सत्य मेव जयते : बिहार वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (BWJU) के प्रयासों से ‘नवभारत टाइम्स’ के पटना संस्करण के रिटायर्ड पत्रकारों को मिली जीत, जानिए- क्या पूरा मामला
नवभारत टाइम्स के नियम विरुद्ध सेवानिवृत्त किए गए दो पत्रकारों को पटना उच्च न्यायालय ने पुनः बहाल करने और उनके वेतन-भत्तों का लाभ 4 सप्ताह के भीतर देने का आदेश दिया है। मामले में बिहार वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (BWJU) की उल्लेखनीय भूमिका रही।
एसीएन टाइम्स @ पटना । नवभारत टाइम्स के पटना संस्करण के दो पत्रकारों को उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने उनके वेतन और अन्य लाभों के भुगतान को लेकर महत्वपूर्ण फैसला दिया है। फैसले के अनुसार अखबार प्रबंधन को दोनों पत्रकारों को न सिर्फ बहाल करना होगा, बल्कि उनके वेतन और अन्य लाभों का भुगतान भी करना होगा।
पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए. अभिषेक रेड्डी की एकल बेंच ने नवभारत टाइम्स के अलग हुए पत्रकारों हरेंद्र प्रताप सिंह और शरद रंजन कुमार के संबंध में 2008 में दिए श्रम न्यायालय द्वारा प्रबंधन (एम/एस बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड) के विरुद्ध पारित आदेश को यथावत रखा है। पटना उच्च न्यायालय ने नवभारत टाइम्स के पटना संस्करण को 1995 में बंद करने को अवैध करार दिया है। न्यायालय ने पाया है कि समाचार-पत्र का प्रकाशन औपचारिक रूप से बंद करने से पहले प्रबंधन द्वारा कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।
2008 में श्रम न्यायालय ने दिया था फैसला
नवभारत टाइम्स के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने पटना के श्रम न्यायालय में पटना संस्करण बंद होने के बाद अपील की थी। उन्हें 2008 में श्रम न्यायालय से राहत मिल गई थी, लेकिन प्रबंधन ने इसे पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी। मामले में 16 साल के लंबे इंतजार के बाद फैसला आया है। उच्च न्यायालय ने प्रबंधन को निर्देश दिया है कि पत्रकार हरेंद्र प्रताप सिंह और शरद रंजन कुमार दोनों को छंटनी की तारीख के बाद से सभी बैकलॉग वेतन और अन्य लाभों का भुगतान उनकी स्थिति के अनुसार करें। अवकाश प्राप्ति की आयु प्राप्त करने के मामले में, वे अवधि के दौरान अर्जित सभी प्रकार के बकाये के खिलाफ वित्तीय लाभ प्राप्त करने के हकदार होंगे।
चार सप्ताह में करना होगा आदेश का पालन
उच्च न्यायालय ने प्रबंधन को आदेश का पालन चार सप्ताह में भुगतान और अन्य लाभ देकर करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि, बिहार कार्य पत्रकार संघ (बीडब्ल्यूजेयू) द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों और सहायता के बाद नवभारत टाइम्स के पटना संस्करण के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को यह बड़ी जीत मिली है। BWJU ने पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए वास्तविक मांगों को बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।