IAS अमन वैष्णव ने ग्रहण किया जिला पंचायत के CEO का पदभार, जानिए- क्या हैं रेलकर्मी के इस बेटे की खूबियां

रतलाम के जिला पंचायत सीईओ पद पर आईएएस अमन वैष्णव की पदस्थापना हुई है। वैष्णव ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण कर लिया।

IAS अमन वैष्णव ने ग्रहण किया जिला पंचायत के CEO का पदभार, जानिए- क्या हैं रेलकर्मी के इस बेटे की खूबियां
अमन वैष्णव (आईएएस), सीईओ- जिला पंचायत, रतलाम।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम / झांसी । झाबुआ से स्थानांतरित होकर आए अमन वैष्णव (आईएएस) ने शुक्रवार को रतलाम जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का पदभार ग्रहण किया। उत्तर मध्य रेलवे में पदस्थ रामसेवक वैष्णव के बेटे अमन 2018 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। रतलाम से स्थानांतरित जमुना भिड़े को इंदौर संभाग के अपर आयुक्त पद पर पदस्थ किया गया है।

पदभार ग्रहण करते समय पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जमुना भिड़े, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री राजेश धनोतिया, परियोजना अधिकारी महेश चौबे आदि उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि जमुना भिड़े का स्थानांतरण पर अपर संभाग आयुक्त इंदौर के पद पर हुआ है।

रेलकर्मी का बेटा पढ़ाई में हमेशा रहा आगे

उत्तर मध्य रेलवे के झांसी रेल मंडल में मुख्य लोको निरीक्षक (सीएलआई) रामसेवक वैष्णव के बेटे अमन पढ़ाई में अव्वल रहे। 2011 में कैथेड्रिल कॉलेज से 92.8 फीसदी अंकों के साथ 10वीं की परीक्षा पास करने वाले अमन 2013 में 12वीं (इंटरमीडिएट) की परीक्षा भी 96 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण की। तब वे झांसी के दूसरे टॉपर बने थे। उनकी प्रतिभा को सबसे पहले उनकी भूगोल की शिक्षक ने पहचानी और उन्होंने ही सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी के लिए प्रेरित किया था। बाद में उन्होंने दिल्ली के हिन्दू कॉलेज में प्रवेश लिया और राजनीतिक विज्ञान में बीए ऑनर्स की डिग्री अर्जित की। सिविल सेवा की परीक्षा की 70 फीसदी तैयारी उन्होंने इसी दौरान कर ली थी।

मेंस परीक्षा के पहले हादसे में हो गए थे घायल

आईएएस अमन वैष्णव ने 2017 में यूपीएस की प्री और मेंस परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में सफल भी हो गए। वे परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली में कोचिंग ले रहे थे। मेंस परीक्षा को महज 24 दिन ही थे तभी एक हादसा हो गया और उल्टे हाथ में गंभीर चोट आ गई। आईएएस बनने के सपने और जिद के आगे यह चोट जरा भी डिगा नहीं पाई। वैष्णव ने दिल्ली में ही रहना तय किया और पढ़ाई करते रहे।

बेटे के जोश और जज्बे से प्रभावित माता-पिता खुद ही दिल्ली पहुंच गए। परीक्षा में समय कम होने से 17-17 घंटे सिर्फ पढ़ाई की वह भी बीस्तर पर लेटे-लेटे और 2018 में आईएएस (155वीं रैंक) के रूप में चयनित हो गए। अमन अपने परिवार के पहले सदस्य थे जो आईएएस बने। मसूरी में 10 महीने की ट्रेनिंग लेने के बाद पहली पोस्टिंग मध्य प्रदेश के धार जिले में प्रशिक्षु आईएस के रूप में हुई। इसके बाद राजगढ़ जिले के नरसिंगगढ़ में एसडीए और फिर झाबुआ जिला पंचायत में सीईओ बने।

अंग्रेजी बोलने की कमजोरी को ऐसे किया दूर

अमन शुरुआत में अंग्रेजी बोलने में कमजोर थे। उन्होंने अपनी इस कमजोरी को दूर करने के लिए 3-4 घंटे अंग्रेजी अखबार पढ़ने शुरू किए। धीरे-धीरे उनका अंग्रेजी शब्दों के ज्ञान का भंडार बढ़ता गया। उन्हें अखबार लेने के लिए करीब चार किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। वे अखबार पढ़ लेन के बाद ही अन्य काम करते थे। बाद में कोचिंग भी ली जिससे उनकी झिझक दूर हुई। इससे उन्हें साक्षात्कार फेस करने में काफी मदद मिली।