रतलाम स्थापना महोत्सव : ‘अभी तिरंगे के रंगों का ठीक से उडऩा बाकी है, कटे-फटे इस मानचित्र का पूरा जुडऩा बाकी है…’

रतलाम स्थापना महोत्सव के तहत रतलाम में महाराजा रतनसिंह अलंकरण समारोह और अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। स्थापना महोत्सव 14 फरवरी को मनेगा।

रतलाम स्थापना महोत्सव : ‘अभी तिरंगे के रंगों का ठीक से उडऩा बाकी है, कटे-फटे इस मानचित्र का पूरा जुडऩा बाकी है…’
रतलाम स्थापना महोत्सव का शुभारंभ करते मंत्री चेतन्य काश्यप।

देर रात कवियों ने बांधा समा, कार्यक्रम में प्रतिभाएं महाराजा रतनसिंह अलंकरण से सम्मानित

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम स्थापना महोत्सव समिति द्वारा 14 फरवरी (बसंत पंचमी) के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय महोत्सव मनाया जा रहा है। पहले दिन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और महाराजा रतनसिंह अलंकरण समारोह आयोजित किया गया। देर रात तक चले कवि सम्मेलन में वेदव्रत वाजपेयी की कविता ‘अभी तिरंगे के रंगों का ठीक से उड़ना बाकी है, कटे-फटे इस मानचित्र का पूरा जुड़ना बाकी है...’ ने सभी को रोमांचित कर दिया। 

रतलाम स्थापना महोत्सव के तहत हुए अलंकरण समारोह और कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि मप्र शासन के कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप रहे। विशेष अतिथि पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा और पूर्व जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित थे। अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय ने की। चांदनीचौक क्षेत्र पर आयोजित कार्यक्रम में रतलाम स्थापना महोत्सव समिति की ओर से मंत्री काश्यप का शॉल, श्रीफल और स्मृति चिह्न सहित भगवान श्री राम की तस्वीर भेंट कर अभिनंदन किया गया।

33 वर्षों से सामाजित कार्य करने वालों को सम्मानित करना सराहनीय- मंत्री काश्यप

इस मौके पर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री काश्यप ने कहा कि विगत 33 वर्षों से रतलाम स्थापना महोत्सव समिति जिस प्रकार से अलग-अलग क्षेत्र में सामाजिक कार्य करने वालों को सम्मानित कर रही है, वह सराहनीय है। रतलाम स्थापना महोत्सव समिति प्रतिभाओं को सम्मानित करने के साथ सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन कर निरंतर प्रशंसनीय कार्य में अग्रसर है। भाजपा जिलाध्यक्ष उपाध्याय ने कहा कि अपने शहर का स्थापना दिवस नगर के प्रत्येक व्यक्ति को उत्साह पूर्वक मनाना चाहिए।

प्रतिभाओं का हुआ सम्मान

कार्यक्रम के शुरुआत में स्वागत भाषण रतलाम स्थापना महोत्सव समिति संस्थापक व संयोजक मुन्नालाल शर्मा ने दिया। उन्होंने कहा कि आज प्रतिभाओं का सम्मान करते हुए बड़ी खुशी हो रही है। इस दौरान उन्होंने कैबिनेट मंत्री काश्यप के कार्यों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य के परिणाम भी सुखद होते हैं। रतलाम स्थापना महोत्सव समिति अध्यक्ष प्रवीण सोनी ने बताया कि रतलाम स्थापना महोत्सव समिति द्वारा बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय कार्यक्रम वृहद पैमाने पर आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में चांदनी चौक में आयोजित  अखिल भारतीय कवि सम्मेलन से पूर्व अतिथियों द्वारा समाजसेवी मोहन मुरलीवाला, ओमप्रकाश सोनी (पेटलावद वाला), पंकज कटारिया, सलीम आरिफ, हेमंत मूणत, ओमप्रकाश चौरसिया, सत्यनारायण शर्मा (सत्तू पहलवान), विजय मीणा, वर्षा पंवार, सुरेश तंवर और पंकज भाटी को महाराजा रतनसिंहजी अलंकरण से सम्मानित किया गया। संचालन विकास शैवाल ने किया। 

