सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल में परिवर्तित करने के अपराध को बर्दाश्त नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक आंदोलन होगा : राष्ट्रसंत कमलमुनि

सम्मेद शिखर जी तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा का राष्ट्र कमल मुनि कमलेश ने विरोध किया है। उन्होंने इसके विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक आंदोलन की चेतावनी दी है।

सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल में परिवर्तित करने के अपराध को बर्दाश्त नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसात्मक आंदोलन होगा : राष्ट्रसंत कमलमुनि
कमल मुनि कमलेश।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शिखर जी तीर्थ को पर्यटन स्थल में परिवर्तन करना आध्यात्मिक संस्कृति को खत्म करने के समान है। इस अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह चेतावनी राष्ट्रीय धर्म संसद के चेयरमैन राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने सरकार को दी। राष्ट्रसंत ने कहा कि शाही इमाम, फादर, ग्रंथी, लॉमा व शंकराचार्य के संयुक्त तत्वाधान में अहिंसात्मक आंदोलन कर राष्ट्रीय स्तर पर इसका विरोध किया जाएगा।

उक्त विचार राष्ट्रसंत ने जैन दिवाकर गौशाला में गोसेवा कार्यक्रम के तहत कहे। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार धर्मस्थल के साथ खिलवाड़ कर के कल अपनी सरकार को दांव पर लगा दे, तो जिस जनता को सत्ता सौंपना आता है वह उसे बाहर का रास्ता दिखाना भी जानती है। जब तक सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती खामोश नहीं बैठेंगे।

गोशाला के बाद राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश विद्यालय में पहुंचे। उन्हें कहा कि मंदबुद्धि वाले पशुओं को प्रशिक्षण देने वाले मिले तो उनमें भी प्रतिभा का विकास हो जाता है, विश्व कीर्तिमान स्थापित करता है। ऐसे में यदि प्रबुद्ध इंसान को प्रशिक्षण मिले तो निश्चित ही उसकी प्रतिभा में निखार आ सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षक जितना प्रशिक्षित, विवेकशील और प्रखर होगा उतना ही वह महानता के शिखर को छुएगा। प्रशिक्षण के अभाव में तीन लोक की संपत्ति भी उसमें आंतरिक प्रतिभा का विकास नहीं कर सकती। प्रतिभा हर आत्मा में छुपी है।

कठोर अनुशासन के विनम्रता से पालन से विकास संभव

राष्ट्रसंत ने बताया कि प्रशिक्षक कठोर अनुशासन का विनम्रता से पालन करेगा तभी विकास संभव है। अनुशासन जिसको अखरता है उसका जीवन पतन की ओर जाना शुरू हो जाता है। कमल मुनि ने कहा ज्ञापन आपका सबसे बड़ा साथी है। यह कोई चुरा नहीं सकता, जला नहीं, सकता मिटा नहीं सकता। संकट के समय में इससे बड़ा कोई साथी नहीं हो सकता। 

बता दें कि, अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली संस्थापक अध्यक्ष मोतीलाल बापना ने गरीब पिछड़ी बस्ती रामरहीम नगर में आने वाली भविष्य बच्चों में संस्कृति, संस्कार और चरित्र निर्माण के लिए विद्यालय प्रारंभ किया। यह जन सहयोग से नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

भव्य मुनि का 38वें जन्म दिवस मनाया

दिवाकर मंच युवा शाखा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी नीलेश बाफना ने बताया शासन प्रभावक भव्य मुनि के 38वें जन्म दिवस मनाया गया। इस मौके पर जैन दिवाकर गौशाला में गौ माता की सेवा की गई। आयोजन जैन दिवाकर विचार मंच व जैन दिवाकर नवयुवक मंडल के संयुक्त तत्वाधान में हुआ। देशभर से जन्मदिन की शुभकामनाएं प्राप्त हो रही हैं। राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने भी मुनिश्री के उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर जैन दिवाकर नवयुवक मंडल अध्यक्ष रीतेश मूणत, विकास कटारिया, संजय पुंगलिया, विपिन श्रीमाल, अशोक बोथरा, जितेंद्र खिमेसरा, प्रत्यूष चौधरी, सुनील पटवा, सुरेंद्र भटेवरा, धर्मेंद्र रांका आदि उपस्थित रहे।