मिश्रा

दोपहर 2 बजे से आयोजन स्थल पर यज्ञाचार्य पं. संतोष मिश्रा ने पूज्य गुरुदेव पंडित श्री राम शर्मा द्वारा रचित प्रज्ञा पुराण कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि पूज्य गुरुदेव द्वारा रचित प्रज्ञा पुराण कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। इस पुराण से हमें शिक्षा तो मिलेगी ही उन्नति का मार्ग भी खुलते है। संचालन विकास शैवाल ने किया।

माता-पिता का सुसंस्कारी होना आवश्यक- पं. जितेंद्र मिश्रा

गायत्री परिवार जनमानस में सनातन संस्कार पद्धति के पुनर्जीवन के लिए निरंतर समर्पित भाव से प्रयासरत है। इसी क्रम में महायज्ञ के पहले दिन गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष पुंसवन संस्कार संपन्न कराया गया। यज्ञाचार्य पं. जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि गर्भस्थ शिशु के समुचित विकास के लिए गर्भिणी का यह संस्कार किया जाता है। शिशु को संस्कारवान बनाने के लिए सर्वप्रथम जन्मदाता माता-पिता का सुसंस्कारी होना आवश्यक है। गर्भ सुनिश्चित हो जाने के 3 माह पूरे हो जाने तक पुंसवन संस्कार किया जाता है। गर्भस्थ शिशु जन्म लेने के बाद माता-पिता, कुल परिवार तथा समाज के लिए सौभाग्य एवं गौरव बनें, इस बारे में शिक्षा दी गई।

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बताया गया किसी भी समय क्रोध ना करें, अच्छे से रहें, साहित्य का अध्ययन करें जिससे आपकी संतान वीर, यशस्वी, तेजस्वी होगी। 15 जनवरी तक होने वाले इस आयोजन में शिशुओं के लिए नामकरण, अन्नप्राशन, मुण्डन, विद्यारम्भ तथा यज्ञोपवित (जनेऊ) संस्कार तथा गुरु दीक्षा, जन्म दिवस, विवाह दिवस आदि संस्कार प्रतिदिन यज्ञ के समय नि:शुल्क संपन्न कराए जाएंगे।