रतलाम में धारा 144 लागू : 2 माह तक प्रभावी रहेगा प्रतिबंधात्मक आदेश, जानिए- क्यों लगाया प्रतिबंधि और जिले में क्या रहेगा प्रतिबंधित
रतलाम में अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के उद्देश्य से धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किया है। यह दो माह के लिए प्रभावी रहेगी। इसके तहत सभी भवन मालिकों, होटल व लॉज संचालकों व धार्मिक स्थलों के प्रमुखों को अपने यहां किराये आदि से रहने वालों की जानकारी संबंधित थाने में देना अनिवार्य किया गया है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम। जिले में लोक प्रशांति कायम रखने कानून व्यवस्था बनाए रखने अप्रिय स्थिति तथा जनधन की हानि की रोकथाम के लिए 2 माह के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत से प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। इसके तहत जिले के बाहर के लोगों के रतलाम में रहने की जानकारी पुलिस को देना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर संबंधित के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिबंधात्मक आदेश अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी एमएल आर्य ने जारी किया है। इसके अनुसार जिले में बड़ी संख्या में बंगाल से सोना-चांदी के आभूषण बनाने वाले कारीगर यहां किराए के मकान में रहते हैं। वे सोना-चांदी के व्यापारियों से संपर्क कर रोजगार प्राप्त कर लेते हैं। कारीगरों को रोजगार देने वाले एवं किराए से मकान देने वाले व्यक्तियों को इनकी जानकारी आवश्यक रूप से संबंधित थानों को देना अनिवार्य किया गया है।
होटल-लॉज, धर्मशाला, हॉस्टल संचालक व रहने वालों की देना होगी जानकारी
होटल, धर्मशाला, लॉज में रुकने वाले यात्रियों की सूचना निर्धारित प्रपत्र में यात्रियों की आईडी प्रूफ की छाया प्रति के साथ होटल, धर्मशाला, लॉज के मालिकों को तत्काल संबंधित पुलिस थाने में देना अनिवार्य होगा। घरेलू नौकरों को रखने वाले व्यक्तियों के लिए उसकी जानकारी 1 सप्ताह में निर्धारित प्रपत्र में भरकर संबंधित थाने में दिया जाना अनिवार्य होगा। प्राइवेट हॉस्टल संचालकों को भी स्वयं की, कार्यरत कर्मचारियों तथा वहां रुकने वाले विद्यार्थियों की जानकारी भी आईडी कार्ड की छाया प्रति के साथ निर्धारित प्रोफॉर्मा में देना होगी। इसके लिए भी एक सप्ताह की डेडलाइन तय की गई है।
धार्मिक स्थलों पर भी लागू है अनिवार्यता
जानकारी देने की यह अनिवार्यता धार्मिक स्थल (मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च, स्थानक, मदरसा आदि) पर बाहर से आकर रहने वाले व्यक्तियों एवं लंबे समय तक रुककर धार्मिक प्रवचन देने वाले व्यक्तियों पर भी लागू होगी। यह संबंधित धार्मिक स्थल के संचालक के लिए भी बंधनकारी है। जारी आदेश में निर्देशित किया गया है कि जिले के सभी टोल नाकों के संचालक सभी कर्मचारियों, प्रत्येक व्यक्ति अपने किराएदार की जानकारी निर्धारित प्रोफॉर्मा में भरकर 1 सप्ताह में संबंधित थाने में पर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करे।
... वरना होगी कार्रवाई
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जाएगा। दोषी पाए जाने वाले के विरुद्ध विधि के प्रावधानों के तहत अभियोजित करने की कार्रवाई की जाेगी।