ये किसने कहा कि- कलेक्टर व एसपी ने भरोसे में लेकर उतरवा दिया मंदिर से ध्वज, जब तक भगवा ध्वज नहीं लगेगा तब तक मतदान भी नहीं होगा, देखें वीडियो...

करमदी के रहवासियों ने खेड़ापति हनुमान मंदिर पर भगवा ध्वज नहीं लगाने देने पर चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

ये किसने कहा कि- कलेक्टर व एसपी ने भरोसे में लेकर उतरवा दिया मंदिर से ध्वज, जब तक भगवा ध्वज नहीं लगेगा तब तक मतदान भी नहीं होगा, देखें वीडियो...
करमदी के ग्रामीणों द्वाला भगवा ध्वज नहीं लगाने देने पर मतदान के बहिष्कार की सूचना के फ्लैक्स जगह-जगह लगाए जा रहे हैं।

करमदी क्षेत्र के रहवासियों ने दी चेतावनी, 8 दिन में ग्रामसभा कर भगवा द्वज लगाने की लेंगे अनुमति, मंगलवार को महाआरती भी करेंगे

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । कमरदी के रहवासियों ने उग्र रुख अख्तियार कर लिया है। उन्होंने गांव के खेड़ापति हनुमान मंदिर पर भगवा ध्वज नहीं लगाने देने तक चुनाव में वोट नहीं डालने का ऐलान किया है। उनका आरोप है कि प्रशासन ने 48 घंटे में ध्वज लगवाने की बात कही थी लेकिन अब बात करने को तैयार नहीं है। इसलिए उन्हें चुनाव के बहिष्कार जैसा निर्णय लेना पड़ा है। श्री शत्रुंजय जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी ग्राम करमदी रतलाम ने मंदिर में ध्वज नहीं लगाने देने के आरोप को भ्रामक प्रचार बताया है। 

(देखें ग्रामीणों की चेतावनी का वीडियो)

करमदी के रहवासियों ने गुरुवार को पुनः अपनी बात दोहराई। गांव के राजेश पुरोहित ने ग्रामीणों का पक्ष मीडिया के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि खेड़ापति हनुमान मंदिर और जैन मंदिर प्राचीन है। वर्षों से हम सब मिल कर समन्वय से रह रहे थे। ग्रामीणों ने हनुमान मंदिर पर भगवा ध्वज लगाने की अनुमति मांगी थी। जैन समाज ने उस पर आपत्ति ली। इसलिए गांव वालों का कहना है कि जब तक खेड़ापति हनुमान मंदिर पर भगवा ध्वज नहीं लगेगा तब तक हम मतदान नहीं करेंगे। आठ दिन के अंदर हम एक ग्राम सभा करेंगे। ग्राम सभा में ठहराव-प्रस्ताव तैयार कर भगवा ध्वज लगाने की अनुमति लेंगे।

पुरोहित ने बताया कि कलेक्टर और एसपी ने जब हमको कहा था कि 48 घंटे में हम इसका समाधान कर देंगे। हमको भरोसे में लेकर वहां जो भगवा ध्वज लगाया था वह उतरवा दिया गया लेकिन आज दिन तक कोई बात करने को तैयार नहीं है। एसपी से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि बैठक कर चर्चा कर लो। जब जमीन शासकीय है तो उस पर न तो जैन समाज का अधिकार है और न ही हमारा अधिकार है। ध्वज लगाने की अनुमति कलेक्टर दे सकते हैं। मामले का पटाक्षेप कर सकते हैं लेकिन प्रशासन नहीं चाहता कि वहां भगवा ध्वज लगे। हमारी एक ही मांग है कि जब तक भगवा ध्वज नहीं लगेगा, हम मतदान में भाग नहीं लेंगे।

