मजबूर हैं मजदूर ! रतलाम के कॉलोनाइजरों की कॉलोनियों में ठेकेदार ने करवा लिया काम, अब नहीं दे रहा मजदूरी, दे रहा सिर्फ तारीख पे तारीख, प्रशासन भी नतमस्तक

रतलाम के दो कॉलोनाइजरों की कॉलोनी में काम करने वाले 10 मजदूर मजदूरी नहीं मिलने से परेशान हैं। जनसुवाई में शिकायत के बाद भी ठेकेदार टालमटोल कर रहा है।

मजबूर हैं मजदूर ! रतलाम के कॉलोनाइजरों की कॉलोनियों में ठेकेदार ने करवा लिया काम, अब नहीं दे रहा मजदूरी, दे रहा सिर्फ तारीख पे तारीख, प्रशासन भी नतमस्तक
ठेकेदार द्वारा मजदूरी का भुगतान नहीं करने से मजदूर परेशान।

मजदूरों ने जनसुनवाई में दो बार दिए आवेदन तब जागा प्रशासन और ठेकेदार को नोटिस जारी कर फोन लगाए लेकिन अभी तक नहीं बनी बात

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर के दो कॉलोनाइजरों की सालाखेड़ी और नामली स्थित कॉलोनियों में बगीचे विकसित करने वाले और चौकीदारी करने वाले 10 मजदूर अपने मेहनताने के लिए परेशान हैं। कॉलोनाइजरों ने जिस ठेकेदार से यह काम कराया वह मजदूरी का भुगतान करने में टाल-मटोल कर रहा है। ठेकेदार के रसूख की ठसक के आगे प्रशासन भी बौना साबित हो रहा है। मजदूरों द्वारा जनसुनवाई में दो बार लिखित शिकायत करने के बाद भी ठेकेदार उन्हें सिर्फ तारीख पर तारीख दे रहा है जिससे प्रशासन की लाचारी साफ नजर आ रही है।

मजदूरों के प्रतिनिधि बंटी भगौरा और सुनील डोडियार ने एसीएन टाइम्स को बताया कि नामली स्थित ऑरेकल सिटी में चार साथियों ने बगीचा विकसित करने और दो ने 6 माह तक चौकीदारी का काम किया था। इसी प्रकार सालाखेड़ी स्थित विस्तार पार्क कॉलोनी में छह साथियों ने बगीचा विकसित करने का काम किया। इसके लिए देवास के ठेकेदार डी. सी. चौहान द्वारा प्रति जोड़ा (पति-पत्नी) के हिसाब से मजदूरी तय की थी। बगीचा विकसित करने वाले जोड़े को प्रतिमाह 15 हजार रुपए जबकि चौकीदारी के लिए दो पुरुषों को प्रतिमाह 8 हजार (प्रति व्यक्ति 4000 रुपए) मजदूरी देने का वादा किया था। ठेकेदार चौहान की ओर से दोनों कॉलोनियों में इंदौर के गौरव नामक युवक को सुपरवाइजरी के लिए अधिकृत किया था और उनके द्वारा ही हमें मजदूरी का भुगतान भी किया जाना था।

मजदूरी मांगी तो टालमटोल करने लगे

बंटी और सुनील ने बताया कि हमने खून-पसीना बहाकर दोनों काम ईमानदारी से किए। जब मजदूरी देने का समय आया तो ठेकेदार चौहान और सुपरवाइजर गौरव ने टाल-मटोल शुरू कर दी। हम सभी मजदूरों की करीब 80 हजार रुपए मजदूरी बकाया है। इसके लिए हमने कई बार दोनों को कॉल किए लेकिन भुगतान नहीं किया। हमारे द्वारा दोनों कॉलोनाइजरों घोटा और दख को भी कॉल किए गए लेकिन उन्होंने कहा कि हम ठेकेदार को भुगतान कर चुके हैं, आप लोग उन्हीं से बात करें।

