24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ गुरुवार से, 1151 कलश की यात्रा निकलेगी, अभिमंत्रित सिद्ध रुद्राक्ष व गंगाजल का नि:शुल्क वितरण होगा
अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ और प्रज्ञा पुराण कथा की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। गुरवार को कलश यात्रा के साथ महायज्ञ व अनुष्ठान शुरू हो जाएगा।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में विराट 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ व प्रज्ञा पुराण कथा, तुलसी विवाह 12 जनवरी को शुरू होगा। अनुष्ठान की शुरुआत गुरुवार दोपहर कलश यात्रा से होगा। शाम को नारी जागरण सम्मेलन एवं नारी शक्ति सम्मान कार्यक्रम होगा। इस दौरान गायत्री मंत्र से अभिमंत्रित सिद्ध रुद्राक्ष, गंगाजल का नि:शुल्क वितरण राठौड़ परिवार द्वारा किया जाएगा। आयोजन स्थल पर दर्शनार्थ के लिए 108 पवित्र धार्मिक स्थल की रज (मिट्टी) एवं 108 पवित्र धार्मिक जगह की नदियों का पवित्र जल के भी दर्शन कर सकेंगे।
गायत्री परिवार के रतलाम नगर मुख्य ट्रस्टी पातीराम शर्मा व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रकाश प्रभु राठौड़ ने बताया गुरुवार दोपहर 2 बजे कालिका माता मंदिर से 1151 कलश की यात्रा निकाली जाएगी। कलश यात्रा गुरुवार दोपहर 2 बजे कालिका माता मंदिर प्रांगण से निकलेगी। यह गुलाब चक्कर से होकर नगर निगम तिराहा, पैलेस रोड, डालूमोदी बाजार, गणेश देवरी, धानमंडी रानी जी का मंदिर, शहर सराय, लोकेंद्र टॉकिज से होते हुए गायत्री महायज्ञ स्थल पर पहुंचेगी। कलश यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया जाएगा। गायत्री मंत्र लिखे सभी कलश एक रंग के होंगे।
3 हजार से अधिक पुस्तकों का होगा वितरण
15 जनवरी तक चलने वाले आयोजन में अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे विद्वजन गायत्री यज्ञ एवं विभिन्न संस्कार सम्पन्न करवाए जाएंगे। इसके साथ ही नारी सम्मेलन एवं नारी शक्ति सम्मान, युवा सम्मेलन एवं युवा प्रतिभा सम्मान, सर्वधर्म सम्मेलन एवं धर्मगुरुओं तथा समाज के अग्रजों का सम्मान भी किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर गायत्री परिवार के संस्थापक वेदमूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित 3000 से अधिक युग साहित्य में से चयनित पुस्तकों का नि:शुल्क वितरण होगा। प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए अन्य पुस्तकें भी उपलब्ध रहेंगी। अनुष्ठान में भाग लेना पूर्णत: नि:शुल्क रहेगा।
दो साल की साधना हुई साकार
पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा से संगीता प्रकाश प्रभु राठौड़ द्वारा 24-24 हजार के गायत्री मंत्र जाप के 24 महापुश्चरण 24 महीने में अभिनव साधना की गई है। पूज्य गुरुदेव एवं मां गायत्री की असीम अनुकम्पा से संपन्न हुई साधना की महापूर्णाहुति विराट 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ अब साकार होने जा रही है। इसी तारतम्य में महायज्ञ के साथ प्रज्ञा पुराण कथा, तुलसी विवाह का आयोजन भी रतलाम शहर में राठौड़ परिवार द्वारा अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में की किया जा रहा है। संगीता राठौड़ ने दो में 24 हजार गायत्री मंत्रों का महालेखन भी किया। ये एक पुस्तक के रूप में कृष्ण भगवानी की मूर्ति के साथ शांतिकुंज हरिद्वार को भेंट की जाएगी। पूर्णाहुति के दौरान गायत्री चालीसा व 1100 तस्वीर गायत्री देव स्थापना की श्रद्धालूजन को भेंट की जाएगी।
108 धार्मिक स्थलों का जल व रज दर्शनार्थ उपलब्ध होंगे
संगीता राठौड़ परिवार द्वारा गायत्री मंत्र से अभिमंत्रित 25 हजार सिद्ध रुद्राक्ष, गंगाजल, गुरुगीता, गायत्री चालीसा, श्रीमद भागवत गीता एवं पूज्य गुरुदेव रचित पुस्तक का नि:शुल्क वितरण किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर परिवार द्वारा संग्रहित 108 धार्मिक स्थलों के जल, रज (मिट्टी), विभिन्न नदियों के जल एवं अभिमंत्रित पूजित बालगोपाल के दिव्य दर्शन, अनुष्ठित एवं देवपूजित दिव्य कलश विशेष रूप से दर्शनार्थ रहेंगे।
विशेष संस्कार नि:शुल्क संपन्न कराए जाएंगे
गायत्री परिवार जनमानस में सनातन संस्कार पद्धति के पुनर्जीवन के लिए निरंतर समर्पित भाव से प्रयासरत है। इसी क्रम में गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष पुंसवन संस्कार के साथ शिशुओं के लिए नामकरण, अन्नप्राशन, मुण्डन, विद्यारम्भ तथा यज्ञोपवीत (जनेऊ) संस्कार तथा गुरु दीक्षा, जन्म दिवस, विवाह दिवस आदि संस्कार 13 से 15 जनवरी तक प्रतिदिन यज्ञ के समय नि:शुल्क संपन्न कराए जाएंगे।