निर्वाचन में नवाचार : पहली बार मतदान करने वाले युवाओं को प्रशस्ति-पत्र प्रदान करेगा प्रशासन
रतलाम का निर्वाचन विभाग नए मतदाताओं (पहली बार मतदान करने वाले) को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित करेगा।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी भास्कर लाक्षाकार और एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने पत्रकार वार्ता में चुनाव संबंधी जनकारियां
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शत-प्रतिशत मतदान को लेकर सभी जगह नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं और कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में रतलाम के जिला प्रशासन ने इस विधानसभा चुनाव में पहली बार मतदान करने वाले युवाओं को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। ऐसा उन मतदान केंद्रों पर किया जाएगा जहां पूर्व में हुए चुनावों के दौरान मतदान का प्रतिशत काफी कम रहा है। ऐसा करने के पीछे उद्देश्य युवाओं को मतदान के प्रति प्रोत्साहित करना है।
विधानसभा निर्वाचन 2023 के अंतर्गत रतलाम जिले में समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी भास्कर लाक्षाकार द्वारा मतदान समाग्री वितरण स्थल आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज परिसर में पत्रकार वार्ता कर मीडिया को जानकारी दी। इस दौरान एसपी राहुल कुमार लोढ़ा भी उपस्थित रहे। जिला निर्वाचन अधिकारी लाक्षाकार ने कहा कि प्रशासन और पुलिस विधानसभा निर्वाचन स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी रूप से संपन्न करने के लिए प्रतिबद्ध है।
10-10 केंद्रों पर होगा नवाचार
कलेक्टर ने बताया कि जिले में ऐसे मतदान केंद्रों पर इस बार फोकस किया जाएगा जहां पिछली वर्षों में मतदान प्रतिशत सबसे कम रहा है। नवाचार के तहत पांचों विधानसभाओं के ऐसे 10-10 मतदान केंद्रों पर मतदान करने वाले नए मतदाताओं को निर्वाचन कार्यालय द्वारा इस बार प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं को मिलने वाले इस एप्रीसिएशन सर्टिफिकेट का उद्देश्य अधिक मतदान को प्रोत्साहित करना है। लोकतंत्र के महत्व को प्रतिपादित करने के साथ हमारा प्रयास है कि जिले में आधिकाधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करें।
मतदान दलों का भी हुआ स्वागत
इसके अलावा प्रत्येक मतदान दल का उनके मतदान केंद्र पर पहुंचने पर स्वागत किया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार स्वागत संबंधित मतदान केंद्र के आसपास की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और शासकीय कर्मचारियों द्वारा किया गया। लाक्षाकार ने बताया कि प्रत्येक सेक्टर ऑफिसर के साथ डॉक्टर की व्यवस्था की गई है। मतदान दलों को मतदान के पश्चात सामग्री जमा कराने के लिए बेहतर व्यवस्थाएं रहेंगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र हेतु 15 से 20 तक काउंटर बनाए गए हैं।
तत्काल कार्रवाई करेगी क्विक रिस्पांस टीम
एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि विधानसभा निर्वाचन स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से संपन्न करने के लिए रतलाम जिले में 2356 पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। इसमें एसएएफ की 5 कंपनियां आई हैं। इसके अलावा हरियाणा होमगार्ड के 635 जवान, आईटीबीपी की एक कंपनी, गुजरात से होमगार्ड और सीआईएसएफ की चार कंपनी भी आई हैं। स्ट्रांग रूम सुरक्षा सीआरपीएफ के पास है। पुलिस मुख्यालय भोपाल से 134 जवान आए हैं। साथ ही जिला पुलिस बल से 300 होमगार्ड हैं। 1416 विशेष पुलिस अधिकारी भी बनाए गए हैं। इसके अलावा 113 सेक्टर मोबाइल दल रहेंगे। ये दल पूरे क्षेत्र में भ्रमण करेंगे किसी भी घटना पर तत्काल कार्रवाई करेंगे। 21 क्विक रिस्पांस टीम बनाई गई हैं जो नाम के अनुरूप त्वरित कार्रवाई करेंगी।
जिले में 334 संवेदनशील मतदान केंद्र
पूरी प्रक्रिया की होगी वेबकास्टिंग, माइक्रो ऑब्जर्वर, केंद्रीय रिजर्व पुलिस दल, जिले में सीमावर्ती क्षेत्रों पर निगरानी के लिए 21 एसएसटी तथा 21 एफएसटी टीमें कार्यरत हैं। जिले के 334 संवेदनशील मतदान केंद्रों पर केन्द्रीय पुलिस बल तथा गुजरात पुलिस बल तैनात किया गया है। इन मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की जा रही है। यहां सीसीटीवी लगाए गए हैं और माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।
160 वुमेन ऑर्गनाइज्ड बूथ हैं जिले में
निर्वाचन के दौरान ईवीएम-वीवीपीट मशीनों के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि किसी भी मशीन के खराब होने की स्थिति में उपयोग में लाने हेतु सेक्टर ऑफिसर के पास एक रिजर्व मशीन रहेगी। इनके अलावा भी अतिरिक्त मशीन रिजर्व में रखी गई हैं जो किसी भी मशीन के खराब होने की दशा में उपयोग की जा सकेंगी। रतलाम जिले में 160 वुमेन ऑर्गनाइज्ड बूथ भी बनाए गए हैं इसमें सभी कार्मिक महिलाएं हैं। इनके साथ ही केवल दिव्यांग कर्मचारियों द्वारा ऑपरेट होने वाले भी एक-एक मतदान केंद्र सभी विधानसभाओं में हैं।
यह जांच का विषय है
माइक्रो ऑब्जर्वर बनाए गए कई बैंककर्मियों के मतदान से वंचित होने को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी लाक्षाकार ने कहा कि यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान सभी कर्मचारियों के मतदान की व्यवस्था की गई थी। यह समस्या बैंक विशेष के कर्मचारियों के मामले में पता चली है, यह जांच से ही स्पष्ट होगा कि ऐसा क्यों हुआ।