सृजन वादों व दावों से नहीं बल्कि श्रम करने वालों से होता है, इसलिए 80 श्रमसाध्य हाथों को विकास की गाड़ी सौंपी, आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित किया
रत्नपुरी स्थापना दिवस समिति द्वारा रतलाम का स्थापना दिवस वसंत पंचमी (शनिवार) को मनाया गया। इस मौके पर 40 श्रमसाध्य लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठेलागाड़ियां भेंट की गईं।
रत्नपुरी स्थापना उत्सव समिति ने रतलाम स्थापना दिवस और बसंत पंचमी का पर्व सेवा कार्य दिवस के रूप में मनाया
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम को रतलाम बनाने में सिर्फ यहां के रियासतदानों और शियासतदानों का ही नहीं बल्कि उन मेहनतकश हाथों का भी योगदान रहा जिन्होंने अपना खून-पसीना बहाया। इस वसंत पंचमी पर रत्नपुरी स्थापना उत्सव समिति ने ऐसे ही मेहनतकश लोगों के लिए सेवा दिवस के रूप में मनाया है। शहर के 80 मेहनतकश हाथों (40 हम्मालों) को समिति की ओर ठेलागाड़ियां भेंट गईं। आतिशबाजी की गई और उन्हें मिठाई भी वितरित की गई क्योंकि यह सामान्य उत्सव का दिन नहीं बल्कि रतलाम स्थापना दिवस का उत्सव था। इसके साक्षी बने मुख्य अतिथि कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और विशेष अतिथि नवागत एसपी अभिषेक तिवारी।
रतलाम स्थापना उत्सव का आयोजन शनिवार को रत्नपुरी स्थापना उत्सव समिति द्वारा किया गया था। मुख्य अतिथि कलेक्टर पुरुषोत्तम और विशेष अतिथि एसपी तिवारी के साथ समिति संयोजक हिम्मत कोठारी ने मां कालिका की पूजा-अर्चना कर रतलाम और रतलामवासियों की प्रगति व सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद अतिथियों के करकमलों द्वारा मेहनतकश 40 हम्माल-श्रमिकों को दानदाताओं के सहयोग से प्राप्त ठेलागाड़ियां भेंट की गईं। अभी ये सभी किराये की ठेलागाड़ियां लेकर अपना और अपने परिवार का जीवन-यापन करते रहे हैं किंतु अब उन्हें ठेलागाड़ी का किराया नहीं देना पड़ेगा।
दानदाताओं का हुआ सम्मान, प्रेरणा लेकर अन्य भी आए सहयोग के लिए आगे
ठेलागाड़ी वितरण में सहयोग करने वाले दानदाताओं इप्का फाउंडेशन के विक्रम कठारी, समाजसेवी महेंद्र गादिया, सुभाष मंडवारिया, राजेश मूणत, विनोद मूणत, सुरेश गोरेचा, चंदन परोदिया, सुदर्शन पिरोदिया, सुदर्शन सियार परिवार के सुनील कोठारी का सम्मान पूर्व गृहमंत्री कोठारी ने पुष्पमाला पहनाकर किया। दान के इस प्रकल्ब को देखकर रतलाम प्रॉपर्टी एसोसीएशन ने 5, डॉ. सुशीला यार्दे की स्मृति में यार्दे परिवार ने 6, अरिहंत नवयुवक मंडल ने 3 एवं विकास मित्र मंडल ने 3 गाड़ियों का सहयोग देने की घोषणा की। संचालन अरुण चोरड़िया ने किया। आभार यतेन्द्र भारद्वाज ने किया।
शहर की सांस्कृतिक परंपरा को जीवित रखते हुए संकट के समय सहयोग करना उल्लेखनीय- पुरुषोत्तम
