थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का हीमोग्लोबिन लेवल हमेशा 10 से ज्यादा रहे ताकि बच्चे का विकास हो व दूसरे अंगों को नुकसान ना पहुंचे- डॉ. सतवानी

रतलाम सहित आसपास के जिलों के कई बच्चे थैलेसीमिया से पीड़ित हैं। बीमारी की रोकथाम और ऐसे बच्चों के उपचार में बोन मेरो प्रत्यारोपण कारगर है। इसी को लेकर शुक्रवार को रतलाम के शासकीय मेडिकल कॉलेज में बन मेरो प्रत्योरोपण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान पीड़ित बच्चों व परिजन के सैंपल लिए गए। सैंपल जांच के लिए जर्मनी भेजे जाएंगे। दो सत्र में हुए आयोजन में मनोरंजन के लिए ऑर्केस्ट्रा और जादू का शो भी रखा गया।

थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का हीमोग्लोबिन लेवल हमेशा 10 से ज्यादा रहे ताकि बच्चे का विकास हो व दूसरे अंगों को नुकसान ना पहुंचे- डॉ. सतवानी
बोन मेरो प्रत्यारोपण कार्यशाला के दौरान बच्चों की जांच करता शासकीय मेडिकल कॉलेज रतलाम का नर्सिंग स्टाफ।

रतलाम मेडिकल कॉलेज में काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ने किया बोन मेरो प्रत्योरोपण कार्यशाला का आयोजन, थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों और उनके परिजन के सैंपल लिए

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । बोन मेरो प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश सतवानी ने थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों की केयर और बीमारी की रोकथाम संबंधी सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इस बीमारी से जुड़ी सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने परिवारों से अपील की है कि थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों का हीमोग्लोबिन लेवल हमेशा 10 से ऊपर रखना चाहिए। इससे बच्चे का विकास ठीक से होगा और थैलेसीमिया के कारण दूसरे अंगों को नुकसान नहीं पहुँचेगा। डॉ. सतवानी ने पीड़ित बच्चों के परिजन के प्रश्नों के जवाब देते हुए समस्या का समाधान भी सुझाया।

डॉ. सतवानी शुक्रवार को रतलाम के शासकीय मेडिकल कॉलेज में आयोजित बोन मेरो प्रत्यारोपण कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। कार्यशाला को सहप्राध्यापक इंदौर मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्राची चौधरी बोन मेरो प्रत्यारोपण की सफलता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक वहां प्रत्यर्पण में 85% सफलता प्राप्त हुई। अब हमारा लक्ष्य प्रदेश के सभी बच्चों को रक्त की इस गंभीर बीमारी से छुटकारा दिलाना है।

संभाग आयुक्त संदीप यादव ने कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश को थैलेसीमिया व सिकल सेल मुक्त बनाने में काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन का यह कार्य अनुकरणीय है | इस पुनीत कार्य में प्रशासन की जितनी भी मदद चाहिए, सदैव देने के लिए मैं तत्पर हूं।


कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि बड़ी संख्या में आए रतलाम सहित आसपास के जिलों के बच्चों का अच्छा और सस्ता इलाज रतलाम में मेडिकल कॉलेज के माध्यम से हो उसके लिए प्रयास किए जाएंगे।

पीडि़त बच्चों के लिए रक्तदान शिविर का आयोजन व आवश्यक मदद करेंगे- डॉ. शर्मा

भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. राजेश शर्मा ने अपने मेडिकल कॉलेज के माध्यम से थैलेसीमिया एवं सिकलसेल पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान शिविर एवं आवश्यक मदद देने का आश्वासन दिया। आईएमए अध्यक्ष डॉ. बी. एल. तापड़िया ने बताया कि थैलेसीमिया सिकलसेल से पीड़ित बच्चों को लगातार आवश्यक जांच में आ रही परेशानी दूर करने के लिए जिला चिकित्सालय में इसकी व्यवस्था की गई है। इसका संबंधित परिवार लाभ ले सकते हैं।

संबोधन से पूर्व सर्व प्रथम थैलेसीमिया सिकलसेल कार्यशाला की शुरुआत मुख्य अतिथि बोन मेरो प्रत्यर्पण विशेषज्ञ डॉ. सतवानी, पद्मश्री डॉ. लीला जोशी, काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष काकानी, डीन डॉ. गुप्ता, भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. शर्मा, आईएमए अध्यक्ष डॉ. तापड़िया एवं सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर शुरुआत की। इसके बाद अतिथियों का स्वागत डॉ. मांगीलाल बर्मन (रतलाम मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष), डॉ. देवेंद्र नरगावे, डॉ. मनीष राठौर, वर्षा पंवार, गोविंद काकानी एवं थैलेसीमिया पीडित बच्चों ने किया।

