ड्रीम सिटी में आशियाना बनाने का देखा था सपना, विक्रेता की नीयत पर शंका होने पर DM से लगाई गुहार तो मिल गया 98 हजार रु. का चेक
रतलाम की विंद्यवासिनी ड्रीम सिटी में प्लॉट लेने की इच्छुक महिला को प्रशासन ने विक्रेता से जमा कराई राशि के 98 हजार रुपए का चेक दिलवाया। महिला ने विक्रेता की बदनीयती की शिकायत कर दी गई राशि वापस दिलावाने की गुहार लगाई थी।
उज्जैन की महिला ने कलेक्टर को आवेदन देकर की थी विक्रेता की बदनीयती की शिकायत, राशि वापस दिलाने की मांग की थी
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिला प्रशासन ने विंध्यवासिनी ड्रीम सिटी के कॉलोनाइजर की बनीयती का शिकार एक महिला को न्याय दिलाया। महिला द्वारा कॉलोनी में प्लॉट खरीदने के लिए दी गई राशि 98 हजार रुपए (चेक) वापस दिलवा दी। महिला ने प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।
जानकारी के अनुसार उज्जैन निवासी दीपा पति लालसिंह चंद्रावत ने 26 अक्टूबर 2021 को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के एक आवेदन दिया था। इसमें बताया थी कि उन्होंने रतलाम के कनेरी रोड स्थित विंध्यवासिनी ड्रीम सिटी कॉलोनी में 1200 वर्ग फीट का प्लॉट खरीदने के लिए 12 लाख रुपए में सौदा हुआ था। यह सौदा निर्मल राठौड़ एवं सैयद शराफत हुसैन मेसर्स बालाजी बिल्डिंग मटेरियल रतलाम से हुआ था।
महिला ने बताया था उन्होंने बुकिंग के वक्त 50 हजार रुपए जमा कराए थे। शेष राशि किस्तों के रूप में जमवा करवाई गई। विक्रेता ने जमा कराई गई राशि के एवज में कोई रसीद नहीं दी गई। इससे दीपा को विक्रेता की नीयत पर शंका हुई। उन्होंने विक्रेता से सौदा निरस्त कर दी गई राशि वापस लौटाने की गुहार लगाई। इस पर कलेक्टर ने तत्काल संज्ञान लिया और जांच के लिए तहसीलदार गोपाल सोनी को अधिकृत किया। जांच में विक्रेता का आचरण अनुचित पाए जाने पर प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए महिला को 98 हजार रुपए का चेक दिलवाया।
12 लाख रुपए में हुआ था सौदा, 50 हजार में हुई थी बुकिंग
महिला ने बताया था कि उन्होंने कनेरी रोड स्थित विंध्यवासिनी ड्रीम सिटी कॉलोनी में 1200 वर्ग फीट का प्लॉट 12 लाख रुपए में क्रय करने का सौदा निर्मल राठौड़ एवं सैयद शराफत हुसैन मेसर्स बालाजी बिल्डिंग मटेरियल रतलाम से किया था। महिला से 50 हज़ार रुपए बुकिंग के समय जमा करवाए गए तथा शेष राशि किस्तों के रूप में जमा करवाई गई।
राशि लौटाने का कर दिया था इनकार, दस्तावेज भी पंजीकृत नहीं कराया था
शिकायतकर्ता दीपा ने कलेक्टर को दी शिकायत में बताया था कि उन्होंने जो राशि विक्रेता को दी थी उसकी रसीद देना तो दूर, सौदे के दस्तावेज भी पंजीकृत नहीं करवाए थे। इसके कारण ही उन्हें शंका हुई थी और उन्होंने सौदा निरस्त करने और राशि लौटाने के लिए लेकिन विक्रेता से कहा लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। नतीजतन उन्हें कलेक्टर से गुहार लगाना पड़ी।
महिला को 98 हजार का चेक दिलवाया गया, उन्होंने प्रसन्नता जताई
महिला द्वारा की गई शिकायत की जांच में विक्रेता द्वारा अनुचित आचरण प्रस्तुत करना पाया गया है। विक्रेता से महिला को जमा की गई राशि 98 हजार रुपए का चेक दिलवाया गया है। प्रशासन के इस निर्णय को लेकर महिला ने प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने जिला प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।
गोपाल सोनी, तहसीलदार- रतलाम