रतलाम के इस नर्सिंग कॉलेज में नहीं होता नियमों का पालन, संचालक बोले- नियमों की अवहेलना तो जिले के हर संस्थान में हो रही

रतलाम के सैलाना व सरवन में संचालित नर्सिंग स्कूल / कॉलेज में व्याप्त अनियमितताओं को उजागर कहते हुए जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है।

रतलाम के इस नर्सिंग कॉलेज में नहीं होता नियमों का पालन, संचालक बोले- नियमों की अवहेलना तो जिले के हर संस्थान में हो रही
रतलाम के नर्सिंग कॉलेज में अनियमितता।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिले के सैलाना व सरवन में संचालित नर्सिंग इंस्टीट्यूट में व्याप्त अनियमितताओं की फेहरिश्त संस्थान के ही दो पूर्व कर्मचारियों द्वारा इंडियन नर्सिंग काउंसिल को भेजी गई है। इसमें एक ही भवन में तीन संस्थाओं के संचालन, गैरहाजिर विद्यार्थियों से परीक्षा में पास होने के लिए रुपए की वसूली, स्टाफ का पीएफ नहीं कटने सहित कई शिकायते शामिल हैं।

नियमों के पालन के मामले में रतलाम जिले के कतिपय तकनीकी शिक्षण संस्थान सारे रिकॉर्ड तोड़ते नजर आ रहे हैं। नर्सिंग कोर्स का संचालन करने वाले संस्थानों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब बताई जा रही है जिसकी पुष्टि स्वयं इसके संचालक ही कर रहे हैं। सैलाना व सरवन स्थित ऐसे ही नर्सिंग इंस्टिट्यूट की एक शिकायत इंडियन नर्सिंग काउंसिल नई दिल्ली को की गई है। कुछ समय पूर्व उक्त संस्थान की मान्यता भी निरस्त कर दी गई थी। हालांकि कुछ समय पश्चात वह बहाल भी कर दी गई थी।

इन्हें भी भेजी गई है शिकायत की प्रतिलिपि

शिकायकर्ता द्वारा शिकायत की प्रति मध्यप्रदेश नर्स पंजीकरण परिषद की रजिस्ट्रार सुनाता शिजू, स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की आईटी सेल के डिप्टी डायरेक्टर, मप्र मेडिकल साइंस विश्विद्यालय जबलपुर के उप कुलपति डॉ. अशोक खंडेलवाल एवं रजिस्ट्रार डॉ. पुष्पराज सिंह बखेल, मप्र शासन के स्वास्थ्य मंत्री तथा कलेक्टर को भी भेजी गई है। हालांकि अभी तक मामले में किसी भी स्तर से कार्रवाई नहीं हुई है। शिकायकर्ताओं की मानें तो नर्सिंग संस्थान के संचालक की उच्च स्तर की एप्रोच के चलते अधिकारी कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। 

अनियमितताओं की फेहरिश्त जिनकी इंडियन नर्सिंग काउंसिल से हुई शिकायत

  • एक ही भवन परिसर में तीन संस्थाएं (माही इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग सैलाना, अटल बिहारी नर्सिंग संस्था तथा लोटस हाईस्कूल) संचालित हैं क्योंकि कि नियम के मुताबिक भवन में तीनों संस्थानों के लिए पर्याप्त कमरे ही नहीं हैं।
  • रतलाम जिले के सरवन में संचालित माही स्कूल ऑफ नर्सिंग में भी यही स्थिति है।
  • लाइब्रेरी की किताबों को उक्त संस्थानों में आपस में हस्तांतरित कर दिया जाता है जबकि जानकार बताते हैं कि हर संस्थान के लिए पृथक से किताबें होनी चाहिए।
  • टीचिंग स्टाफ और नॉन टीचिंग स्टाफ के उपस्थिति रजिस्टर में नॉन अटेंडिंग टीचिंग स्टाफ को दर्शाया जाता है। इसके लिए उनकी डिग्री रखकर बदले में पांच हजार रुपए दिए जाते हैं।
  • प्रैक्टिकल परीक्षा में पास कराने के नाम पर विद्यार्थियों से 2 हजार से लेकर 5 हजार रुपए तक की वसूली की जाती है। रुपए नहीं देने पर फेल करने की धमकी दी जाती है।
  • कॉलेज में नॉन अटेंडिंग विद्यार्थियों कुल दर्ज संख्या का लगभग 50 प्रतिशत हैं। ऐसे में इनकी प्रैक्टिकल फाइल तैयार करने के लिए प्रति सब्जेक्ट 2-2 हजार रुपए वसूले जाते हैं।
  • बी.एस.सी. तथा जी.एन.एम के विद्यार्थियों को एक साथ बैठाकर पढ़ाई कराई जाती है।
  • जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति कम होती है, उनसे भी रुपए वसूले जाते हैं। ऐसे विद्यार्थियों की फर्जी उपस्थिति दर्शाई जाती है। इसके विपरीत पात्र विद्यार्थियों से छात्रवृत्ति के एवज में 1 हजार रुपए लिए जाते हैं।
  • एक क्लास रूम में विद्यार्थियों को बैठकर विभिन्न एंगल से फोटो खींचकर परमिशन लेने के लिए भेजे जाते हैं।
  • स्टाफ का जीपीएफ भी नहीं काटा जाता है।
  • कॉलेज में नॉन अटेंडिंग विद्यार्थियों का उत्तीर्ण होना भी आश्चर्य और जांच का विषय है।
  • कॉलेज संचालित करने के लिए अग्निशमन विभाग की एनओसी जरूरी है। यह एनओसी संस्थान में नहीं है।
  • अलग-अलग कॉलेज के विद्यार्थियों को एक साथ बैठाकर पढ़ाया जाता है।

आरोप खारिज करने के बजाय संचालक बोले- 100 फीसदी नियम का पालन मुश्किल

शिकायतकर्ता द्वारा बताई गई अनियमितताओं की फेहरिश्त एसीएन टाइम्स द्वारा संचालक सुनील यादव को भेजकर प्रबंधन का पक्ष रखने का आग्रह किया गया। यादव ने किसी भी आरोप को खारिज करने के बजाय मौजूदा दौर में तकनीकी शिक्षण संस्थान संचालित करने में आ हरी परेशानियों का हवाला दे दिया। संचालक यादव के अनुसार यदि 100 फीसदी नियमों का पालन करें तो संस्थान संचालित करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 100 फीसदी नियम का पालन तो जिले के किसी भी नर्सिंग  स्कूल / कॉलेज में नहीं हो रहा है।

इंडियन नर्सिंग काउंसिल को भेजी गई शिकायत की पीडीएफ देखने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें

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