फिर खुलेंगी डिस्पोज़ेबल सामान की दुकानें, विधायक काश्यप की मौजूदी में हुआ फैसला, जैन समाज की गोठ में पेनल्टी करने पर मांगा स्पष्टीकरण
डिस्पोजेबल सामान बेचने वालों के लिए अच्छी खबर है। नगर निगम द्वारा बंद की गईं उनकी दुकानें खुलने वाली हैं। विधायक चेतन्य काश्यप की मौजूदगी में हुई प्रशासनिक बैठक में यह निर्णय हुआ। विधायक ने जैन समाज की गोठ के दौरान निगम द्वारा की गई पेनल्टी को लेकर स्पष्टीकरण भी मांगा।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 के दौरान बंद की गई शहर की डिस्पोजेबल वस्तुओं की दुकानें तत्काल खोल दी जाएंगी। विक्रेता 1 जुलाई से आरंभ होने वाले नए नियमों को देखते हुए 50 से 70 माइक्रोन से कम मोटाई की प्लास्टिक की थैलियां और कैरीबेग नहीं बेच सकेंगे।
यह फैसला विधायक चेतन्य काश्यप की उपस्थिति में रविवार को कलक्ट्रेरेट में हुई बैठक में लिया गया। डिस्पोजेबल सामग्री के विक्रेताओं ने विधायक चेतन्य काश्यप को दुकानें बंद किए जाने और स्टॉक पड़ा रहने से हो रही परेशानी से अवगत कराया था। इस पर काश्यप ने कलेक्टर एवं निगम प्रशासक कुमार पुरुषोत्तम तथा आयुक्त सोमनाथ झारिया से चर्चा की। बैठक में सभी डिस्पोज़ेबल विक्रेताओं को जुलाई के पूर्व अपना स्टॉक विक्रय करने की छूट देने का निर्णय लिया गया।
1 जुलाई से सभी विक्रेताओं को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार निर्धारित मापदण्ड अनुसार डिस्पोज़ेबल सामग्री के व्यवसाय की छूट रहेगी। बैठक में विधायक काश्यप ने पिछले दिनों जैन समाज की गोठ में डिस्पोज़ेबल का उपयोग नहीं होने पर भी पेनल्टी लगाए जाने के संबंध में भी स्पष्टीकरण माँगा। इस पर निगमायुक्त झारिया ने बताया कि आंबेडकर मांगलिक भवन परिसर में हुई गोठ में किसी प्रकार की पेनल्टी नहीं ली गई। 5000 रुपए मैदान का सफाई शुल्क लिया गया। इसकी जानकारी आयोजकों को थी।
डिस्पोजेबल विक्रेताओं ने विधायक का आभार जताया
दुकाने खोले जाने के फैसले से हर्षित डिस्पोज़ेबल विक्रेताओं ने विधायक चेतन्य काश्यप के निवास पहुंचकर उनका अभिनंदन कर आभार व्यक्त किया। भाजपा जिला कोषाध्यक्ष जयवंत कोठारी, मंडल अध्यक्ष नीलेश गाँधी और संघ अध्यक्ष संजय पारख, अर्पित अग्रवाल, संदीप परिहार, राहुल पोखरना, शेखर गुप्ता, विजय अग्रवाल, शांतिलाल मूणत, संदीप उपाध्याय, यशवंत राठौर, प्रवीण चौपड़ा, प्रकाश चौहान, ताराचंद प्रीतवानी, प्रतीक कोकरा, प्रियेश चौपड़ा महेंद्र पड़ियार आदि मौजूद रहे।