समारोह को संबोधित करते हुए कलेक्टर पुरुषोत्तम कुमार पुरुषोत्तम ने राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक नगर का स्थापना दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत रतलाम का स्थापना दिवस भी गौरवशाली परंपरा अनुसार मनाया जाएगा। जरूरतमन्दों को हाथगाड़ी देने से बेहतर कोई अन्य कार्यक्रम स्थापना दिवस के मौके पर नहीं हो सकता। शास्त्रों में भी लिखा है कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। कलयुग में दरिद्र को ही नारायण कहा गया। मालवा की विशेषता दान देने की रही है। रतलाम में कोरोना महामारी काल में भी लोगों ने मदद की। रतलाम शहर की सांस्कृतिक परंपरा को जीवित रखते हुए संकट में कोई गरीब है तो सक्षम लोग मदद के लिए तत्काल आते हैं, यह सराहनीय है।
जरूरतमंदों की मदद करें तो बेहतर समाज की स्थापना से कोई रोक नहीं सकता- कोठारी
समिति संयोजक हिम्मत कोठारी ने कहा कि हमें राजनीति में लाने वाले कुशाभाऊ ठाकरे जी कहते थे कि हमेशा मदद की प्रवृत्ति रखना, न कि मांगने की। हमने उनके इन्ही संस्कारों को अंगीकार करने का सदा प्रयास किया है। जब हमने यह देखा कि मेहनतकश हम्माल भाइयो को गाड़ी के लिए किराये के प्रतिदिन 20 रुपए देने पड़ते हैं। तब यह ख्याल आया कि क्यों न इन्हें इनकी खुद की गाड़ी मिले। तब कई लोग सहयोग के लिए आगे आए। पहले 40 और अब 40 गाड़ी हम भेंट कर पा रहे हैं। आज जब कोरोना में सबकी स्थिति दयनीय है, ऐसे में यदि सम्पन्न वर्ग इसी तरह आगे बढ़कर गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करें तो बेहतर समाज की स्थापना से कोई रोक नहीं सकता।
समाज तभी बदलेगा जब असंतोष खत्म होगा- एसपी तिवारी
पहली बार रतलाम स्थापना महोत्सव के साक्षी बने एसपी अभिषेक तिवारी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि समाज तब ही बदलेगा जब असंतोष, अभाव और असमानता का दौर खत्म होगा। सभी को एक समान भावना से सोचना होगा। कार्यक्रम को सफल बनाने रतलाम नगर के दानदाताओं का आभार व्यक्त करता हूं।
उत्सव में ये रहो मौजूद
जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौटाला, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित, भाजपा जिला महामंत्री, रेडक्रॉस सोसायटी के पूर्व चैयरमेन महेंद्र गदिया, ललित कोठारी, चंदन पिरोदिया, सुरेश गोरेचा, पूर्व पार्षद गोपाल सोलंकी, बलवीर सिंह सोढ़ी, राजेन्द्र राठौर, श्रेणिक जैन, सुरेंद्र जोशी, झमक भरगट, विकास कोठारी, तोलीराम शर्मा, मनीष शर्मा, जयेश राठौर, यतेन्द्र भारद्वाज, दिलीप गांधी, तपन शर्मा, राम कल्याने, जगदीश वर्मा, धर्मेंद्र अग्रवाल, राजेन्द्र मौर्य, गौरव त्रिपाठी, राजेश कटारिया, आशुतोष चौहान, महेश त्रिपाठी, योगेश सोनी, इरशाद मंसूरी, महेश सोलंकी, रंजीत राठौर, रखब चत्तर, विजय पासा, राजेन्द्र माहेश्वरी, किशोर पिंजरावत, धर्मचंद सिसौदिया, इंगित गुप्ता, विनोद राठौर, गोपाल राठी, आशीष डागा, अनारसिंह कुम्पावत, मसरूफ, नीरज परमार, एडवोकेट उमाकांत उपाध्याय, आशा उपाद्याय, रणजीत राठौर, गोपाल सोनी, सुभाष माली, अनिल चनाल, देवा खरे, अक्षय चौहान, चेतन पावेचा, नारू, राजेश शर्मा, अजय शर्मा, फ़क़ीरचंद राठौर आदि थे।