जिला न्यायालय ने दिया महापौर पटेल और 5 अन्य को नोटिस जारी करने का आदेश, महापौर चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया आदेश

रतलाम में हुए महापौर चुनाव में किस्मत अजमाने वाले कांग्रेस प्रत्याशी मयंक जाट ने जिला न्यायालय में चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका दायर की है। मामले में न्यायालय ने महापौर प्रहलाद पटेल एवं पांच अन्य प्रत्याशियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।

जिला न्यायालय ने दिया महापौर पटेल और 5 अन्य को नोटिस जारी करने का आदेश, महापौर चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया आदेश
रतलाम जिला न्यायालय ने महापौर प्रहलाद पटेल व अन्य को नोटिस जारी करने का दिया निर्देश।

रतलाम में हुए महापौर चुनाव को कांग्रेस प्रत्याशी मयंक जाट ने न्यायालय में दी चुनौती, लगाए कई गंभीर आरोप

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिला न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता ने रतलाम नगर में संपन्न हुए विजयी होकर महापौर बने भाजपा के प्रहलाद पटेल व 5 अन्य प्रत्याशियों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने यह आदेश कांग्रेस महापौर प्रत्याशी मयंक जाट द्वारा दायर की गई याचिका के संदर्भ में दिया है। जाट ने याचिका में महापौर का चुनाव निरस्त करने की गुहार लगाई है।

जानकारी के अनुसार कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी जाट ने एडवोकेट अभिनव पी. धनोदकर के माध्यम से जिला न्यायालय में एक याचिका दायर की गई। इसमें जाट ने महापौर प्रहलाद पटेल व पांच अन्य प्रत्याशियों पर चुनाव में भ्रष्ट आचरण अपनाकर तथा मतदाता को प्रभावित कर आदर्श आचार संहिता के वितरित चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है। याचिका में कहा गया कि सत्तारूढ़ दल के वित्त मंत्री दिनांक 12 जुलाई को रात्रि तक शहर में भ्रमण कर मतदाताओं को प्रभावित करते रहे। विधायक ने विभिन्न प्रकार की असत्य घोषणा कर मतदाताओं को भ्रमित किया। 

याचिकाकर्ता का आरोप है कि प्रशासन ने आमसभा करने के लिए प्रारंभ में अनुमति देने से इन्कार कर दिया। बाद में मुख्यमंत्री की आमसभा तय हो जाने पर कांग्रेस प्रत्याशी को आमसभा के समय से मात्र 2 घंटे पहले अनुमति दी। इससे वे 5 के स्थान पर मात्र 2 ही आमसभा कर सके। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वी. डी. शर्मा द्वारा सार्वजनिक रूप से कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ असत्य टिप्पणी की गई। इससे उसकी छवि धूमिल हुई और मतदाता भ्रमित हुए।

60 से ज्यादा वाहन लगाकर मतदाताओं को मतदान केंद्र लाया गया

याचिकाकर्ता जाट ने कहा कि नगर निगम द्वारा शहर में नियम के विपरीत अर्द्धरात्रि को सड़कों की रिपेयरिंग, लाइट तथा कलर का कार्य किया गया। मुख्यमंत्री के रोड शो के मार्ग को 50 से अधिक फायर ब्रिगेड लगा कर पानी से धोया गया। मुख्यमंत्री की रैली तथा सभा के लिए शासकीय मशीनरी का दुरुपयोग किया गया। नियम के विपरीत गोल्ड कॉम्प्लेक्स का टेंडर खोला गया और उसका प्रचार किया गया। नगर निगम आयुक्त द्वारा आचार संहिता के विपरीत भाजपा उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने के लिए 60 से ज्यादा वाहन लगा कर मतदाताओं को मतदान केंद्र पर लाया गया। उन्हें भाजपा को वोट देने के लिए कहा गया।

23 बूथ पर गिरे और प्राप्त हुए मतों में 1 से 62 तक का अंतर मिला

याचिकाकर्ता ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर झूठे प्रकरण दर्ज किए गए। उन्हें गैरकानूनी रूप से धारा 151 में बंद कर 10-10 दिन तक जेल में निरुद्ध किया गया। मतदान करने तथा चुनाव प्रचार का कार्य करने से रोका गया। मशीनों में हेर-फेर किया गया। 23 बूथ पर गिरे मत तथा प्राप्त मत मे 1 मत से लगाकर 62 मत तक का अंतर पाया गया। याचिकाकर्ता ने भाजपा उम्मीदवार द्वारा चुनाव में भ्रष्ट आचरण तथा मतदाता को प्रभावित करने के लिए तथा शासकीय मशीनरी का दुरुपयोग करने के लिए  चुनाव को निरस्त करने की मांग की है।