22 अगस्त को कलेक्ट्रेट पर दिया था धरना

गौरतलब है कि खेड़ापति हनुमान मंदिर पर ध्वज लगाए जाने को लेकर जैन समाज द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई थी। जैन समाज द्वारा लामबंद होकर प्रशासन से कार्रवाई की गुहार लगाई गई थी। मामले में पुलिस द्वारा कुछ ग्रामीणों के विरुद्ध केस भी दर्ज किए गए थे। इसके चलते गत 22 अगस्त को करमदी के ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर कलेक्टर के समक्ष पक्ष रखा था और भगवा ध्वज भी भेंट किया था। हालांकि अभी तक प्रशासन किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सका है।

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पहले भी होता रहा है जैन-सनातनी विवाद

रतलाम में जैन और सनातनियों में धार्मिक स्थलों को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं। त्रिवेणी मेला भी इसी के चलते शुरू हुआ था। अगर जी का मंदिर को लेकर भी लंबे समय तक विवाद रहा है। हमुमान रुंडी को लेकर भी बातें होती रही हैं। इसी तरह अब करमदी जैन तीर्थ के पास स्थित खेड़पति हनुमान मंदिर को लेकर विवाद गहरा गया है। 14 अगस्त को जैन समाज द्वारा लामबंद होकर माणक चौक थाने का घेराव किया गया था और खेड़ापति हनुमान मंदिर में भगवा ध्वज लगाए जाने सहित अन्य अन्य मुद्दे को लेकर आपत्ति जताई गई थी। चुनाव के ठीक पहले यह मामला गहराने और करमदी के ग्रामीणों द्वारा चुनाव का बहिष्कार किए जाने के ऐलान से मामला उलझता नजर आ रहा है।

भगवा धर्म ध्वजा से कोई विरोध नहीं, भ्रामक प्रचार से सावधान रहें

मामले में श्री शत्रुंजय जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी ग्राम करमदी रतलाम एक बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि सभी को जानकारी है की ग्राम करमदी में 200 वर्ष प्राचीन जैन तीर्थ स्थित है। जहां तीर्थ परिसर में दो जैन मंदिर भी स्थित है, यह शहर ही नहीं अपितु पूरे देश के जैन धर्मावलंबियों की आस्था एवं श्रद्धा का केन्द्र है। तीर्थ परिसर में ही श्री खेड़ापति हनुमान जी विराजित हैं। विगत कुछ दिनों से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है व दुष्प्रचार किया जा रहा है कि जैन तिर्थ व्यवस्थापक कमेटी द्वारा खेड़ापति हनुमान जी के स्थान पर भगवा धर्म ध्वजा लगाने का विरोध किया जा रहा है। साथ ही खेड़ापति हनुमान जी के स्थान पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी द्वारा आपत्ति ली जा रही है।

बयान में कहा गया है कि यह भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया व अन्य साधनों द्वारा समाज में फैलाई जा रही है। जबकी वास्तविकता में जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी द्वारा कभी भी भगवा धर्म ध्वजा खेड़ापति हनुमान जी मंदिर पर लगाने का विरोध नहीं किया, न ही किसी कार्यक्रम को लेकर किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति ली गई। दर्शन-पूजन के लिए आने वाले दर्शनार्थियों को रोक-टोका भी नहीं गया। जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी द्वारा बार-बार यह निवेदन और आग्रह किया गया कि जहां पर पहले भगवा धर्म ध्वजा लगी हुई थी उसी स्थान पर उसे स्थापित किया जाए न कि अन्यत्र स्थान पर धर्म ध्वजा को स्थापित किया जाए। जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी सदैव शांतिप्रिय समाज की धारणा में विश्वास रखती है, हिन्दुत्व व भगवा ध्वज में आस्था रखती है। जो दुष्प्रचार किया जा रहा है, उसका सर्वथा खंडन करती है और सभी समाजजन से अपील करती है कि इस प्रकार की भ्रामक जानकारी एवं दुष्प्रचार से समाज की एकता और अखंडता को प्रभावित नहीं होने दें।