व्यापारियों की यह संस्था 25 साल से सिर्फ 306 वर्ग मी. संपत्ति का भर रही थी टैक्स, जांच में 1418.4 वर्ग मीटर मिली, 51.22 लाख की टैक्स चोरी उजागर
नगर निगम ने संपत्ति कर चोरी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। इसके चलते शहर के व्यापारियों की प्रतिनिधि संस्था चेम्बर ऑफ कॉमर्स को निगम द्वारा 51 लाख रुपए से अधिक का नोटिस जारी किया गया है। बकाया राशि जमा कराने के लिए 15 दिन की मोहलत दी गई है। तय अवधि में राशि जमा नहीं होने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा टैक्स चोरी का मामला, नगर निगम ने जारी किया बकाया राशि भरने का नोटिस, 15 दिन की दी मोहलत
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । व्यापारियों की संस्था चेम्बर ऑफ कॉमर्स संपत्ति कर चोरी करने वाली शहर की एक बड़ी संस्था के रूप में सामने आई है। नगर निगम ने संस्था की 51.22 लाख रुपए से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी है। संस्था को नोटिस जारी कर राशि के भुगतान के लिए 15 दिन की मोहलत दी है। आयुक्त सोमनाथ झारिया ने कहा है नगर निगम के राजस्व की चोरी करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
नगर निगम द्वारा संपत्ति कर का सेल्फ असेसमेंट करने वालों की संपत्ति का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। कलेक्टर एवं नगर निगम प्रशासक कुमार पुरुषोत्म के निर्देश पर शुरू हुई इस कवायद के बाद से कई लोगों की संपत्ति कर चोरी पकड़ी गई है। इसमें शहर की बड़े भवन मालिक और संस्थाएं शामिल हैं। निगम की जांच में शहर के व्यापारियों के हितों का संरक्षण करने वाली संस्था चेम्बर ऑफ कॉमर्स की भी संपत्ति कर चोरी पकड़ी गई है। यह टैक्स चोरी एक-दो लाख रुपए की नहीं बल्कि आधा करोड़ (51 लाख 22 हजार 448 रुपए) रुपए की है। नगर निगम ने बुधवार को चैंबर ऑफ कॉमर्स को उक्त राशि जमा कराने का नोटिस जारी किया जो तामील भी हो गया है।
1996-97 से चुका रहे थे कम टैक्स
नगर निगम सूत्रों के अनुसार चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा 1996-97 से सेल्फ असेसमेंट विवरणी में सिर्फ 306 वर्गमीटर संपत्ति ही दर्शाई जा रही है। करीब दो माह पूर्व शुरू हुई सेल्फ असेसमेंट की जांच के दौरान जब नगर निगम ने संपत्ति का भौतिक सत्यापन किया तो वह 1418.4 वर्ग मीटर निकली। यानी विवरणी में दर्ज संपत्ति से चार गुने से ज्यादा। इसके आधार पर नगर निगम द्वारा संपत्ति कर की गणना की गई तो वह सालाना करीब 88 हजार 372 रुपए पाया गया जबकि संस्था द्वारा सिर्फ 19 हजार 108 रुपए ही टैक्स चुकाया जा रहा था। यानी संस्था द्वारा हर साल करीब करीब 70 हजार प्रति की टैक्स चोरी की जा रही थी।
डिफरेंस का 10 गुना सरचार्ज वसूलने का है प्रावधान
नगर निगम एक्ट के अनुसार सेल्फ असेसमेंट में दर्शाई संपत्ति जांच में ज्यादा पाए जाने पर डिफरेंस की राशि पर 5 गुना पेनल्टी आरोपित करने का प्रावधान है। 2016 के बाद से इस सरचार्ज पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त सरचार्ज आरोपित किया जाना है। इसके चलते ही चैंबर ऑफ कॉमर्स को निगम द्वारा 51 लाख 22 हजार 448 रुपए का नोटिस जारी किया गया है। इसमें 1996-97 से 2015 तक का संपत्ति के डिफरेंस का 5 फीसदी और 2016 के बाद से सरचार्ज पर 10 फीसदी अतिरिक्त सरचार्ज शामिल है।
हमने ही किया था सबसे पहले खुलास, टैक्स चोरी अनुमान से कई गुना ज्यादा निकली
बता दें कि सबसे पहले एसीएन टाइम्स ने चेम्बर ऑफ कॉमर्स की संपत्ति कर चोरी को उजागर किया था। इसमें जो अनुमान दर्शाया गया था वह प्रारंभिक होकर काफी कम था। विस्तृत जांच के बाद टैक्स चोरी का आंकड़ा अनुमान से काफी ज्यादा निकला। शहर में टैक्स चोरी करने वाली ऐसी बड़ी संपत्तियां नगर निगम के रडार पर हैं जिनकी जांच जारी है। कुछ संपत्ति मालिकों को हाल के दिनों में निगम द्वारा नोटिस जारी भी किए गए हैं।
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किसी भी बकायादार को नहीं बख्शा जाएगा
1996-97 से संपत्ति कर सेल्फ असेसमेंट का नियम लागू है। इसके भौतिक सत्यापन का अधिकार नगर निगम को है। इसके चलते ही शहर की संपत्तियों की जांच कर सेल्फ असेसमेंट विवरणी में बताई गई संपत्ति से मिलान की जा रही है। चेम्बर ऑफ कॉमर्स को इसी आधार पर डिफरेंस की राशि पेनल्टी के साथ जमा कराने के लिए नोटिस जारी किया गया है। टैक्स चोरी के मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
सोमनाथ झारिया, आयुक्त- नगर निगम, रतलाम