इन प्रतिभाओं को इसलिए मिला सम्मान

  • समाजसेवी ओमप्रकाश सोनी (पेटलावद वाला) को शव पेटी और जरूरतमंदों को भोजन और नाश्ता उपलब्ध कराने के लिए।
  • समाजसेवी पंकज कटारिया को सेवा के क्षेत्र में निरंतर तत्पर रहने के लिए।
  • नेत्र चिकित्सालय से सलीम आरिफ और अग्रणी हेमंत मूणत को नेत्रदान में विशेष सहयोग और सेवा के लिए।
  • ओमप्रकाश चौरसिया को योग चिकित्सा और भौतिक शारीरिक चिकित्सा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए।
  • मानव सेवा समिति के अध्यक्ष मोहन मुरलीवाला को रक्तदान के क्षेत्र में अग्रणी तथा विभिन्न सामाजिक संस्थाओं में योगदान व सेवा के लिए।
  • सत्यनारायण शर्मा ‘सत्तू पहलवान’ को बालिका आत्मरक्षा और बच्चों को व्यायाम के लिए प्रेरित करने के लिए।
  • पत्रकार विजय मीणा को पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए।
  • पंकज भाटी को रक्तदान और मंदिर से जुड़कर जागरूकता और स्वच्छता के लिए।
  • वर्षा पंवार को थैलेसिमिया की जागरूकता बढ़ाने और उसके निदान के लिए।
  • जनसेवी सुरेश तंवर को लावारिसों के अंतिम संस्कार और दिव्यागों के लिए उपकरणों की व्यवस्था करने के लिए। 

हमको भी तो हिंगलाज माता के दर्शन करना है...- वाजपेयी

प्रतिभाओं के सम्मान के बाद अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों ने मंच संभाला। देर रात तक चले कविताओं के दौर में वेदव्रत वाजपेयी (लखनऊ-उत्तर प्रदेश) ने ‘अभी तिरंगे के रंगों का ठीक से उड़ना बाकी है, कटे-फटे इस मानचित्र का पूरा जुडऩा बाकी है। पंजा साहेब ननकाना में शक्ति प्रदर्शन करना है। हमको भी तो हिंगलाज माता के दर्शन करना है। तिब्बत वाले बौद्ध मठों से आशीषों की आशा है, मानसरोवर का पावन जल पीने की अभिलाषा है’ कविता सुनाकर काव्यप्रेमियों की दाद बंटोरी।

मर्यादाएं दफन हो जातीं, यदि श्रीराम नहीं होते...- मुल्थानी

इसी प्रकार कवि धमचक मुल्तानी ने कहा- ‘आदि शंकराचार्य नहीं होते तो चारों धाम नहीं होते राधा, राधा नहीं होती यदि घनश्याम नहीं होते। मर्यादाएं कभी भी दफन हो जातीं इस देश में, यदि अयोध्या में दशरथ नंदन श्रीराम नहीं होते।’ उत्तरप्रदेश के टूंडला से आए हास्य कवि लटूरी लट्ठ ने खूब हंसाया। उन्होंने ‘वो हिंदी के दम सारी दुनिया डोल लेता है, अंग्रेजी तो पउआ पीकर भी बोल लेता है। न जाने क्यों इतनी मिठास है अपनी भाषा में, कि बोलने से पहले मिसरी घोल लेता है…। कविता सुनाकर दर्शकों दाद बटोर। अखिल भारतीय कवि अर्जुन अलहड़ (कोटा-राजस्थान), धर्मेंद्र सोलंकी (भोपाल-मध्य प्रदेश), मुकेश मोलवा (इंदौर-मध्य प्रदेश), मुकेश शांडिल्य (हरदा-मध्य प्रदेश) एवं रजनी अवनी (दिल्ली), ब्रजराज सिंह ‘ब्रज’ ने भी श्रोताओं को गुदगुदाने के साथ वर्तमान सामाजिक और राजनीति परिदृश्य से जुड़ी रचनाएं सुनाईं।

इन्होंने किया सभी आयोजनों को सफल बनाने का आह्वान

समिति के प्रदीप उपाध्याय, ललित दख, आदित्य डागा, अनिल कटारिया, राजेंद्र पाटीदार, राजेंद्र अग्रवाल, सुशील सिलावट, राकेश नाहर, गौरव मूणत, राकेश पिपाड़ा, सौरभ जैन, हितेश शर्मा कामरेड, गोपाल शर्मा, रामचंद्र डोई, श्याम सोनी, मुरलीधर गुर्जर, सुनील माली, ईश्वर रजवाडिय़ा, विक्रम गुर्जर, संतोष पटेल (जोन्टी), महेंद्र मूणत, अभय काबरा आदि ने शहरवासियों से रतलाम स्थापना दिवस के सभी आयोजनों को सफल बनाने का आह्वान किया।