ज्ञान-विज्ञान : इसलिए 28 फरवरी को मनाया जाता है 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस', जानना चाहते हैं तो पढ़िए यह कविता और सहेज लीजिए अपनी स्मृतियों में
महान भौतिकी वैज्ञानिक डॉ. सीवी रमन को आज पूर्व विश्व याद कर रहा है, क्योंक आज उन्हीं की स्मृति में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जा रहा है। डॉ. रमन और इस खास दिवस के बारे में जानना चाहते हैं तो देखें प्रो. अज़हर हाशमी की यह कविता।
भौतिकी को योगदान
प्रयोग की पेढ़ी पर अन्वेषण और अनुसंधान
देता है जब क्रमबद्ध-व्यवस्थित ज्ञान
कर लेता है सत्य की पहचान
तब ऐसा सत्यात्मक निष्कर्ष ही
कहलाता है विज्ञान
भारत के भौतिक विज्ञानी डॉ. चंद्रशेखर वेंकटरमन
समुद्र के गहरे नीले जल पर
करते रहे प्रयोग और परीक्षण हर रोज
28 फ़रवरी सन् 1928 को
जिससे भौतिक विज्ञान को मिली
'रमन-इफेक्ट’ (प्रभाव) की महत्वपूर्ण खोज
वैज्ञानिक रैले के सिद्धांत को चुनौती देकर
रमन ने 'रमन-इफेक्ट' की खोज से
भौतिक विज्ञान को दिया नया ढंग
और इस शोधपूर्ण खोज से सिद्ध किया
कि परिक्षेपण द्वारा बदल जाता है
प्रकाश का रंग
दक्षिण भारत के तिरु चिरापल्ली में
जन्मे रमन को अपने पिता चंद्रशेखर अय्यर से
भौतिक विज्ञान विरासत में मिला था
इसीलिए स्वाभाविक रुचि थी रमन की
ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने में
यानी खोज करना उनका शौक-सिलसिला था
नोबल प्राइज मिला था 'रमन-इफेक्ट' जैसी
महत्वपूर्ण खोज पर रमन को
सन 1930 के रूप में वर्ष है अंकित
चूंकि यह खोज की गई थी 28 फ़रवरी को
इसलिए इस महान वैज्ञानिक की याद में
यह तिथि है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में संचित
-अज़हर हाशमी
(दैनिक समाचार-पत्र ‘पत्रिका’ से साभार)