किडनी प्रत्यारोपण के चार में से दो प्रकरण स्वीकृत, अंगदान संभागीय प्राधिकार समिति की बैठक में हुआ निर्णय

अंगदान संभागीय प्राधिकार समिति के समक्ष किडनी प्रत्यारोपण के चार प्रकरण रखे गए थे। जांच में दो अन्य प्रकरण में दस्तावेज पर्याप्त नहीं थे। अतः उन्हें पूरे दस्तावेज के साथ पुनः प्रयास करने की सलाह दी।

किडनी प्रत्यारोपण के चार में से दो प्रकरण स्वीकृत, अंगदान संभागीय प्राधिकार समिति की बैठक में हुआ निर्णय
किडनी प्रत्यारोपण के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान करते अंगदान संभागीय प्राधिकार समिति के सदस्य।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । अंगदान संभागीय प्राधिकार समिति की बैठक शासकीय मेडिकल कॉलेज में संपन्न हुई। इमें किडनी प्रत्यारोपण के दो प्रकरण रखे गए जिसमें को समिति ने स्वीकृति दे दी।

बैठक की अध्यक्षता रतलाम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने की। इस मौके पर समिति सदस्य मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर नानावरे, मेडिकल कॉलेज के डॉ. नीलम चार्ल्स, डॉ. महेंद्र चौहान, डॉ. राकेश सिसौदिया, स्वयंसेवी संस्था के समाजसेवी गोविंद काकानी व मनीषा ठक्कर ने प्रत्येक मरीज एवं उनके परिजन से जानकारी ली गई। इसके साथ ही सदस्यों ने स्वैच्छिक किडनी दान के बारे में परिजन से उनके रिश्तों की जानकारी ली। परिवार के सदस्यों से पुराने फोटो और आपसी संबंधों के बारे में पूछताछ के दो प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की गई।

संभागीय प्राधिकार अंगदान समिति अध्यक्ष डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि कुल 4 प्रकरणों में से 2 जावरा व आगर के मरीज के किडनी प्रत्यारोपण प्रकरण को स्वीकृति प्रदान की गई है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि समिति के सदस्यों एवं डॉक्टरों के सराहनीय सहयोग से यह कार्य लगातार चल रहा है। किडनी एवं लीवर प्रत्यारोपण पूर्ण रूप से स्वैच्छिक एवं सुरक्षित होना चाहिए। इसके लिए हम हमेशा पूर्ण जानकारी एकत्रित करने के बाद ही स्वीकृति प्रदान करते हैं। दो प्रकरण में आवश्यक दस्तावेज पूरे नहीं होने से उन्हें स्वीकृति नहीं दी जा सकी।

एक को माता तो एक को पिता ने किडनी देने का दिया आवेदन

संभागीय प्राधिकार अंगदान समिति के सदस्य एवं समाजसेवी गोविंद काकानी ने बताया स्वीकृत 2 प्रकरणों में एक में माता ने और दूसरे में पिता ने पुत्र को किडनी देने का आवेदन दिया। जिसे पूर्ण जानकारी एकत्र कर संतुष्ट होने पर स्वीकृत किया गया। शेष 2 प्रकरणों में आवश्यक दस्तावेज की कमी होने से उन्हें अगली बार बैठक में पूर्ण दस्तावेज के साथ उपस्थित होने के लिए कहा गया।

मरीज और किडनी देने वालों को दी उपयोगी सलाह

रतलाम मेडिकल कॉलेज अंगदान समिति के माध्यम से किए जा रहे इस पुनीत कार्य से दूर-दूर तक के लोगों को अब इधर-उधर नहीं भटकना पड़ता है और त्वरित किडनी प्रत्यारोपण होता है। नोडल अधिकारी डॉ. अतुल कुमार ने किडनी देने वाले दोनों प्रकरण के माता एवं पिता को किडनी प्रत्यारोपण के बाद मरीज के साथ-साथ स्वयं के ध्यान रखने संबंधी जानकारी प्रदान की।

अंत में समिति सदस्यों ने दोनों परिवारों से ऑपरेशन के बाद होने वाले खर्च, मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी एवं व्यवस्थाओं के बारे में अवगत कराने के लिए कहा ताकि अन्य मरीज भी लाभ उठा सकें।