स्मृतियों की पाठशाला : पॉलिटेक्निक कॉलेज में हुआ इंजीनियरिंग के पूर्व छात्रों का मिलन, गीत गाए, मिमिक्री की, संवेदनाएं साझा हुईं तो भर आया मन और आंखें हुईं नम

गोविंदराम तोंदी शासकीय  पॉलिटेक्निक कॉलेज जावरा में पूर्व छात्र स्वर्ण जयंती स्नेह मिलन समारोह आयोजित किया गया। समारोह में पूर्व छात्रों ने अपनी पढ़ाई के दौर की यादें ताजा की। इस दौरान ‘ग्रहों का गणित’ पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

स्मृतियों की पाठशाला : पॉलिटेक्निक कॉलेज में हुआ इंजीनियरिंग के पूर्व छात्रों का मिलन, गीत गाए, मिमिक्री की, संवेदनाएं साझा हुईं तो भर आया मन और आंखें हुईं नम
गोविंदराम तोंदी शासकीय  पॉलिटेक्निक कॉलेज जावरा में आयोजित स्नेह मिलन समारोह में उपस्थित पूर्व छात्र एवं शिक्षक।

गोविंदराम तोंदी शासकीय  पॉलिटेक्निक कॉलेज जावरा में हुआ पूर्व छात्र स्वर्ण जयंती स्नेह मिलन समारोह

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जावरा के गोविंदराम तोंदी शासकीय  पॉलिटेक्निक कॉलेज में बीते दो दिन खास रहे। आज यहां इंजीनियरिंग के कोर्स का सबक सीखने की नहीं, स्मृतियों की पाठशाला लगी थी। स्वर्ण जयंती समारोह में पूर्व छात्रों का स्नेह मिलन हो रहा था। किसी ने गीत गया तो किसी ने मिमिक्री की। जब एक-दूसरे के गले लगे तो संवेदनाएं ऐसी साझा हुईं कि मन भर आए, आंखें नम हो गईं।

‘मन की बात’ से प्रेरित होकर पॉलिटेक्निक कॉलेज के पूर्व छात्रों ने अपनी स्मृतियों को ताजा करने के लिए एकजुट होने की कल्पना की जो 23 और 23 मई को साकार भी हो गई। मुख्य अतिथि प्राचार्य जी. बी. बामनकर रहे। अन्य अतिथियों के रूप में प्रभारी प्राचार्य इंदल सिंह, वरिष्ठ इंजीनियर सुरेंद्र कुमार पोखरना, एल. एस. तोमर, शैतानमल जैन, हीरालाल बलसोरा, मदनलाल पंचावत, नेमीचंद जैन, कांतिलाल टांक, अशोक नामदेव राणे, नरेंद्रसिंह यादव, बाबूलाल कदम, त्रिभुवनसिंह  नेगी, बी. के. भट्ट, समिति अध्यक्ष पीयूष त्रिवेदी, रमेशचंद्र शर्मा, वर्धमान जैन, सुमन सिंह चौहान एवं इंजीनियर समाजसेवी गोविंद काकानी शामिल रहे। सभी अतिथियों ने मां सरस्वती एवं पद्मश्री इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण कर स्नेह सम्मेलन का श्रीगणेश किया। सभी अतिथियों एवं शिक्षकों का स्वागत स्नेह मिलन समारोह आयोजन समिति अध्यक्ष एवं सदस्यों ने किया।

ऐसे बनी रूपरेखा और हुआ आयोजन

स्वागत भाषण समिति सदस्य गोविंद काकानी ने दिया। उन्होंने बताया कि ‘मन की बात’ से प्रेरणा लेकर पूर्व छात्र परिषद की कल्पना लेकर इंदौर के इंजीनियर पीयूष त्रिवेदी (समिति अध्यक्ष), दिनेशचंद्र शर्मा, प्रदीप कुमार व्यास, अनूप सक्सेना, मुनीश्वरसिंह ढाकरे, गोवर्धनलाल गुप्ता और प्रदीप कुमार मेहता ने इंदौर में बैठक कर कार्यक्रम की रूपरेखा तय की थी। इसमें इंजीनियर  के. एल. टांक,  अनिल तिवारी, प्रमोद कुमार पाठक, सुरेश कुमार नाहटा, ओमप्रकाश पाटीदार, जगदीश जोशी, कमल चौरसिया, डी. के. मजावदिया, ओ. पी. निंबे, देवीसिंह सावरे, प्रदीप शर्मा एवं गोविंद काकानी को भी सम्मिलित किया गया। जिसके परिणामस्वरूप यह समारोह संभव हो सका।

इनके विचारों से समृद्ध हुआ आयोजन

मुख्य अतिथि एवं पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य बामनकर ने आयोजन को सराहनीय एवं अनुकरणीय पहल बताया। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम इतिहास में गुरु शिष्य की परंपरा का जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने सम्मानित करने के लिए प्रभारी प्राचार्य इंदल सिंह के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

पूर्व छात्र एवं इंजीनियर काकानी कहा कि हम शिक्षा, संस्कार एवं समाज सेवा के विभिन्न विषयों पर चर्चा  कर रहे हैं। हम सब मिलकर समाज और देश की उन्नति में सहभागी बनेंगे। रक्तदान, अंगदान, नेत्रदान और देहदान समाज और शिक्षा के लिए जरूरी है। प्रभारी प्राचार्य इंदल सिंह ने भी संबोधित किया और आयोजन को लेकर पूर्व छात्रों की सक्रियता की सराहना की। समिति अध्यक्ष त्रिवेदी ने कहा कि सेवानिवृत्ति के पश्चात इंजीनियरों द्वारा राष्ट्रीय उत्थान में कार्य के लिए आज का यह आयोजन किया गया है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि हम आने वाली पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक बनें। 

पुस्तक का विमोचन हुआ, दिवगंतों का स्मरण किया

समारोह में पूर्व छात्रों ने गीत-संगीत एवं मिमिक्री की प्रस्तुत दी। अतिथियों इंजीनियर के. एल. कासोट द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘ग्रहों का गणित’ का विमोचन किया गया। ज्योतिष पर आधारित पुस्तक के बारे में इंजीनियर कासोट ने सदन को अवगत कराया। आयोजन समिति ने सभी अतिथियों और इंजीनियरों को स्मृति चिह्न और प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। सभी दिवंगत प्रोफेसर और इंजीनियर साथियों को मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संचालन गोविंद काकानी और प्रदीप शर्मा ने किया। आभार इंजीनियर अनूप सक्सेना ने प्रदर्शित किया।