सृजन भारत के अनिल झालानी के सुझाव पर 7 दिन में हो गया अमल, खजुराहो के विश्व संरक्षित मंदिरों के आसपास का क्षेत्र No Flying Zone घोषित

विश्व संरक्षित खजुराहो मंदिर व आसपास के क्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है। यह सृजन भारत अभियान के संयोजक अनिल झालानी के सुझाव पर संभव हुआ है।

सृजन भारत के अनिल झालानी के सुझाव पर 7 दिन में हो गया अमल, खजुराहो के विश्व संरक्षित मंदिरों के आसपास का क्षेत्र No Flying Zone घोषित
खजुराहो मंदिर नो फ्लाइंग जोन घोषित।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । बात और तर्क में दम हो तो उस पर अमल होना मुश्किल नहीं। ऐसा ही एक सशक्त उदाहरण है सृजन भारत अभियान के अनिल झालानी के सुझाव का। उनके द्वारा केंद्रीय नागरिक उड्ययन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिए गए सुझाव पर महज सात तिन के भीतर अमल हो गया। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने विश्व संरक्षित मंदिर खजुराहो (Khajuraho) को नो फ्लाइंग जोन (No Flying Zone) घोषित किया है। 

पिछले दिनों समाचार-पत्रों में एक समाचार प्रकाशित हुआ। इसमें बताया गया कि खजुराहो में एशिया का सबसे बड़ा हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग सेन्टर खुलेगा। इस समाचार को आधार लेकर दिनांक 17 मार्च 2023 को सामाजिक कार्यकर्ता एवं सृजन भारत अभियान के संयोजक अनिल झालानी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा। इसमें इस बात की चिंता जाहिर की कि ट्रेनिंग के दौरान विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होना आम बात रहती है। अतः यदि कोई अनहोनी हुई तो खजुराहो के विश्व प्रसिद्ध एवं पुरातात्विक संरक्षित ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व के धरोहर रूपी संरक्षित मंदिरों के क्षतिग्रस्त या खंडित होने के खतरे का सदैव अंदेशा बना रहेगा।

झालानी ने आगाह करते हुए आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने सुझाव दिया कि ट्रेनिंग सेंटर अन्यत्र स्थानान्तरित किया जाए। उन्होंने लिखा कि ट्रेनिंग सेन्टर के स्थल का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखा जाना जाए कि उनकी इन मंदिरों से पर्याप्त दूरी हो अथवा यूनेस्को की सूची में दर्ज मंदिरों के आसपास का क्षेत्र ‘नो फ्लाइंग जोन‘ घोषित किया जाए।

पत्र पर तत्काल लिया संज्ञान

झालानी ने अपने स्वांतः सुखाय अभियान के अंतर्गत इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सरकारी स्तर पर इस पत्र व्यवहार को गंभीरता से लिया गया है। पत्र को तत्काल संज्ञान में लेते हुए पिछले सप्ताह भारतीय पुरातत्व विभाग को एयरपोर्ट अथॉरिटी ने मंदिर के ऊपर से विमानों की उड़ान को प्रतिबंधित कर मंदिरों या इसके आसपास के क्षेत्र के साइलेंट जोन बनाते हुए उसका कड़ाई से पालन करने का वचन दिया है। संरक्षित मंदिर के क्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया है।