समाजसेवी काकानी ने दिखाई सक्रियता तो दो घंटे में दूर हो गई मनोरोगी की ठंडे पाने से नहाने की समस्या, मिलने लगा गर्म पानी, आईवी सेट भी मिले

जिला अस्तपाल के आइसोलेशन वार्ड में एक माह बाद गीजर से फिर गर्म पानी निकलना शुरू हो गया है। यह काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव व समाजसेवी गोविंद काकानी के कारण संभव हो सका है।

समाजसेवी काकानी ने दिखाई सक्रियता तो दो घंटे में दूर हो गई मनोरोगी की ठंडे पाने से नहाने की समस्या, मिलने लगा गर्म पानी, आईवी सेट भी मिले
आइसोलेशन वार्ड के लिए आईवी सेट प्रदान करते समाजसेवी गोविंद काकानी व दीपक डोषी। समीप हैं आरएम डॉ. रवि दिवेकर।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । समाजसेवी गोविंद काकानी से सक्रियता से जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मनोरोगी की ठंडे पानी से नहाने के परेशानी दूर हो गई। उसे अब गरम पानी मिलने लगा है। काकानी के माध्यम से अस्पताल को मरीजों के लिए 100 आईवी सेट भी उपलब्ध हुए हैं।

जानकारी के अनुसार लगभग 1 माह पहले आइसोलेशन वार्ड का गीजर सुधारने के लिए निकाला गया था वह अब तक चालू नहीं हो सका था। ऐसे में नई जगह स्थानांतरित किए आइसोलेशन वार्ड के मरीजों को नहाने में परेशानी होती थी। उन्होंने गरम पानी के स्थान पर ठंडे से नहाना पड़ रहा था। यह पता चलने पर समाजसेवी एवं काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव तथा जिला रोगी कल्याण समिति के सदस्य गोविंद काकानी ने निजी मैकेनिक बुलाया। उसे आवश्यक सामग्री दिलवाई और मजह दो घंटे के भीतर गीजर चालू करवा दिया। इससे निराश्रित और मनो रोगियों को फिर से नहाने के लिए गरम पानी मिलने लगा है।

आईवी सेट भी प्रदान किए

समाजसेवी काकानी के प्रयास से वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए 100 आईवी सेट भी उपलब्ध हो गए। ये सेट दीपक डोसी पोस्ट ऑफिस रोड के माध्यम से उपलब्ध हुए। आईवी सेट लिए आरएमओ डॉ. रवि दिवेकर की उपस्थिति में वार्ड की नर्स पुष्पा गुर्जर को प्रदान किए गए।

मनोरोगी महिला ने बढ़ाई परेशानी

दूसरे स्थान पर सिफ्ट किए गए आइसोलेशन वार्ड में अति उत्तेजित मरीजों को रखने की व्यवस्था नहीं है। इस कारण 4 दिन से एक मानसिक रोगी महिला को तीन बार आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया लेकिन हर बार वह अस्पताल से भाग जाती है। उक्त महिला शहर की सड़क पर बीच में बैठकर यातायात में बाधा उत्पन्न कर रही है। क्षेत्रवासी लगातार मोबाइल कॉल कर समाजसेवी काकानी को उक्त महिला का कोई बंदोबस्त करने का मैसेज भेजते हैं। ऐसा अमूमन रोज हो रहा है। लोग तब संतुष्ट होते हैं जब उन्हें उक्त महिला का अस्ताल से भागने का वीडियो भेजा जाता है।

कलेक्टर के मेडिकल कॉलेज में रखने के हैं निर्देश

काकानी का कहना है कि कि इस समस्या का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। जिला चिकित्सालय में ऐसी कोई चैनल गेट वाली जगह नहीं है जहां पर इस तरह के रोगी को रखा जा सके। काकानी के अनुसार रोगी कल्याण समिति की बैठक में कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने ऐसे मरीज को मेडिकल कॉलेज में रखने के निर्देशित दिए थे।