सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में उड़ीसा की किशोरी की मौत पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान, DM ने बाल कल्याण समिति को सौंपी जांच

सेंट जोसफ कॉन्वेंट स्कूल में 17 वर्षीय किशोरी की मौत की जांच कलेक्टर ने बाल कल्याण समिति को सौंपी है। कलेक्टर ने यह निर्णय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा संज्ञान लिए जाने के कारण लिया गया है। आयोग ने कलेक्टर को पत्र लिखा था।

सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में उड़ीसा की किशोरी की मौत पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान, DM ने बाल कल्याण समिति को सौंपी जांच

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर के सेंट जोसफ कॉन्वेंट स्कूल में 17 वर्षीय किशोरी की मौत का मामला राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली तक पहुंच गया है। आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इसके चलते कलेक्टर ने बाल कल्याण समिति को जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जांच के लिए बिंदु भी निर्धारित किए हैं।

पिछले दिनों सेंट जोसफ कॉन्वेंट स्कूल के छात्रावास के एक कक्ष में 17 वर्षीय एक किशोरी का शव मिला था। प्रथमदृष्टा फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया था। किशोरी यहां रह कर कक्षा 11वीं में पढ़ रही थी। वह यहां नन बनने के लिए आई थी। संदिग्ध परिस्थिति में मौत को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली ने कलेक्टर को पत्र लिखा है। इसमें मामले की जांच के लिए कहा गया है।

उक्त पत्र के तारतम्य में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जिला बाल कल्याण समिति को मामले की विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए। कलेक्टर द्वारा स्कूल के रजिस्ट्रेशन से लेकर उक्त घटना के बाद निर्मित हुई परिस्थितियों तक की जांच के लिए निर्देशित किया गया है। कलेक्टर ने यह भी कहा है कि घटना के बाद से बच्चों की मनोभाव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है तो मनोवैज्ञानिक की सलाह भी ली जानी चाहिए।

इन बिंदुओं के आधार पर करना होगी जांच

  • सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल के जेजे एक्ट 2015 के तहत पंजीकरण की जानकारी।
  • कॉन्वेंट स्कूल में निवासरत प्रत्येक बच्चे का विस्तृत विवरण।
  • निवासरत बच्चों का प्रवेश संस्था में किस प्रकार हुआ।
  • सभी बच्चों की पारिवारिक पृष्ठभूमि कैसी है।

कहीं किशोरी की मौत की घटना से बच्चे भयभीत तो नहीं ?

कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में बाल कल्याण समिति को स्कूल परिसर का भ्रण करने के लिए कहा गया है। इस दौरान समिति को बच्चों की मनःस्थिति के बारे में पता करना होगा कि कहीं उक्त घटनाक्रम के कारण बच्चे भयभीत तो नहीं है। इसके लिए बच्चों का कथन लेखबद्ध करना होगा। यदि कोई बच्चा भयभीत है और उसे मनोवैज्ञानिक परामर्श की आवश्यकता हो तो वह भी उपलब्ध कराना होगा। उपरोक्त सभी बिंदुओं और बयानों के आधार पर समिति को प्रतिवेदन तैयार करने कलेक्टर को देना होगा।

एसपी ने गठित की थी 11 सदस्यीय जांच समिति

गौरतलब है कि उक्त मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा ज्ञापन देकर धरना दिया गया था। परिषद ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग की थी। मामले में एसपी गौरव तिवारी ने 11 सदस्यीय दल गठित कर जांच करने का आदेश दिया था। उधर, किशोरी का तीन डॉक्टरों की पैनल ने पोस्टमार्टम किया था। अभी पीएम रिपोर्ट और 11 सदस्यीय कमेटी की जांच को लेकर कोई खुलासा पुलिस की ओर से नहीं किया जा सका है।

यह भी देखें... सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में उड़ीसा की ट्रेनी नन की आत्महत्या की 11 सदस्यीय SIT करेगी जांच, SP ने टीम को 7 दिन में रिपोर्ट देने के दिए निर्देश