उन्नत भारत - समृद्ध भारत बनाने के संकल्प के साथ हुई फाउंडेशन की स्थापना- डॉ. काकानी

स्वागत उद्बोधन काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन अध्यक्ष माधव काकानी ने किया। उन्होंने बताया फाउंडेशन की स्थापना धर्म, संस्कृति, सेवा एवं शिक्षा में मदद कर उन्नत भारत - समृद्ध भारत बनाने के संकल्प के साथ की गई थी। यह कार्य निरंतर जारी है। इसी तारतम में रतलाम में पहली बार इस तरह की कार्यशाला आयोजित हो रही है|

डॉ. सतवानी 20 वर्ष से दे रहे बोन मेरो प्रत्यारोपण में सेवाएं

रतलाम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने अतिथि परिचय दिया। उन्होंने बताया कि रतलाम मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा जगत के अनेक नए-नए कार्य किए जा रहे हैं। रतलाम का नाम प्रदेश में अग्रणी महाविद्यालय में रहे, इस सपने को साकार करते हुए ही आज डॉ. प्रकाश सतवानी को बोन मेरो प्रत्यर्पण कार्यशाला में टीम के साथ आमंत्रित किया गया। डॉ. गुप्ता ने बताया डॉ. सतवानी 20 वर्ष से ज्यादा समय से बोन मेरो प्रत्यारोपण में सेवाएं दे रहे हैं। भोपाल के निवासी होने से मध्यप्रदेश में भी बोन मेरो प्रत्यारोपण शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर इंदौर के एमवायएच अस्पताल में 4 वर्ष पूर्व यह पुनीत कार्य शुरू किया। इससे प्रदेश के थैलेसीमिया के बच्चों को प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ रहा और खर्च भी बहुत कम होता है। यह पीड़ित परिवार के लिए वरदान है।

दूसरे सत्र में गीत-संगीत और जादूगर की जुगलबंदी से ठहाकों से गूंज उठा सदन

दूसरे सत्र का उद्घाटन संभाग आयुक्त संदीप यादव, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के वरिष्ठ डॉ. दीनदयाल काकानी, महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा, विधिक सहायता अधिकारी पूनम तिवारी, सहायक जिला कार्यक्रम अधिकारी अंकिता पंड्या, डॉ. स्मिता शर्मा ने की। अतिथियों का स्वागत स्वागत काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सदस्य डॉ. गोविन्द चौधरी, डॉ. अमित सोनसले, थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों एवं स्टाफ नर्स भारती सोंदल, संजय मेड़ा, सफलता व्यास आदि ने किया। इस सत्र में राजेश पंडित के आर्केस्ट्रा ने एक से बढ़कर एक गीतों की प्रस्तुति दी। इस दौरान गीत-संगीत एवं जादूगर यूसुफ के जादू की जुगलबंदी सभी को पसंद आई। इस दौरान सदन में बच्चों की हसी के फव्वारे फूट पड़े।

उत्कृष्ट कार्य के लिए इनका हुआ सम्मान

सम्मान समारोह मैं डॉ. प्रकाश सतवानी एवं उनकी टीम के सदस्य डॉ. प्राची चौधरी, डॉ. अमृता चौहान का शाल श्रीफल से स्वागत किया। इसके अलवा उत्कृष्ट सेवा देने वाली संस्था मानव सेवा समिति के संस्थापक ज्ञानमल सिंगावत, विवेक बक्क्षी, गोपालकृष्ण सोडाणी, अनिल पीपाड़ा, हेमंत मेहता, बाल चिकित्सालय के डॉ. आर. सी. डामोर, समाजसेवी व महाराष्ट्र समाज के वीरेंद्र वाफगांवकर, जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा, सहायक कार्यक्रम अधिकारी अंकिता पंड्या, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. प्रफुल्ल सोनगरा, एथिक्स कमेटी के डॉ. नीरज अग्रवाल, ऑर्गन डोनेशन समिति के डॉ. महेंद्र चौहान, गायक राजेश पंडित, जादूगर यूसुफ का भी सम्मान किया गया। संचालन गोविन्द काकानी व रतलाम मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. देवेन्द्र नरगावे ने किया।

जर्मनी भेजे जाएंगे बच्चों और परिजन के सैंपल

गिफ्ट (ग्लोबली इंटीग्रेशन फ़ॉर थैलेसीमिया) के संस्थापक एवं अध्यक्ष मदन चावला ने बताया कार्यशाला में 220 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चो व उनके परिजन के सैंपल लिए गए। सैंपल जीएमसी की स्टाफ नर्सों ने लिए। अब इन्हें जांच के लिए जर्मनी भेजा जाएगा।