सुलुर से उड़ान भरने के 20 मिनट बाद ही CDS रावत के हेलिकॉप्टर का ATC से टूट गया था संपर्क, एयर मार्शल के नेतृत्व वाली कमेटी कर रही जांच
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद में सीडीएस के हेलिकॉप्टर क्रैश होने के मामले में बयान दिया। उन्होंने बताया कि उड़ान भरने के 20 मिनट बाद ही हेलिकॉप्टर का संपर्क एटीसी से टूट गया था। हादसे की जांच एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली कमेटी कर रही है।
एसीएन टाइम्स @ नई दिल्ली । सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित 14 सैन्य अधिकारियों व कर्मियों को लेकर उड़ा भारतीय वायु सेना का वीआईपी हेलिकॉप्टर चंद मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। सुलुर से उड़ान भरने के महज 20 मिनट बाद ही हेलिकॉप्टर का एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से संपर्क टूट गया था और जब उसकी लोकेशन मिली तो वह मलबे में तब्दील हो गया था। हादसे में ग्रुप कमांडर वरुण सिंह को छोड़ कर अन्य सभी 13 लोगों की जान चली गई थी। एकमात्र जिंदा बचे वरुण की स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है। उन्हें आर्मी अस्पताल से बेंगुलुरु शिफ्ट किया गया है। उधर हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स सेना को मिल गया है जिससे हादसे से जुड़े अन्य राज्य सामने आ सकते हैं। हादसे की जांच के लिए सरकार ने एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में तीनों सेनाओं के अध्यक्षों वाली समिति गठित की है।
हेलिकॉप्टर क्रैश होने को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद को संबोधित करते हुई दी। उन्होंने सदन को बताया, कि- ‘प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत बुधवार को वेलिंग्टन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के छात्रों से संवाद करने के लिए पूर्व निर्धारित यात्रा पर थे। जनरल रावत ने अपनी पत्नी (मधुलिका) और 12 अन्य लोगों के साथ सुलुर से MI-17V5 हेलीकॉप्टर से सुबह 11 बजकर 48 मिनट पर वेलिंग्टन के लिए उड़ान भरी थी। इसे दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर वेलिंग्टन में उतरना था। सुलूर एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) का दोपहर 12 बजकर 8 मिनट पर हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया था। बाद में कुन्नूर के पास जंगल में स्थानीय लोगों ने आग लगी देखी। मौके पर जाकर उन्होंने हेलिकॉप्टर को आग की लपटों से घिरा देखा। इसके बाद स्थानीय प्रशासन का एक बचाव दल वहां पहंचा। हेलिकॉप्टर से लोगों को निकालकर जल्दी से जल्दी वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल पहुंचाया गया।
रक्षामंत्री ने बताया कि- दुर्घटना में हेलिकॉप्टर में सवार 14 लोगों में से 13 की मृत्यु हो गई। इनमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी शामिल हैं। अन्य मृतकों में सीडीएस के रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर, सीडीएस के सैन्य सलाहकार एवं स्टाफ अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर प्रतीक सिंह चौहान, स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह, जूनियर वारंट अधिकारी राणाप्रताप दास, जूनियर अधिकारी अरक्कल प्रदीप, हवलदार सतपाल, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेन्द्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक वीर साई तेजा शामिल हैं।
सैन्य सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
सिंह ने सदन को बताया कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल में जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं। सभी पार्थिव शरीर को वायु सेना के विमान से आज शाम तक दिल्ली लाया जाएगा। जनरल रावत और अन्य दिवंगत सैन्य कर्मियों का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
एयर मार्शल के नेतृत्व में जांच समिति गठित
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि- दुर्घटना के बाद एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी को कल ही दुर्घटनास्थल भेज दिया गया था। उन्होंने वहां स्थिति का जायजा लिया। दुर्घटना की जांच के लिए एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में तीनों सेनाओं के दल को हादसे की जांच का आदेश दिया है। इसने जांच शुरू कर दी है। बता दें कि- मानवेंद्र सिंह एयर मार्शल हैं और वायुसेना के ट्रेनिंग कमांड के कमांडर हैं। वे खुद भी हेलिकॉप्टर पायलट हैं।
वरुण सिंह लाइफ की सपोर्ट पर
हेलिकॉप्टर क्रैश होने के दौरान उसमें 14 सैन्य अधिकारी व कर्मी मौजूद थे। 13 जान गंवा चुके। सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) जीवित हैं। उन्हें बुधवार को गंभीर हालत में आर्मी के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया है। डॉक्टरों की टीम उन्हें बचाने की पूरी कोशिश कर रही है।