ये तो सुरक्षा में चूक है ! रतलाम में बिरसा मुंडा की प्रतिमा अनावरण से पहले सांसद व विधायक का घेराव, मुर्दाबाद के नारे गूंजे, कलेक्टर का गनमैन घायल

रतलाम में निवेश क्षेत्र का विरोध कर रही जयस के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को रतलाम-झाबुआ सांसद और रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना का घेराव कर दिया। दोनों को सुरक्षित निकालने में पुलिस को काफी मशक्कत करना पड़ी।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम-झाबुआ सांसद और रतलाम ग्रामीण विधायक जिन धरती आबा (धरती के भगवान) बिरसा मुंडा की प्रतिमा के अनावरण समारोह में भाग लेने जा रहे थे उनके ही अनुयायियों ने दोनों का घेराव कर दिया। जयस के नेतृत्व में हुए इस घेराव के दौरान दोनों जनप्रतिनिधियों के मुर्दाबाद के नारे भी लगे। स्थिति बेकाबू होती देख कलेक्टर के गनमैन ने विधायक को सुरक्षित निकाला, हालांकि इस दौरान वे घायल हो गए।

मंगलवार को जनजातीय समाज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रह था। इस मौके पर रतलाम नगर निगम द्वारा शहर के गोपाल गोशाला कॉलोनी स्थित उद्यान में स्थापित बिरसी मुंडा की प्रतिमा का अनावरण समारोह आयोजित किया गया था। इसमें शामिल होने रतलाम-झाबुआ सांसद गुमान सिंह डामोर तथा रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना रतलाम आ रहे थे।

जनप्रतिनिधियों का काफिला धराड़ में था तभी बिरसा मुंडा के भक्तों और जयस के कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले को घेर लिया। उन्होंने डामोर और मकवाने की मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। इससे जनप्रतिनिधियों की जान सांसत में आ गई। काफिले के साथ चल रहे पुलिस के अमले ने दोनों को सुरक्षित निकाला। विधायक मकवाना को सुरक्षित निकालने के दौरान कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी के गनमैन संदीप चंदेल भी चोटिल हो गए। उनकी नाक में चोट आई।

बड़छापा में प्रतिमा अनावरण कर आ रहे थे रतलाम

मंगलवार को ही जिला प्रशासन जिले के बड़छपरा में बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम रखा गया था। रतलाम-झाबुआ सांसद डामोर व रतलाम ग्रामीण विधायक मकवाना सहित अन्य वहां शामिल होने के के बाद रतलाम आ रहे थे। तभी जयस ने उन्हें घेर लिया। भीड़ को देख सांसद डामोर कार से उतर कर उसे समझाने का प्रयास करने लगे लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनकी एक न सुनी।

निवेश क्षेत्र का प्रोजेक्ट रद्द करने पर अड़ थे प्रदर्शनकारी

जनप्रतिनिधियों का घेराव करने वाले कार्यकर्ता रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के कुछ गांवों से निवेश क्षेत्र का प्रस्ताव रद्द करने की मांग कर रहे थे। वे घेराव के दौरान वहीं जमीन पर धरने पर बैठ गए और नारे लगाए। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। स्थिति अनियंत्रित होते देख मौके पर पुलिस बल तैनात करना पड़ा।

सुरक्षा व्यवस्था और सूचना तंत्र पर उठे सवाल

बिरसा मुंडा प्रतिमा अनावरण समारोह को लेकर पुलिस द्वारा यातायात सहित अन्य व्यवस्थाएं चाक-चौबंद किए जाने के दावे किए गए थे। हालांकि इसकी पोल कुछ ही घंटों में तब खुल गई जब जयस के कार्यकर्ता इतनी बड़ी संख्या में जुट गए और उन्होंने जनजातीय समाज के ही दो जनप्रतिनिधियों का घेराव तक कर दिया। इससे साफ है कि चोरियों सहित अन्य अपराधों पर नियंत्रण के मामले में लचर साबित हो रहा रतलाम का पुलिस महकमा सांसद और विधायक के घेराव करने वालों के इरादों को भांपने में भी नाकाम रहा। जनप्रतिनिधियों के समर्थकों का मानना है कि यह पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में चूक और सूचना तंत्र के फेल होने का बड़ा उदाहरण है।

11 धाराओं में दर्ज हुआ केस, 5 आरोपी हिरासत में

मामले में बिलपांक पुलिस ने घेराव करने वालों के विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने सहित करीब एक दर्जन धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। इनमें आईपीसी की धारा 294, 341, 353, 332, 146, 147, 336. 506, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण) अधिनियम 1989 (संशोधन 2015) की धारा 3(1)(द), 3(1)(ध) एवं 3(2)(वीए) शामिल हैं। मामले में 5 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने डॉ. अभय ओहरी, डॉ. आनंद राय, विलेश खराड़ी और अनिल निनामा सहित 5 लोगों को हिरासत में लिया है। हालांकि विभाग के जिम्मेदार हिरासत में लिए गए लोगों के नाम सार्वजनिक करने से बच रहे हैं।