जिला अस्पताल है या कबाड़खाना : शवगृह के सभी 8 फ्रीज थे बंद, RKS सदस्य काकानी की सक्रियता से 4 घंटे में 3 फ्रीज हो गए ठीक, 5 के लिए कर रहे प्रयास, देखें वीडियो
जिला अस्पताल में उपलब्ध उपकरणों और संसाधनों के रखरखाव को लेकर संबंधित अमला लापरवाह बना हुआ है। इसकी बानगी मंगलवार शाम को देखने को मिली। यहां के शवगृह के सभी 8 फ्रीज बंद मिले। इनमें से 3 ठीक हुए जबकि 5 अब भी बंद है।
शव सुरक्षित रखवाने पहुंचे थे समाजसेवा गोविंद काकानी, फ्रीज खराब मिले तो कलेक्टर पुरुषोत्तम को किया कॉल तब जाकर हरकत में जिला अस्पताल के जिम्मेदार
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन अस्पताल के जिम्मेदार सुधरने को ही तैयार नहीं हैं। जरूरी संसाधन और उपकरण रखरखाव के अभाव में कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। गत शाम यहां के शवगृह में दो शव सुरक्षित रखने की जरूरत पड़ी तो सभी 8 फ्रीज बंद मिले। रोगी कल्याण समिति (रोकस) सदस्य गोविंद काकानी ने सक्रियता और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने तत्परता दिखाई तब जाकर 3 फ्रीज ठीक हो सके।
मंगलवार शाम को पंजाब और शिवपुरी भेजे जाने से पहले सुरक्षित रखने के लिए दो शवों को जिला अस्पताल के शवगृह लाया गया। जानकारी मिलने पर रोगी कल्याण समिति के सदस्य समाजसेवी व पूर्व एमआईसी सदस्य गोविंद काकानी भी पहुंच गए। काकानी ने शवगृह में कदम रखा तो वहां फ्रीज के बाहर दोनों शव रखे देख चौंक गए। इसका कारण पूछने पर अस्पताल स्टाफ ने उन्हें सभी 8 फ्रीज बंद होना बताया। यह रोकस सदस्य काकानी को नागवार गुजरा और संबंधित अमले से कहा कि- जब मैं रोज अस्पताल आता हूं तो बताया क्यों नहीं। अमला संतोषजनक कारण नहीं बताया पाया तो काकानी ने कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को कॉल कर इस अव्यवस्था की जानकारी दी।
शाम 6 बजे शुरू हुआ फ्रीज ठीक होने का काम, रात 10 बजे तक चला
जानकारी मिलते ही कलेक्टर पुरुषोत्तम ने जिला अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदारों को आड़े हाथ लिया और बंद फ्रीज तत्काल ठीक करवाने के निर्देश दिए। कलेक्टर के निर्देश मिलते ही अस्पताल प्रशासन हरकत में आ गया और ताबड़तोड़ में इलेक्ट्रीशिनयन को फ्रीज सुधारने वाले तकनीशियन को बुलाने भेजा। तकनीशियन ने सभी आठों फ्रीज चैक किए। उसने बताया कि स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सकने वाले पार्ट्स से 2 से 3 फ्रीज ठीक किए जा सकते हैं। करीब 6 बजे तकनीशन ने काम शुरू किया और लगभग चार घंटे की मशक्कत के बाद रात 10 बजे तीन फ्रीज ठीक हो सके। तब कहीं जाकर दोनों शवों को उसमें रखा जा सका।
तकनीशियन से मांगी पार्ट्स की लिस्ट ताकि शेष फ्रीज भी जल्द ठीक हो सकें
रोकस सदस्य काकानी ने एसीएन टाइम्स को बताया ग्रीष्मकाल में शव सुरक्षित रखने में काफी दिक्कत आती है। ऐसे में शवगृह के फ्रीज ठीक होना जरूरी है। यह काम अस्पताल प्रशासन को शीतऋतु खत्म होने के साथ करवा लेना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नतीजतन सभी 8 फ्रीज खराब हो गए। काकानी के अनुसार चार फ्रीज तो ऐसे हैं जिनमें जंग लग चुकी है। उसकी ट्रे में पानी भरा मिला जिसे देखकर लग रहा था मानों वे महीनों से बंद हों। काकानी ने बताया तीन फ्रीज ने काम करना शुरू कर दिया है। बांद फ्रीज में से किसी का रिले खराब है तो किसी का कंडेंसर व अन्य पार्ट्स। शेष पांच भी जल्द ही ठीक करने का प्रयास है। कुछ फ्रीज इंदौर की किसी कंपनी के हैं और कंपनी वालों ने ठीक होने में 15 दिन लगने का समय लगने की बात कही। काकानी ने इसे बहुत ज्यादा बताते हुए तकनीशियन से फ्रीज में लगने वाले पार्ट्स की सूची मांगी है। उन्होंने आश्वस्त किया है वे जल्द से जल्द पार्ट्स उपलब्ध करवाएंगे ताकि समय रहते फ्रीज ठीक हो सके।
शवगृह के फ्रीज व वातानुकूलित शवपेटी के अंदर 6 डिग्री तापमान मेंटेन करना जरूरी
काकानी के अनुसार शवगृह के फ्रीज में शव सुरक्षित रखने के लिए न्यूनतम 6 डिग्री तक टेम्प्रेचर मेंटेन होना जरूरी है। टेम्प्रेचर मेंटेन होने पर बाहर रखे शवों को औद्योगिक थाने के एसआई सुभाष अग्निहोत्री की उपस्थिति में फ्रीज में रखा गया।
वातानुकूलित शव पेटी उपलब्ध कराने वाले अपने मोबाइल व टेलीफोन नंबर भी उपलब्ध कराएं
बता दें कि पूर्व में जिला अस्पताल के शवगृह में आग लग गई थी। इसके बाद शवगृह में वेंटीलेशन बनाकर एग्जास्ट फैन फिट करवाए गए थे। काकानी ने उन सभी लोगों व संस्थाओं से अपील की है जिनके पास वातानुकूलित शव पेटियां हैं। काकानी ने कहा है कि सभी लोग अपनी-अपनी शवपेटियों के चैक करवा लें और उसकी कूलिंग मेंटेन है या नहीं। उन्होंने ऐसे सभी लोग और संस्थाओं ने अपने टेलीफोन और मोबाइल फोन नंबर भी उन्हें (काकानी), जिला अस्पताल में, अन्य सामाजिक संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा मीडिया से जुड़े सेवाभावी लोगों को उपलब्ध करवा दें ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल संबंधित को सुविधा उपलब्ध हो सके।