दागदार खाकी - मौन हुआ मुखर : हिंदू समाज के सम्मान में जनमानस मैदान में, पुलिस की क्रूरता से युवक की मौत का लगाया आरोप
दो दिन पूर गणेश प्रतिमा पर पथराव की शिकायत करने पहुंचे लोगों के विरुद्ध केस दर्ज करने के विरोद में सकल हिंदू समाज ने मौन जुलूस निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। इसमें उन्होंने एसपी और एएसपी सहित अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध बर्बरता करने के आरोप लगाए।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम की पुलिस पर आरोप है कि गणेश प्रतिमा के जुलूस पर पथराव की घटना से आक्रोशित भीड़ पर उसके द्वारा किए गए लाठीचार्ज ने 19 वर्षीय एक युवक की जान ले ली। आरोप यह भी है कि पुलिस ने सच्ची घटना को झूठा बता कर घटना और आरोपियों को ही बदल दिया। इससे हिंदू समाज में उपजी नाराजगी बुधवार को मौन जुलूस के रूप में सड़कों पर नजर आई। हिंदू समाज के सम्मान में मैदान में उतरे जनमानस का मौन पुलिस के रवैये के विरोध में मुखर हो गया।
गणेश चतुर्थी वाले दिन रात को मोचीपुरा क्षेत्र से गणेश प्रतिमा पर पथराव का आरोप चल समारोह में शामिल लोगों ने लगाया था। इस लेकर उन्होंने थाने का घेराव कर नारेबाजी भी की थी। भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज तक कर दिया था। बाद में 13 नामजद सहित 150 से अधिक लोगों के विरुद्ध प्रकरण भी दर्ज किया था। इससे हिंदू समाज में जबरदस्त आक्रोश है जो बुधवार को खुलकर सामने आया।
सकल हिंदू समाज ने पुलिस और जिला प्रशासन की उक्त कार्रवाई को गलत बताते हुए कालिका माता मंदिर परिसर से कलेक्ट्रेट तक मौन जुलूस निकाला। इसमें शामिल लोग हाथों में पुलिस की क्रूरता से संबंधित नारे लिखी तख्तियां लेकर चल रहे थे। इन तख्तियों पर ‘हिंदू समाज के सम्मान में जनमानस मैदान में’, ‘आरोपियों को बदलने वालों घटना बदलना बंद करो’, ‘पुलिस ने ऐसा जाल फैलाया सच्ची घटना को झूठा बताया’, ‘सच्ची घटना झूठा प्रचार हिंदू समाज पर अत्याचार’ जैसे नारे लिखे थे।
लोग शिकायत लेकर गए थे, उन्हें ही आरोपी बना दिया
सकल हिंदू समाज ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम कलेक्टर राजेश कुमार बाथम को ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन हिन्दू जागरण मंच के कमलेश ग्वालियरी, राजेश कटारिया सहित अन्य ने दिया। इससे पूर्व उक्त ज्ञापन का वाचन भी किया गया। इसमें बताया गया है कि थाने पर जो लोग पथराव की शिकायत लेकर गए थे पुलिस ने उन्हें ही आरोपी बना दिया। इससे पूरे समाज में आक्रोश है। समाज का आक्रोश है कि पुलिस ने हिंदू युवक प्रकाश मईड़ा को इतना मारा कि उसकी मौत हो गई। इतना ही नहीं, पुलिस ने दबाव बनाते हुए युवक का पीएम तक नहीं करने दिया और उसका अंतिम संस्कार करवा दिया।
ये हैं समाज के गुनहगार
ज्ञापन में सकल हिंदू समाज ने एसएसपी राहुल कुमार लोढ़ा, एएसपी राकेश खाखा, स्टेशन रोड टीआई दिनेश भोजक, सायबर सेल के एसआई अमित शर्मा, प्रधान आरक्षक अजय शर्मा, महेन्द्र पथरोड़, आरक्षक मनीष यादव और शहर पटवारी तेजवीर चौधरी के नामों का उल्लेख है। ज्ञापन में बताया गया है कि उक्त सभी लोग और इनके अधीनस्थ कई अन्य पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों ने मारपीट कर अभद्र व्यवहार किया। यहां तक कि महिलाओं तक को नहीं बख्शा। अतः इन सभी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
मारपीट के सबूत और वीडियो फुटेज भी दिए
हिन्दू नेताओं ने कलेक्टर बाथम को पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई बर्बर मारपीट के सबूत, विडियो फुटेज और दस्तावेज भी दिए। उन्होंने बताया कि तमाम दोषी अधिकारियों के चेहरे विडियो फुटेज में साफ दिखाई दे रहे हैैं। मृतक प्रकाश मईड़ा के परिजन ने कलेक्टर राजेश बाथम से उनके चैम्बर में मुलाकात की। मृतक के परिजन ने कलेक्टर को पुलिस द्वारा की गई बर्बरता की कहानी सुनाई। पुलिस की मारपीट में बुरी तरह घायल लखन रजवानिया और काजल किन्नर ने भी पूरा घटनाक्रम बताया।
ये सभी रहे उपस्थित
पुलिस प्रशासन के खिलाफ निकली रैली और ज्ञापन देने के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, पूर्व महापौर शैलेन्द्र डागा, नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, आरएसएस के वीरेन्द्र वाफगांवकर, समाजसेवी गोविन्द काकानी, अधिवक्ता परिषद के एडवोकेट सतीश त्रिपाठी, भाजपा नेता मनोहर पोरवाल, पार्षद भगत सिंह भदौरिया, प्रवीण सोनी, सुनील सारस्वत सहित विभिन्न संगठनों के सैकड़ों पदाधिकारी, कार्यकर्ता, सदस्य और आमजन मौजूद रहे।