इस चेहरे की खुशी व आंखों की चमक खास है, क्योंकि... अपनेपन का स्पर्श और कंधे पर संवेदना का हाथ है, देखिए, संवेदनशीलता की तस्वीरें व वीडियो...

मध्य प्रदेश के इस आईएएस अफसर ने आदिवासी अंचल के भ्रमण के दौरान संवेदनशीलता दिखाई जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। लोग कह रहे हैं कि कलेक्टर हो तो ऐसा।

इस चेहरे की खुशी व आंखों की चमक खास है, क्योंकि... अपनेपन का स्पर्श और कंधे पर संवेदना का हाथ है, देखिए, संवेदनशीलता की तस्वीरें व वीडियो...
कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने जैसे ही कंधे पर हाथ रखा, बुजुर्ग का चेहरा खुशी से खिल उठा।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । कहतें हैं कि बुढ़ापा मुसीबतें लेकर आता है लेकिन इन बुजुर्ग के चेहरे की खुशी और आंखों की चमक इस धारणा के उलट है। दरअसल, यह खुशी और आंखों की चमक अपनेपन और संवेदनाओं के स्पर्श का अहसास है। आप भी अपने आसपास ऐसी ही संवेदनाओं को महसूस कीजिए और इसी तरह खुलकर खुशी का इजहार कीजिए।

संवेदनाओं के स्पर्श के व्यापक असर वाली यह तस्वीर है रतलाम जिले के आदिवासी बहुल विकासखंड के बेड़दा की। हमने हमेशा लोगों को यह कहते हुए सुना है कि किसी का संवेदनशील दिखना उतना मायने नहीं रखता जितना कि संवेदनशील होना और उसका अहसास होना है। तस्वीर में इस बूढ़े चेहरे पर नजर आ रही खुशी भी इस बात की गवाही देती है कि कंधे पर रखा हाथ सिर्फ एक बड़े अफसर का नहीं, बल्कि संवेदनाओं का अहसास कराने वाले अपनेपन का स्पर्श है।

व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरस्त रखना प्रशासनिक अफसरों की जिम्मेदारी है। अपनी इसी जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए रतलाम कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी इन दिनों अपना ज्यादातर समय फील्ड में गुजार रहे हैं। बुधवार को वे आदिवासी अंचल के बेड़दा गांव पहुंचे थे। यहां भी उनके संवेदनशील होने की कुछ तस्वीरें सामने आईं। यहां उन्होंने चौपाल का आयोजन किया। इसमें सैलाना के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), जनपद पंचायत सैलाना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, विभिन्न विभागों के अधिकारी, खण्ड स्तरीय अधिकारी तथा ग्रामवासी शामिल हुए।

मोटरसाइकिल से तय किया आदिवासी अंचल का पथरीला रास्ता

इस दौरान उन्हें जमुनिया तालाब से संबंधित शिकायत मिलने पर वे शासकीय अमले के साथ तालाब की ओर चल पड़े। रास्ता पथरीला और खराब होने से वे अपना चारपहिया वाहन वहीं छोड़ मोटरसाइकिल पर बैठकर ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंच गए। परीक्षण के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों को तत्काल निराकरण के निर्देश दिए।

बच्चों ने दिए सवालों के जवाब तो शाबासी के साथ चॉकलेट भी बांटी

कलेक्टर सूर्यवंशी ने स्थानीय स्कूल का औचक निरीक्षण किया। यहां बच्चों से गणित और विज्ञान के सवाल पूंछे। बच्चों ने ठीक जबाब दिए तो कलेक्टर ने शाबासी देते हुए बच्चों को इनाम स्वरूप चॉकलेट बांटी।

वे शासकीय राशन दुकान का निरीक्षण कर स्टॉक रजिस्टर का अवलोकन किया। उपस्थित ग्रामीणों से राशन वितरण की जानकारी ली। ग्रामीणों ने समय पर खाद्यान सामग्री मिलने की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बहुत ही अपनेपन से एक बुजुर्ग के कंधे पर हाथ रखा तो उनका चेहरा खुशी से खिल गया और आंखें चमक उठीं।

डॉक्टर और अधिकारियों की उपस्थित पर पूछे सवाल

भ्रमण के दौरान कलेक्टर सूर्यवंशी ने ग्रामीणों को पेसा नियम के तहत जमीन के अधिकार, जल के अधिकार, जंगल के अधिकार, श्रमिकों के अधिकार, स्थानीय संस्थाओं-पंरपराओं और संस्कृति का संरक्षण व संवर्धन की जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के अन्तर्गत आने वाली सभी पेंशन, प्रधानमंत्री आवास, शौचालय निर्माण, नामान्तरण, बटवारा, पोषण आहार वितरण आदि के बारे में भी बताया। कलेक्टर ने ग्रामीणों से पूछा कि क्षेत्र में डॉक्टर, एवीएफओ, पंचायत सचिव, सुपरवाइजर आदि रोज पंचायत में उपस्थित होते हैं या नहीं। ग्रामीणों से इस मामले में सरात्मक जवाब मिले।

ग्रामीणों ने बताई वोल्टेज की समस्या

ग्रामीणों ने कम वोल्टेज आने की समस्या कलेक्टर को बताई। इस पर कलेक्टर ने बिजली वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री को तत्काल समस्या के निराकरण के निर्देश दिए। ग्राम के आंगनवाड़ी की जांच की गई बच्चों को उपहार वितरित किए, नामांकित बच्चों और उपस्थित बच्चों की संख्या के बारे में जानकारी ली गई। महिला बाल विकास अधिकारी को आंगनवाड़ी में रंग-रोगन करने के निर्देश दिए।