इसलिए जनसुनवाई में लगाई गुहार

मजदूरी नहीं मिलने से आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे मजदूरों ने प्रशासन का दरवाजा खटखटाया और जनसुनवाई में लिखित आवेदन देकर ठेकेदार से बकाया मजदूरी दिलवाने की गुहार लगाई। जनसुनवाई में बीते डेढ़ माह में दो बार लिखित आवेदन दिए और कई बार संबंधित अधिकारी से भी मिले। इसके बाद श्रम विभाग द्वारा ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया और कॉल किया गया। मजदूरों का आरोप है कि ठेकेदार प्रशासन और मजदूरों को सिर्फ तारीख पे तारीख ही दिए जा रहा है। पहले 10 सितंबर को प्रशासन के समक्ष भुगतान करने का वादा किया था। हम इस दिन पहुंचे लेकिन ठेकेदार गौरव ने पत्नी की बीमारी की बात कह कर 12 सितंबर को आने का वादा किया। हम 12 सितंबर को पुनः कलेक्ट्रेट पहुंचे, ठेकेदार को कॉल किया गया तो उन्होंने फिर टाल दिया और ऑनलाइन भुगतान करने का कह दिया।

आधा पैसा लेने का दबाव, स्टॉम्प भी मांगा

बंटी और सुनील ने बताया कि जनसुनवाई में दूसरी बार शिकायत करने के बाद ठेकेदार चौहान साहब का कॉल आया था। उनका कहना है कि वे चौकीदारी के रुपयों का भुगतान नहीं करेंगे, सिर्फ बगीचे के 40 हजार रुपए ले लो और स्टाम्प में रुपए प्राप्त होने का लिख कर भी दो। यह सरासर नाइंसाफी है। उन्होंने इस बारे में बार-बार फोन लगाने से भी मना किया है।

किस कॉलोनी में काम की कितनी मजदूरी बकाया

ऑरेकल सिटी कॉलोनी, नामली

(कॉलोनाइजर : मयंक घोटा, रतलाम)

काम : बगीचा विकसित करना

मजदूर

1. बंटी भगौरा, 2. किरण भगौरा, 3. गोवर्धन मईड़ा, 4. दिव्यानी मईड़ा

बकाया मजदूरी

14,000 हजार रुपए

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काम - 6 माह चौकीदारी करना

मजदूर

1. बंटी भगौरा, 2. गोवर्धन मईड़ा

बकाया मजदूरी

42,000 रुपए बकाया

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विस्तार पार्क कॉलोनी, सालाखेड़ी

(कॉलोनाइजर : कुश दख, रतलाम)

काम : बगीचा विकसित करना

मजदूर

1. सुनील डोडिया, 2. मीना डोडियार, 3. नानूराम डोडियार, 4. विश्ना डोडियार, 5. अर्जुन खराड़ी, 6. कमला खाराड़ी

बकाया मजदूरी

24,500 रुपए

अब इनकी भी सुन लें

हमको तो सभी का भुगतान करना है। आज (गुरुवार) को भुगतान के लिए इंदौर से गौरव रतलाम आने वाले थे लेकिन सुबह 6 बजे अचानक उनकी पत्नी की तबीयत खराब हो गई जो कि आईसीयू में भर्ती हैं। मैं पूर्व में 3 दिन रतलाम में ही था तब मजदूरों को भुगतान के लिए बुलाया था लेकिन वे समय पर नहीं आए।

- डी. सी. चौहान, ठेकेदार- देवास

मैं 10 सितंबर को नहीं आ सका था। आज सुबह 9.30 बजे रतलाम के लिए निकल रहा था तभी पत्नी को चक्कर आ गए और अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। कल-परसों में रतलाम आऊंगा। मुझे रुपए देना भी हैं, एक कॉलोनाइजर से लेना भी हैं। नहीं आ सका तो ऑनलाइन दे दूंगा।

- गौरव, ठेकेदार- इंदौर

हमने कॉलोनी में काम करवाने के लिए कॉन्ट्रैक्टर को अधिकृत कर रखा है। वे क्या काम किससे कराते हैं, यह उनका लुकआउट है। हमारा मजदूरों से कोई लेना-देना नहीं है। किसी का पैसा नहीं देने का हमारा कोई उद्देश्य नहीं रहता। हमने ठेकेदार को भुगतान कर दिया है।

- मयंक घोटा, कॉलोनाइजर- ऑरेकल सिटी कॉलोनी, नामली

कॉलोनी में अभी भी काम चल रहा है। ठेकेदार काम करा रहे हैं, वे कौन से लेबर लाते हैं, हमें जानकारी नहीं होती। अब तक 500-700 लेबर काम कर चुके होंगे। ठेकेदार जब जितनी आवश्यकता जताते हैं, हम उन्हें उतना भुगतान कर देते हैं। अप उन्हीं से क्लियर कर लें।

- कुश दख, कॉलोनाइजर- विस्तार पार्क कॉलोनी, सालाखेड़ी