बढ़ती ठंड से बचाने के लिए ‘जय मां अम्बे शक्ति’ ने सरकारी स्कूल के बच्चों को वितरित किए ऊनी वस्त्र

जय मां अम्बे शक्ति समिति ने सरकारी स्कूल के बच्चों को ऊनी वस्त्रों का वितरण किया।

बढ़ती ठंड से बचाने के लिए ‘जय मां अम्बे शक्ति’ ने सरकारी स्कूल के बच्चों को वितरित किए ऊनी वस्त्र
प्रीतमनगर के सरकारी स्कूल के बच्चों को ऊनी वस्र भेंट करते जय मां अम्बे शक्ति संस्था के पदाधिकारी।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । बढ़ती ठंड को देखते हुए “जय माँ अम्बे शक्ति” सामाजिक सेवा समिति सागोद ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रीतमनगर में बच्चों को ऊनी वस्त्र प्रदान किए गए। यहां कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को 70 सेट ऊनी स्वेटर और कैप का वितरण किया गया। बच्चों को वस्त्र खुद संस्था पदाधिकारियों ने पहनाए। इससे विद्यार्थियों के चेहरों पर खुशी की चमक नजर आने लगी।

ऊनी वस्त्र वितरण के दौरान ऋतेश पंवार ने समिति के कार्य की तारीफ की। उन्होंने कहा कि बच्चे देश की पूँजी हैं। देश को विकसित बनाना है तो बच्चों को शिक्षित एवं सक्षम बनाना होगा। “जय माँ अम्बे शक्ति” सामाजिक सेवा समिति के साथ जुड़ना प्रसन्नता एवं सम्मान की बात है।

समिति के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रकाश शर्मा ने कहा कि “जय माँ अम्बे शक्ति” सामाजिक सेवा समिति सागोद एक गैर लाभकारी संस्था है। इसके सरंक्षक विजय पाटीदार हैं। संस्था का उद्देश्य समाज के गरीब और पिछडे वर्ग तथा जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ पर्यावरण सवर्धन तथा समाज के वंचित लोगों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना है।

संस्था को भेंट किए स्मृति चिह्न

प्रभारी प्राचार्य प्रशांत परासिया ने समिति को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनके द्वारा छात्रहित में ऊनी वस्त्र वितरण पर समिति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा की छात्रों को शीतलहर में प्रदाय किए गए ऊनी वस्त्र से बहुत राहत मिलेगी।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर समिति के सचिव संजय सोमरवाल, कोषाध्यक्ष गणपत पाटीदार, संगठन मंत्री महेश पाटीदार, मीडिया प्रभारी चेतन पाटीदार, मोहन पाटीदार, गोपाल परिहार, नाहर सिंह डोडवे, अर्चना भूरिया, अनूप मालवीय, वर्षा सूर्यवंशी, दुर्गा राठौर, बाबूलाल गेहलोत, विष्णु पुरी, दिलीपदास बैरागी, राजेश मालीवाड़, विनोद वसुनिया, सुलोचना राजावत, मंजू ओसारी (शिक्षक) सहित आयुष विभाग, महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी सहित छात्र छात्राएं उपस्थित रहें। संचालन ऋतेश पंवार ने किया। आभार अर्चना भूरिया ने माना।