मुझे गर्व है कि मैं ऐसे देश से हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता औऱ सार्वभौमिक स्वीकृति का ज्ञान दिया- विभाष उपाध्याय

मप्र जन अभियान परिषद द्वारा स्वामी विवेकानंद जतंयी के उपलक्ष्य में व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर अतिथियों ने स्वामी जी से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का आह्वान किया।

मुझे गर्व है कि मैं ऐसे देश से हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता औऱ सार्वभौमिक स्वीकृति का ज्ञान दिया- विभाष उपाध्याय
व्याख्यानमाला को संबोधित करते जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय।

मप्र जन अभियान परिषद द्वारा स्वामी विवेकानंद की 159वीं जयंती पखवाड़े के अंतर्गत जिला स्तरीय व्याख्यानमाला में परिषद उपाध्यक्ष ने कहा 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । चाइना के लोग चाइनीज बोलते हैं, अमेरिका के लोग अंग्रेजी बोलते हैं तो हम भारतीयों को संस्कृत और हिन्दी बोलने में गर्व महसूस करना चाहिए। स्वामी जी ने कहा है, 'मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूं जिसने सभी धर्मों को शरण दी है। मुझे गर्व है कि मैं ऐसे देश से हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता औऱ सार्वभौमिक स्वीकृति का ज्ञान दिया।

यह बात मप्र जन अभियान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय ने कही। वे मप्र जन अभियान परिषद जिला रतलाम द्वारा स्वामी विवेकानंद जी की 159 वीं जयंती पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित जिला स्तरीय व्याख्यान माला में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। विधि महाविद्यालय में हुए आयोजन के अन्य मुख्य अतिथि महर्षि पतंजलि संस्कृत सस्थान के अध्‍यक्ष व योग आयोग के उपाध्‍यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त) भरत बैरागी रहे। विशेष अतिथि के रूप में एमआईडीएच कमेटी के सदस्‍य अशोक पाटीदार, परिषद के संभाग समन्‍वयक शिवप्रसाद मालवीय, मानव सेवा समिति (रक्‍त केन्‍द्र) अध्‍यक्ष मोहन मुरलीवाला, गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ प्रांतीय संयोजक विवेक चौधरी, समाजसेवी मनोहर पोरवाल, पर्यावरणविद् खुशाल सिंह पुरोहित, स्‍वयंसेवी प्रकोष्‍ठ के जिला संयोजक राजेश रांका उपस्थित रहे। अध्‍यक्षता पद्मश्री समाजसेवी डॉ. लीला जोशी ने की।

परिषद प्रदेश उपाध्याय ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, कि- स्वामी जी कहते थे- ‘उठो जागो और लक्ष्‍य को प्राप्‍त करें। युवा वो होता है, जो बिना अतीत की चिंता किए अपने भविष्य के लक्ष्यों की दिशा में काम करता है।’ हर इंसान को कभी ना कभी अकेले ही शुरुआत करनी होती है, इसलिए किसी भी काम को करने से घबराना नहीं चाहिए। अगर आपकी नियत साफ, इरादे स्पष्ट और हौसले बुलंद होते हैं, तो आपके साथ अपने आप ही लोग जुड़ने लगते हैं। भारत में अनेक उतार-चढ़ाव आए फिर भी हम चेतना के कारण डटे थे।  

स्वामी जी जैसा बनने के लिए समर्पण करना पड़ता है- बैरागी

संस्‍कृत संस्‍थान के अध्‍यक्ष भरत बैरागी ने कहा कि उठो जागो और रुको नहीं, जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते। उनका मानना था कि जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी। स्वामी जी बनने के लिए समर्पण करना पड़ता है। ऐसे महापुरुषों के आयोजन के लिए जिला जन अभियान परिषद की टीम को साधुवाद देता हूं। ऐसे आयोजन से नागरिकों को महापुरुषों को जानने का मौका मिलता है।

स्वामी जी को समझने के लिए उन्हें व भारत के लिए रामकृष्ण जी को पढ़ें- पाटीदार

अशोक पाटीदार ने कहा कि जिस तरह अलग-अलग स्त्रोतों से निकली विभिन्न नदियां अंत में समुद्र में जाकर मिलती हैं, उसी तरह मनुष्य अपनी इच्छा के अनुरूप अलग-अलग मार्ग चुनता है। वे रास्ते देखने में भले ही सीधे या टेढ़े-मेढ़े लगें, पर सभी लक्ष्‍य तक ही जाते हैं। इस सिद्धांत का प्रमाण है कि, “जो भी मुझ तक आता है, चाहे वह कैसा भी हो, मैं उस तक पहुंचता हूं। स्वामी जी को समझना है तो उन्हें पढ़िए भारत को समझना चाहते है तो ठाकुर रामकृष्ण को पढ़िए।

युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत हैं स्वामी विवेकानंद - मालवीय

परिषद के संभाग समन्यक शिवप्रसाद मालवीय ने कहा कि विवेकानंद पर वेदांत दर्शन, बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग और गीता के कर्मवाद का गहरा प्रभाव पड़ा। स्‍वामी विवेकांनद युवाओं के प्रेरणा स्‍त्रोत हैं। पद्मश्री डॉ. लीला जोशी ने अपने अध्‍यक्षीय उद्बोधन में कहा कि स्‍वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेकर हर समाजसेवी को सेवा के कार्यो का लक्ष्‍य लेना चाहिए और उनकों पूर्ण करना चाहिए। 

योग की दी प्रस्तुति, नवांकुर संस्थाओं की बैठक संपन्न

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने भारत माता व स्‍वामी विवेकानंद माल्‍यार्पण कर दीप प्रज्‍जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जवाहर मलखंभ ग्रुप के जितेन्‍द्र राणावत व टीम ने योग की प्रस्‍तुति दी। नवांकुर संस्‍थाओं की त्रैमासिक समीक्षा बैठक भी हुई। स्‍वागत भाषण परिषद के जिला समन्‍वयक रत्‍नेश विजयवर्गीय ने दिया। संचालन अंजू सूर्यवंशी ने किया। आभार विकासखण्‍ड समन्‍वयक निर्मल अमलियार ने माना। अंत में उत्कृष्ट सेवा करने वालों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। सामूहिक वंदेमातरम का गायन भी हुआ।

ये रहे उपस्थित

परिषद के विकासखण्‍ड समन्‍वयक निर्मल अमलियार, युवराज सिंह पंवार, शैलेन्‍द्र सिंह सोंलकी, रतनलाल चरपोटा, लेखापाल महावीर दास बैरागी, विजेयश राठौड तथा नवांकुर, प्रस्‍फुटन, सीएमसीएलडीपी छात्र छात्राएं, समाजसेवी, स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं के प्रतिनिधि आदि उपस्थि‍त रहे।