High Court का निर्देश : रतलाम में गणेश भक्तों पर हुई पुलिस क्रूरता मामले के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के निर्देश, सरकारी अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए मांगा समय

रतलाम में गणेश चतुर्थी पर हुए लाठीचार्ज और उसी दौरान के आयुष्मान हॉस्पिटल के सीसीटीवी फुटेज एकत्र करने और सुरक्षित करने के निर्देश हाईकोर्ट ने राज्य शासन को दिए हैं। आरोप है कि लाठीचार्ज के कारण एक युवक की मौत हो गई थी।

High Court का निर्देश : रतलाम में गणेश भक्तों पर हुई पुलिस क्रूरता मामले के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के निर्देश, सरकारी अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए मांगा समय
रतलाम में गणेश प्रतिमा पर पथराव के बाद हिंदू समाज द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल प्रयोग करते हुए। इनसेट- प्रकाश मईड़ा (मृतक)

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने रतलाम में गणेश चतुर्थी की रात हुए पुलिस लाठीचार्ज और उसकी पिटाई से युवक की मौत के मामले में महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। न्यायालय ने घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं।

रतलाम शहर में गणेश चतुर्थी की रात गणेश प्रतिमा के जुलूस पर पथराव हुआ था। इससे आक्रोशित लोगों ने थाने का घेराव कर आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी। भीड़ देख पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया था। इसमें लखन रजवानिया, महेन्द्र सिंह सोलंकी, काजल किन्नर और प्रकाश मईड़ा नामक युवक गंभीर घायल हो गए था। प्रकाश मईड़ा को उपचार के लिए शहर आयुष्मान अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां अगले दिन उसकी मौत हो गई थी।

मृतक प्रकाश मईड़ा के भाई अमन कटारा, लखन रजवानिया, महेन्द्र सिंह और काजल किन्नर की ओर से उच्च न्यायालय इंदौर में याचिका दायर की थी। इसमें मामले की सीबीआई जांच कराने, दोषी अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने और घटना के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई गई थी। याचिका में राज्य शासन के गृह विभाग के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक, रतलाम के कलेक्टर और एसपी, एडीएम, जेल विभाग के एसपी, रतलाम के स्टेशन रोड थाना प्रभारी और सिविल सर्जन को पक्षकार बनाया है।

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याचिकाकर्ता ने की थी सीसीटीवी सुरक्षित रखने की मांग

मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील जैन और वाल्मीकि सकरगाए ने मंगलवार को उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजीव कलगांवकर के समक्ष पक्ष रखा। शासन की ओर से अधिवक्ता अमित रावल उपस्थित हुए। रावल ने शासन से विस्तृत दिशा-निर्देश प्राप्त करने के बाद उत्तर प्रस्तुत करने की प्रार्थना की जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। इस पर याचिकाकर्ता के अभिभाषकों ने न्यायालय से घटना के दौरान के आयुष्मान हॉस्पिटल और स्टेशन रोड पुलिस थाने के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के निर्देश दूसरे पक्ष को देने की मांग की। इसे स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति कलगांवकर ने घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज एकत्र करने और सुरक्षित करने के निर्देश जारी किए। अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को नियत की गई है। बता दें कि हिंदू समाज के विरोध प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे।