लायनेस क्लब समर्पण ने 50 स्कूली बच्चों को सिखाया मिट्टी से ईको फ्रैंडली गणेश जी बनाना सीखा, कहा- ये ईको फ्रैंडली हैं, इसी की पूजा करें
लायंस क्लब समर्पण द्वारा 50 स्कूली बच्चों को मिट्टी से गणेश जी की मूर्ति बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। बच्चों ने प्लास्टर ऑफ पैरिस की मूर्ति उपयोग नहीं करने की बात कही।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । पर्यावरण प्रदूषित करने में हमने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। ऐसे में हमारे छोटे-छोटे प्रयास भी इससे होने वाले नुकसान को रोकने में कारगर हो सकते हैं। अतः गणेश चतुर्थी पर घरों और पंडालों में मिट्टी से बने ईको फ्रैंडली गणेश जी ही विराजित करें। इनकी पूजा करना ही वास्तव में प्रकृति की पूजा है।
यह बात लायनेस क्लब समर्पण की सदस्यों ने शुभम् शिशु विहार स्कूल में कही। वे यहां विद्यार्थियों को मिट्टी से ईको फ्रैंडली गणेश जी बनाना सिखा रही थीं। क्लब की अध्यत्रक्ष अर्चना अग्रवाल, रीजन चेयरपर्सन वीणा छाजेड़, सचिव अनीता गुप्ता, सह कोषाध्यक्ष वर्षा गोयल, प्राचार्य रेखा त्रिवेदी, स्कूल स्टाफ श्रद्धा त्रिवेदी, सोनू यादव सहित अन्य की मौजूदगी में इस दौरान संस्था के 50 विद्यार्थियों ने मिट्टी से गणेश जी बनाना सीखा। प्रशिक्षण उषा कश्यप ने दिया।
पर्यावरण के लिए घातक है प्लास्टर ऑफ पैरिस से बनी मूर्तियां
इस मौके पर बच्चों ने कहा वे अपने घर में इन्हीं की स्थापना करेंगे और पूजा करेंगे। उन्होंने प्लास्टर ऑफ पैरिस सी बनीं मूर्ति का उपयोग नहीं करने की बात कही। बच्चों का कहना था कि प्लास्टर ऑफ पैरिस नष्ट नहीं होता और यह उपजाऊ मिट्टी तथा जलस्रोतों को भी दूषित कर देता है। इससे कई प्रकार की बीमारियां होने का अंदेशा बना रहता है। यह बात वे अपने आस-पड़ौसियों को भी बताएंगे ताकि पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सके। औजान के दौरान प्रशिक्षक उषा कश्यप को स्मृति चिह्न भेंट किया गया।
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