रतलाम पुलिस में नई व्यवस्था, पहली ही विजिट में थाना स्तर पर होगा शिकायतों का संतोषप्रद निराकरण, ग्रेविएंस रेड्रेसल सेल करेगी मॉनिटरिंग
रतलाम जिले में एसपी गौरव तिवारी द्वारा ग्रेविएंस रेड्रेसल सेल का गठन किया गया है। फिलहाल यह पांच थानों में ट्रायल के तौर पर शुरू की गई है। परिणाम सकारात्मक आए तो इसे जिले के हर थाने में लागू किया जाएगा।

अभी प्रयोग के तौर पर पांच थानों में शुरू की गई है व्यवस्था, परिणाम आपेक्षित रहे तो जिले के हर थाने में लागू होगी
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जनता की शिकायतों का थाना स्तर पर ही त्वरित और संतुष्टिपूर्ण निराकरण के लिए एसपी गौरव तिवारी जिले में नई व्यवस्था लागू की है। उन्होंने समस्त राजपत्रित अधिकारियों और थाना प्रभारियों को आमजन की शिकायतों का पहली ही विजिट में थाना स्तर पर शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत हर थाने में पृथक से आगंतुक रजिस्टर संधारित किया जाएगा। इस व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे का उपयोग होगा। इसके लिए एक ग्रेविएंस रेड्रेसल सेल भी गठित की गई है।
एसपी गौरव तिवारी ने बताया नई व्यवस्था के तहत थानों पर आने वाले शिकायतकर्ता के बैठने की उचित व्यवस्था होगी। साथ ही थाना स्तर पर एक प्रथक आगंतुक रजिस्टर का संधारण किया जाएगा। थाना प्रभारी प्रतिदिन अधिक से आधिक समय का सदुपयोग कर स्वयं इन शिकायतों को सुनेंगे। उनकी गैरमौजूदगी में प्रतिदिन थाने पर इस काम के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। वह शिकायत सुनकर रजिस्टर में जरूरी जानकारियां दर्ज कर तत्काल वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
एसपी ने बताया उक्त अधिकारी की मॉनिटरिंग थाने में लगे CCTV कैमरे के द्वरा की जाएगी। इसका सारा ब्योरा भी सुरक्षित रखा जाएगा। यदि शिकायत संज्ञेय प्रकृति की होगी तो तत्काल प्रथम सूचना दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। शिकायत असंज्ञेय प्रकृति की होने पर वैधानिक प्रतिबंधात्मक कार्रवाई होगी। एसपी ने अधिकारियों को मौका मुआयना, शिकायतकर्ता को जरुरी समझाइश देने व कार्रवाई करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
ग्रेविएंस रेड्रेसल सेल करेगी मॉनिटरिंग, कार्रवाई नहीं होने पर संबंधित को करेंगे दंडित
एसपी के अनुसार उक्त शिकायतों की मॉनिटरिंग के लिए जिलास्तर पर एक ग्रेवीएंस रेड्रेसल सेल का गठन भी किया गया है। यह प्रतिदिन शिकायतों के निराकरण और पेंडिंसी की समीक्षा करेगी। शिकायतकर्ता को व्यक्तिगत संपर्क कर समस्या का संतुष्टिपूर्वक निराकरण हुआ अथवा नहीं और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से अवगत कराया जाएगा। इस बारे में सेल द्वारा फीडबैक भी लिया जाएगा। यदि आपेक्षित वैधानिक कार्रवाई नहीं हुई तो संबन्धित को दंडित भी किया जाएगा।
अभी नई व्यवस्था को जिले के पांच थानों में ही ट्रायल के रूप में लागू किया गया है। ये थाने हैं रतलाम शहर के स्टेशन रोड, माणकचौक, दीनदयाल नगर, औधोगिक क्षेत्र रतलाम एवं बिलपांक हैं। इनमें ट्रायल सफल होने पर भविष्य में सम्पूर्ण जिले में लागू किया जाएगा।
हर सप्ताह जिला मुख्यालय पर दिया जा रहा है प्रशिक्षण
इस हेतु प्रत्येक सप्ताह जिला मुख्यालय स्तर पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें प्रतिबंधक कार्रवाई की बारीकियों से पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को अवगत करने, महिला संबंधी अपराधों की विवेचना, साइबर अपराधों की विवेचना, साइबर जागरूकता व फोरेंसिक विज्ञान आदि का प्रक्षीक्षण दिया जा रहा है।
पहली ही विजिट में शिकायत का निरीकरण का है उद्देश्य
एसपी तिवारी के मुताबिक थाना स्तर पर शिकायतों का उचित निराकरण नहीं होने से ही लोग CM हेल्पलाइन, जन सुनवाई और व वरिष्ठ अधिकरियों को शिकायत करते हैं। नई व्यवस्था का उदेश्य स्मार्ट पुलिसिंग कर जनता की शिकायतों का प्रथम विजिट में ही संतुष्टिपूर्वक निराकारण करना है। इससे लोगों को थाने के बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। थाने के अरतिरिक्त अन्य किसी माध्यम की उन्हें आवश्यकता न महसूस हो। इससे CM हेल्पलाइन, जनसुनवाई आदि की शिकायतों में भी कमी आएगी और पुलिस पर लोगों का भरोसा और मजबूत होगा।