रतलाम पुलिस को सफलता : 1 लाख रुपए के घातक मादक पदार्थ MDMA के साथ सुनील सूर्या सहित 4 युवक गिरफ्तार, 1 युवक जावरा से लाया था रतलाम

रतलाम की स्टेशन रोड पुलिस ने 1 लाख रुपए के मादक पदार्थ एमडीएमए के साथ चार युवकों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है।

रतलाम पुलिस को सफलता : 1 लाख रुपए के घातक मादक पदार्थ MDMA के साथ सुनील सूर्या सहित 4 युवक गिरफ्तार, 1 युवक जावरा से लाया था रतलाम
एमडीएमए के साथ 4 युवक गिरफ्तार।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । अवैध मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के दौरान स्थानीय स्टेशन रोड पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने सूनील सूर्या सहित चार युवकों को घातक मादक पदार्थ मिथाइल एनीडियोक्सी मेथामफेटामाइन (MDMA) के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से एक लाख रुपए की MDMA जब्त की गई है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के निर्देश पर पुलिस द्वारा लगातार मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान स्टेशन रोड पुलिस को रविवार देर रात मादक पदार्थ MDMA की सप्लाई होने की जानकारी मुखबिर से मिली। थाना प्रभारी निरीक्षक दिनेश भोजक ने टीम को मुखबिर द्वारा बताए स्थान और हुलिए के अनुसार व्यक्तियों की धरपकड़ के निर्देश दिए। टीम ने सर्चिंग कर रात को ही डीमार्ट बायपास होते हुए भक्तन की बावड़ी तरफ आ रहे आरोपी आशीष पिता सुनील सोनी निवासी चांदनी चौक रतलाम को रोक कर तलाशी ली तो उसके पास से 30 ग्राम MDMA जब्त हुआ। जब्त मादक पदार्थ की कीमत करीब 1 लाख रुपए है।

पूछताछ में आरोपी आशीष सोने बताया कि उक्त मादक पदार्थ वह इसे सईद पिता फजल हुसैन निवासी हकीमवाड़ा रतलाम, हनी पिता जफर शेख निवासी नाहरपुरा रतलाम, सुनील सूर्या पिता इंदरमल जैन निवासी शास्त्री नगर रतलाम को देने के लिए जावरा से लाया है। इस आधार पर पुलिस ने दबिश देकर इन तीनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। सभी चारों आरोपियों के विरुद्ध थाना स्टेशन रोड पर धारा 8/22, 8/29 एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

इनकी रही सक्रियता

आरोपियों की गिरफ्तारी में निरीक्षक दिनेश भोजक (थाना प्रभारी थाना स्टेशन रोड), उप निरीक्षक आनंद बागवान, अमित शर्मा, प्रधान आरक्षक राजू अमलियार, आरक्षक हर्षल शर्मा, विशाल सेन, राकेश निनामा, ललित वर्मा, संदीप कुमरे की सराहनीय भूमिका रही। 

क्या है MDMA और क्यों बढ़ रहा उपयोग

मिथाइल एनीडियोक्सी मेथामफेटामाइन (MDMA) को बोलचाल की भाषा में एमडी के नाम से जाना जाता है। यह एक्सटैसी भी है। संरचनात्मक रूप से समझें तो एमडीएमए मेस्केलिन (एक साइकेडेलिक), मेथामफेटामाइन (एक उत्तेजक), साथ ही सेरोटोनिन, नॉरपेनेफ्रिन और डोपामाइन जैसे अंतर्जात मोनोमाइन न्यूरोट्रांसमीटर के समान है। यह कोकीन के बाद सबसे महंगा मादक पदार्थ है। इसका प्रचलन बॉलीवुड पार्टियों में काफी है जो अब सामान्य युवाओं द्वारा भी उपयोग किया जा रहा है। युवा इसका सेवन विभिन्न प्रकार के गुटखे के साथ कर रहे हैं। कुछ पानी में घोलकर भी पीते हैं। यह क्रिस्टल जैसा होता है और घुलनशील है और गोलियों के रूप में भी मिलता है।

सिर चढ़कर बोलता है नशा, खुदकुशी के लिए करता है प्रेरित

यह नशा सिर चढ़कर बोलता है। इसका सेवन करने वाले का शरीर सुन्न पड़ जाता है। इसका प्रभाव कई घंटे तक रहता है। इसके लगातार सेवन से तनाव बना रहता है। एनहेडोनिया, चिंता या व्यामोह, अवसाद, आवेग, अवसाद, चिड़चिड़ापन, स्मृति क्षीणता (मेमोरी लॉस), बेजैनी आदि इसके मनोवैज्ञानिक प्रभाव हैं। इसकी गिरफ्त में आने के बाद व्यक्ति धीरे-धीरे डिप्रेशन का शिकार हो जाता है और खुदकुशी जैसे कदम उठाने के बारे में सोचने लगता है।

सेवन और बंद करना दोनों ही घातक

MDMA का नशा करने वाले व्यक्ति पर शारीरिक प्रभाव भी काफी प्रतिकूल होते हैं। ब्रुक्सज्म (दांत पीसना और भींचना), निर्जलीकरण, दस्त लगना, स्तंभन दोष, अतिताप, अनिद्रा में बढ़ोतरी, पसीना आना और लगातार बढ़ना, हृदय गति और रक्तचाप में वृद्धि, साइकोमोटर गतिविधि में वृद्धि, भूख नहीं लगना, मतली और उल्टी होना, देखने और सुनने में मतिभ्रम जैसी स्थिति निर्मित होना आदि समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। यह भी देकने में आया है कि इसका सेवन बंद करने के बाद भी इसका प्रभाव एक सप्ताह तक रह सकता है।